5 Dariya News

सुखपाल सिंह खेहरा द्वारा लगाये दोष बौखलाहट का परिणाम : राणा गुरजीत सिंह

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चंडीगढ़ 14-Jun-2017

पंजाब के विद्युत व सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने आज आप पार्टी के दर किनार किये नेता सुखपाल सिंह खेहरा द्वारा लगाये सभी दोषों को रदद  करते हुये चुनौती देते हुये कहा कि खेहरा दोषों को या तो सबूतों सहितसिद्ध करे या फिर अपना मुंह बंद रखे।राणा गुरजीत सिंह ने खेहरा द्वारा लगाये गये सभी दोषों को शुरू से नकारते हुये यह दोष भी रदद किया है जिसमें खेहरा ने कहा है कि राणा ने जमीन खरीदी और उसको बैंक से कर्जा लेने के लिए प्रयोग किया। उन्होने कहा कि खेहरा को बिल्कुल नही पता और वह यह सब कुछ जानबूझ कर उनकी छवि खराब करने के लिए कर रहा है और या फिर वह अपना राजनीतिक असित्तव बचा रहा है। क्योकि आप पार्टी ने उसको किनारे लगा रखा है और ना ही विधान सभा में विरोधी पक्ष का नेता बनाया और ना ही राज्य प्रधान।यहां एक प्रैस कांफ्रैस दौरान जानकारी देते हुये राणा गुरजीत ने बताया कि खेहरा द्वारा शामलाट जमीन खरीदने के लगाये दोष बिल्कुल गलत है क्योकि एसएएस नगर की एडीसी विकास की अदालत ने कुलैक्टर के रूप में मिली ताकतों का दुरपयोग करते हुये एक जुलाई 2016 को यह आदेश सुनाया था यह जमीन 2(जी) की परिभाषा अधीन नही आती इस लिए इसकी मलकीयत ग्राम पंचायत अधीन नही आती उन्होने बताया कि अदालत ने खरड़ तहसील अधीन आते गांव सयुंक  के 180 निवासियों की पटीशन भी स्वीकार कर ली थी जिनको की जमीन के मालिक माना गया था। 

राणा गुरजीत ने आगे बताया कि उन्होने कोई कर्जा नही लिया 109 करोड़ रूपये का कर्जा सुपीरियर फूड ग्रेन प्राइवेट लि. कपंनी ने तीन वर्ष पहले लिया था जिसमें से 55 करोड़ रूपे टर्म लोन था जबकि 40 करोड़ रूपये वर्किंग कैपिटल था उन्होने कहा कि जमीन इस लिए गिरवी रखी थी ताकि बैंक को अधिक जमानत दी जा सके उन्होने कहा कि यह बिल्कुल उसी तरह है जैसे की हाऊस लोन में घर बैंक  के पास गिरवी पड़ा होता है।उन्होने कहा कि खेहरा की यह बात कि आखरी भुगतान बैंक द्वारा 17 अप्रैल,2017 को किया गया था यदि सिद्ध कर दी जाए तो वह इस्तीफा दे देगें। खेहरा ने कहा कि कुलविन्द्र सिंह ने राणा गुरजीत सिंह के लिए जमीन खरीदी जबकि राणा गुरजीत सिंह ने कोई जमीन नही खरीदी बल्कि राणा रणजीत सिंह और सुखजिन्द्र कौर ने जमीन खरीदी है। और पावर आफ अटारनी पास होने के लिए आपको किसी का कर्मचारी होना जरूरी नही हे।खहेरा बार बार कह रहा है कि राणा गुरजीत सिंह डिफालटरहै। हां, हमतो किसानों के केवल 52 करोड़ रूपये के देनदार है। जबकि चीनी मिलों ने किसानों के कुल 2200 करोड़ रूपये देने है। 

अनजान खहेरा को तो यह भी नही पता कि किसी के पैसे देने और डिफालटर होने में अंतर क्या है।मिल मालिकों और किसानों में निंरतर चलने वाला एक रिश्ता होता है और तो और यूपी सरकार को बेची बिजली के बदले अभी सरकार ने 72 करोड़ रूपये मिल को देने है।मिल द्वारा 30 करोड़ रूपये का लिया कर्जा सीधा गन्ना उत्पादकों को जारी किया गया दरअसल यह कर्जा एक स्कीम अधीन लिया गया थाताकि किसानों को अदायगी की जा सके। इससे पहले खहेरा ने दोष लगायाथा कि अमित बहादुरने बेनामी और हवाला रािश रेत की खदाने खरीदने के लिए प्रयोग की है। अब वह खुद कह रहा है कि हो सकता है यह राशिकर्जे के रूप में ली गई हो ताकि खदाने ली जा सके। क्या बौखलाहट में आकर वह अपनी ही बात को नही काट रहा? खेहरा दोनों ही बातों में सच्चा नही हो सकता ।

खेहरा ने कहा कि राणा गुरजीत सिंह विजय मालया कि तरह भाग जाएगा। मै उसको बता दूं  कि मंै उस समय पंजाब में आया था जब आंतकवाद का पूरा दौर था और जब खेहरा और उसका पिता सुखजिन्द्र सिंह खेहरा खालिस्तानी झंडे लहरा रहे थे और खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रह थे। मैं कही नही जा रहा।सुखपाल खेहरा एक निराशा बंदा है और बौखलाहट में है। आप पार्टी ने भी उस को दर किनार कर दिया है ना तो उसको राज्य प्रधान बनाया और ना ही विधान सभा में विरोधी पक्ष का नेता। अब वह सस्ती शोहरत हासिल करने के लिए ठीक उसी प्रकार मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहा है जैसे कि उसने अपनी ही पार्टी के नेता भगवंत मान को अपने विदेशी चेलों द्वारा बदनाम करने की कोशिश की थी कि भगवंत मान शराबी और नशेड़ी है।