5 Dariya News

विजिलैंस द्वारा गमाडा के मुख्य इंजीनियर सुरिन्द्रपाल की 92 जायदादें बेनकाब

पारिवारिक कंपनियों के खातों में जमा करवाये 57 करोड़ रूपये

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चंडीगढ़ 14-Jun-2017

पंजाब विजिलैंस ब्यूरो ने गमाडा के मुख्य इंजीनियर रहे सुरिन्द्रपाल सिंह द्वारा वर्ष 2001 से 2016 दौरान पारिवारिक सदस्य के नाम पर बनाई कपंनियों द्वारा 92 जायदादें खरीदने का खुलासा किया है। इसके अतिरिक्त दोषी सुरिन्द्रपाल द्वारा अपनी पत्नी और माता की तीन कपंनियो के खातों में 57 करोड़ रूपये नकद जमा करवाने का भेद भी खोला है।इस संबंधी जानकारी देते हुये विजिलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बतायाकि इस संबधी विजिलैंस ब्यूरो अब तक की जांच और छापो के पश्चात यह सामने आयाहै कि दोषी इंजीनियर द्वारा यह जायदादों वाली कमाई से बनाई गई जोकि उसने अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम पर खरीदी है वह अन्य संपतियों की जांच की जा रही है। उन्होने बताया कि सुरिन्द्रपाल विरूद्ध इस संबधी पहले ही भ्रष्टाचार नियंत्रण कानून की धारा 13(1), 13(2)सहित धारा 420, 506 व 120 बी तहत थाना उडय़न दस्ता-1 मोहाली में मुकदमा दर्ज किया जा चुका है जिसने मुख्य इंजीनियर सहित दो अन्य दोषियों को गिरफतार किया जा चुका है।

दोषी सुरिन्द्रपाल सिंह द्वारा विभिंन फर्मो के नाम अधीन खरीदी संपतियों के विवरण देते हुये उन्होने कहा कि वर्ष 2001 से 2016 दौरान दोषी द्वारा विभिंन स्थानों पर लगभग 92 संपतियों खरीद गई जिनमें से 42 संपपियां एकसैस एग्रोसीड, प्रा. लि. के नाम अधीन , पांच संपतियां अवार्ड एग्रो प्रा. लि. लुधियाना द्वारा, 11 संपतियों आस्टर एगो्र टरेडरज प्रा. लि. लुधियाना, बीस संपतियां एकमे क्रैसरज एंड बिल्डरज प्रा. लि. लुधियाना, दो संपतियां एक ओंकार बिल्डरज एंड कोटरैक्टज प्रा. लि. के नाम और 12 संपतिया अपने सहित अपने परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी उन्होने बताया कि इसके अतिरिक्त उसने वर्ष 2014 दौरान दो कनाल की कोठी चंडीगढ में अवार्ड एग्रो  टरेडरज के नाम पर खरीदी प्रवक्ता ने बताया कि एक्सैस एग्रो सीड कंपनी मार्च 2005 में बनाई जिसमें उसकी पत्नी मनदीप कौर और माता स्वर्णजीत कौर डायरैक्टर थी इस कपंनी में 31 मार्च 2016 तक दोषी द्वारा लगभग 20 करोड़ रूपये जमा करवाये गये जिस संबधी अन्य जांच की जा रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि सुरिन्द्रपाल ने अपनी और माता अधीन अवार्ड एग्रो टरेडरज नई कपंनी 2009 में बनाई और 31-3-2016 तक इस कपंनी में लगभग 18 करोड़ रूपये नकद जमा करवाये उक्त दोषी द्वारा वर्ष 2009 में एक अन्य कंपनी आस्टर एग्रो टरेडरज बनाई गई जिसमें उसकी माता और पत्नी दोनों डायरैक्टर थी और इस कपंनी में 31-3-2016 तक लगभग 19 करोड़ रूपये जमा करवाये गये।प्रवक्ता ने बताया कि इंजीनियर सुरिन्द्रपाल ने वर्ष 2008 में एकमे करैशर और बिल्डरज कपंनी बनाई जिसमें उसकी पत्नी के पास सबसे अधिक मलकीयत हक थेउन्होने बताया कि एक ओंकार बिल्डरज एंड कोटरैक्टरज प्रा. लि. कंपनी वर्ष 2010 में बनी जिसमें गिरफतार किये गये दोनों दोषी पूर्व जेई गुरमेश सिंह गिल्ल और मोहित कुमार डायरैक्टरज है और इस कपंनी को सुरिन्द्रपाल अपनी तैनाती दौरान अधिक टैडर अलाट करता रहा। 

विजिलैंस ब्यूरो की जांच दौरान यह भी सामने आया कि इस फर्म ने गमाडा ओैर पंजाब मंडी बोर्ड में कई कार्यो के ठेके लिए जिसकी अदायगी इन दोनों अदारों द्वारा इस कंपनी को की गई पर इस फर्म के खाते में नकद पैसे निक लवाने के पश्चात यह राशि सुरिन्द्रपाल के परिवार की मलकीयत वाली तीन कंपनियों एक्सैस, अवार्ड और आस्टर के खातों में जमा हुये इस संबधी अन्य जांच की जा रही है प्रवक्ता ने बताया कि दोषी सुरिन्द्रपाल द्वारा अपने पारिवारिक सदस्यों और रिश्तेदारों के नाम अधीन विभिंन 12संपतिया खरीदी गई। दोषी सुरिन्द्रपाल सिंह द्वारा गमाडा में बतौर मंडल इंजीनियर की तैनाती दौरान कुल लगभग 1030 करोड़ रूपये की कीमत के कुल 200 से अधिक विभिंन कार्य अलाट किये जिनमें लगभग 500 करोड़ रूपये की कीमत के कार्य अकेले उक्त दर्शाई तीनों कंपनियों को ही अलाट किये गये।मैसर्ज एक ओंंकार बिल्डरज एंड कंटै्रक्टरज प्राइवेट लि. कपंनी , मैसर्ज रजिन्द्र एंड कपंनी, मैसर्ज ओयेसीज टैक्रोकोनज प्राइवेट लि. कपंनीयों को अलाट किये गये इस संबधी अन्य जांच की जा रही है।