5 Dariya News

एसटीएफ द्वारा इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह तस्करी करवाने और तस्करों की

इंस्पैक्टर के घर से 4 किलो हैरोईन व 3 किलो समैक बरामद , छापे दौरान एक पिस्तौल, कई जिंदा कारतूस ओर 16.50 लाख रूपये नकद मिले

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चंडीगढ़ 12-Jun-2017

पंजाब पुलिस की विशेष टास्क फोर्स ने सीमावर्ती जिला तरनतारन में नशा तस्करो की मदद करने के दोष अधीन पुलिस इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह को गिरफतार किया है जो अपने सहयोगियों द्वारा तस्करी भी करवाता रहा।आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुये विशेष टास्क फोर्स के मुखी श्री हरप्रीत सिंह सिद्धू एडीजीपी ने बताया कि उक्त दोषी इंस्पैक्टर विरूद्ध केस दर्ज करने के उपरांत एसटीएफ जांलधर के एआईजी मुखविन्द्र सिंह , एआईजी लुधियाना स्नेहदीप शर्मा  और एआईजी रूपनगर हरप्रीत सिंह की अध्क्षता अधीन भिन्न भिन्न टीमों ने सांझे तौर पर छापेमारी की और इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह (न.108/अमृतसर)सहित डीएसपी जसवंत सिंह विरूद्ध टास्क फोर्स के एसएएस नगर थाने में मुकदमा न:1, दिनांक 12-06-2017 अधीन  एनडीपीएस कानून  तहत धारा 59 (2) (अ) और भारतीय दंडावली की धारा 218, 466,471,120 -बी तहत  केस दर्ज कर लिया गया है।उन्होने बताया कि आज की छापेमारी दौरान उक्त दोषी इंस्पैक्टर की रिहायश से अलग अलग बौर के काफी मात्रा में जिंदा कारतूस , 9 एमएम को एक गैर कानूनी पिस्तौल, 16.50 लाख रूपये नकद और 3550 पौंड बरामद हुये है। 

गिरफतारी उपरंात  की गई पूछताछ दौरान उस की फगवाड़ा स्थित सरकारी रिहायश से 4 किलो हैरोईन और 3 किलो समैक भी बरामद हुई है और इसके आधार पर उक्त दर्ज मुकदमे में एनडीपीएस कानून की धारा 22,61,85 सहित असला कानून की धारा 25,54,59 भी जोड़ दी गई है।अन्य विवरण देते हुये श्री सिद्धू ने बता कि एसटीएफ को भरोसे योग सुत्रों से रिपोर्ट मिली थी कि तरनतारन में लम्बे समय से तैनात रहा इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह कुछ तस्करों की सहायता करता आ रहा है वह आजकल फिरोजपुर रेंज में बदली अधीन तैनात था उन्होने बताया कि वर्ष 2013 और 2014 दौरान अपने अधीन आते क्षेत्र में वह तस्करों की सहायता करने के अतिरिक्त स्वयं भी अपने सहयोगियों के साथ तस्करी करने में शामिल था।श्री सिद्धू ने बताया कि अपनी तैनाती दौरान दोषी इंद्रजीत सिंह ने तस्करों से पैसे हड़पने के साथ नशों की बरामदगी की और उन में से कुछ को ढिल्ली तफतीश करके रिहा करवाने मे सहायता की उन्होने कहा कि एसटीएफ पिछले पांच वर्षो दौरान अदालतों द्वारा बरी किये प्रसिद्ध समगलरों के केसों की पहले ही जांच कर रही थी विशेषकर जिनमें बड़ी मात्रा में ड्रग बरामद हुई थी! 

उन्होने बताया कि जांच दौरान यह सामने आया कि तरनतारन जिलों मे दर्ज तीन मुकदमों (मुकदमा नम्बर 155/2013, मुकदमा न: 100/2013 और मुकदमा न: 85/2013) में अदालतों ने इस आधार पर दोषी तस्करों को बरी कर दिया कि इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह एनडीपीएस कानून के मुताबिक मुकदमे दर्ज करते समय और उपरांत पड़ताल करने के समर्थ नही थी क्योकि उस समय वह पक्का हवलदार ही था और इंस्पैक्टर का रैंक उसको लोकल रेंज स्तर पर मिला हुआ था इस कानून अनुसार केवल इंस्पैक्टर या उससे उपर रेंक का अधिकारी ही नशों से जुड़े केसों को दर्ज व जांच कर सकता है।श्री सिद्धू ने बताया कि उक्त दर्ज तीनो मुकदमों की जांच दौरान दोषी इंस्पेक्टर ने जानबूझ कर कमिया छोड़ी और गाडियो के नम्बर गलत लिखे इन तीनों केसों की आगामी जांच के लिए आईजी सीमावर्ती रेंज और जिला पुलिस मुख्य तरनतारन को लिख गया, जिन्होने तथ्यों की गहराई से जांच पश्चात दोषी इस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह और डीएसपी जसवंत सिंह के खिलाफ एनडीपीएस कानून की धारा 59(2)तहत फौजदारी कार्यवाही के लिए सिफारिश की थी। 

अन्य जानकारी देते हुये एसटीएफ मुख्य ने बताया कि उक्त इंस्पैक्टर विरूद्ध विजिलैंस ब्यूरो द्वारा भी भ्रष्टाचार नियंत्रण कानून की धारा 7,8, 13(2)तहत मुकदमा दर्ज किया हुआ है जिसकी जांच जारी है।श्री सिद्धू ने बताया कि पंजाब सरकार राज्य में नशों के खात्मे और तस्करों को काबू करने के लिए वचनबद्ध है और एसटीएफ इस दिशा में अपनी विशेष भूमिका निभा रहा है। उन्होने कहा कि इस पड़ताल दौरान दोषी पाये गये किसी भी व्यक्ति का बख्शा नही जाएगा और इस केस में तस्करो के जाल को उजागर करने के लिए एसटीएफ जांलधर जोन के आईजी श्री प्रमोद बान की अध्यक्षता अधी एआईजी जांलधर मुखविन्द्र सिंह छीना को जिम्मेवारी सौंपी गई है।