5 Dariya News

ओडिशा में कृषि मंत्री पर अंडे फेंके, मप्र में किसान आंदोल जारी

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भुवनेश्वर/भोपाल 10-Jun-2017

मध्य प्रदेश में किसानों के हिंसक आंदोलन पर चुप्पी साधने वाले केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के वाहन पर शनिवार को युवा कांग्रेस की ओडिशा इकाई के सदस्यों ने अंडे फेंके। कांग्रेस कार्यकर्ता मध्य प्रदेश में गोलीबारी में किसानों के मारे जाने की घटना का विरोध कर रहे थे। कृषि मंत्री पर अंडों से हमला तब किया गया, जब वह यहां राज्य अतिथिशाला से खुर्दा जिले के जतानी जा रहे थे। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे भी दिखाए। केंद्रीय मंत्री 'सबका साथ, सबका विकास' कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए ओडिशा के दौरे पर हैं।चश्मदीदों ने कहा कि हालांकि अंडा मंत्री को नहीं लगा, लेकिन कुछ अंडे उनके आधिकारिक वाहन के सामने टूटे।घटना के बाद, पुलिस आयुक्त ने एक प्राथमिकी दर्ज की और पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष लोकनाथ महारथी भी शामिल हैं।मंत्री को किसान विरोधी बताते हुए महारथी ने कहा कि भाजपा शासित मध्य प्रदेश में किसानों की बर्बर हत्या के बाद राधा मोहन सिंह को कृषि मंत्री के पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रदीप माझी ने केंद्र सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया।

माझी ने कहा, "अंडों से हमला उन्हें उनकी गलती का अहसास कराने के लिए किया गया, ताकि ओडिशा तथा देश के अन्य हिस्सों के किसानों की समस्याओं का समाधान हो।"मंदसौर जिले में पुलिस की गोलीबारी में छह किसानों की मौत से आक्रोशित कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन का मुख्य केंद्र मध्य प्रदेश है, जहां फिलहाल हालात काबू में हैं, लेकिन जैसे ही शनिवार को सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई, हालात तनावपूर्ण हो गए।जिलाधिकारी ओ.पी.श्रीवास्तव ने कहा कि मंदसौर में स्थानीय बाजार खुले, जिसके बाद लोग राशन लेने के लिए अपने घरों से बाहर निकले। उन्होंने कहा कि अशांत क्षेत्र में कोई अप्रिय घटना नहीं घटी है।श्रीवास्तव ने कहा, "अगर हालात का सामान्य होना जारी रहा, तो सोमवार से कर्फ्यू हटा लिया जाएगा।"मंदसौर शहर के बाहरी इलाके में स्थित थोक कृषि बाजार (मंदसौर कृषि उपज मंडी) में वीरानी छाई रही, क्योंकि शनिवार को लगातार 10वें दिन कोई भी किसान अपना उत्पाद बेचने नहीं आया।किसान ऋण माफी तथा अपने उत्पादों की कीमतों को बढ़ाने की मांग को लेकर बीते एक जून से ही हड़ताल पर हैं।

अनुमान के मुताबिक, हड़ताल के कारण राज्य के कृषि क्षेत्र को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है। सामान्य तौर पर इस बाजार में पूरे मध्य प्रदेश तथा पड़ोसी राजस्थान के हिस्सों से लगभग 5,000 किसान अपना उत्पाद बेचने आते हैं और अनुमानित तौर पर रोजाना पांच करोड़ रुपये का कारोबार होता है।मंदसौर तथा इससे जुड़ा नीमच जिला किसानों के आंदोलन का केंद्र बिंदु है, जबकि किसानों पर छह जून को की गई पुलिस की गोलीबारी के बाद यह राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल चुका है।मध्य प्रदेश के किसानों के जोरदार प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में शांति बहाली होने तक शनिवार से अनिश्चितकालीन उपवास शुरू किया।

मुख्यमंत्री ने अपना कार्यालय भेल दशहरा मैदान से चलाने का फैसला किया है, जहां वह उपवास पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि यह एक खुले मंच का काम करेगा, जहां किसान तथा लोग उनसे सीधे मुलाकात करने में सक्षम होंगे।विपक्ष ने शिवराज के उपवास के फैसले की आलोचना की है।मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि यह सब तमाशा है। उन्होंने कहा, "उन्होंने मंदसौर में मारे गए किसानों के परिवारों तथा पटाखे की फैक्ट्री में मारे गए 25 लोगों के परिवारों से मिलने पर कभी विचार नहीं किया।"वहीं, दिल्ली में मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कृषि को एक 'नुकसान वाला पेशा' बनाने और किसानों की शिकायतों का समाधान गोलियों से करने का आरोप लगाया।