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राज्य के कारीगरों को बेहतर विपणन सुविधाएं उपलब्ध करवाने हेतु कदम उठाये जा रहे हैं- सईद फारूक अहमद अंद्राबी

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जम्मू 08-Jun-2017

हज एवं औकाफ, पीएचई, सिंचाई एवं बाढ नियंत्रण राज्यमंत्री सईद फारूक अहमद अंद्राबी ने कहा कि राज्य के हथकर्घा तथा हस्तकला कारीगरों को बेहतर विपणन सुविधाएं प्रदान करने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं। मंत्री ने यह बात राज्य में मेगा कारपेट कलस्टर डिवेल्पमैंट स्कीम को लागू करने की स्थिति की समीक्षा हेतु वरिश्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक के दौरान कही। उद्योग एवं वाणिज्य आयुक्त सचिव शैलेंद्र कुमार, हथकर्घा निदेशक, कारपेट टेकनालोजी श्रीनगर के इंडियन इंस्टीच्युट निदेशक, सीकॉप के प्रबंध निदेशक, खादी एवं विलेज इंडस्ट्रीज बोर्ड के सीईओ के अलावा कारपेट कलस्टर डिवेल्पमेंट आर्गनाईजेशन कश्मीर के चेयरमैन तथा उपचेयरमैन बैठक में उपस्थित थे।बैठक में यह जानकारी दी गई कि योजना के तहत बुनकरों को 8000 कालीन दिये गये तथा राज्य के लगभग 8000 युवाओं को कालीन बुनने का प्रशिक्शण दिया गया। बैठक में यह भी बताया गया कि इस योजना के 7 भागों में से 2 को ही लागू किया गया है तथा यह योजना गत वर्श के अंत तक बंद हो गई थी। 

मंत्री ने सम्बंधित अधिकारियों को इस योजना के अधीन राशि को बढ़ाने तथा मंजूर करने के मुददे को सम्बंधित केन्द्रीय मंत्रालय के समक्श रखने के निर्देश दिये ताकि राज्य में कालीन तथा अन्य हथकर्घा उत्पादनों की गुणवत्ता व आकार में सुधार लाने हेतु आम सुविधा केन्द्र, निर्यात सुविधा केन्द्र, व्यापार सुविधा केन्द्र तथा टैस्टिंग लैब भी स्थापित किये जा सकें।अंद्राबी ने कहा कि सरकार आसानी से बुनकरों तथा कारीगरों को कच्चा माल उपलब्ध करवाने हेतु एक कच्चा माल बैंेक स्थापित करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में पहले से ही विभिन्न कदम उठाये गये हैं। उन्होंने कहा कि बुनकरों तथा कारीगरों को जमीनी स्तर पर सुविधाएं देने के लिए आधुनिक विपणन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मंत्री ने सम्बंधित अधिकारियों से कहा कि सभी बुनकरों तथा कारीगरों का पंजीकरण होना चाहिए तथा उनके उत्पादन को आसानी से ऑनलाईन बेचने के लिए उनकी पहचान विभाग की वैबसाईट पर होनी चाहिए।  मंत्री ने कहा कि कालीन उद्योग को बढावा देने के लिए नई तकनीक अपनाने तथा कौशल को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।