5 Dariya News

स्कूल शिक्षा में नई पहलकदमियों तथा बेहतर प्रबंधों संबंधी उत्तरीय राज्यों की दो दिवसीय कान्फ्रैंस आरंभ

केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कान्फ्रेंस के उद्घाटनी भाषण में गुणात्मक शिक्षा पर दिया बल

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चंडीगढ़ 01-Jun-2017

स्कूल शिक्षा ढांचे में सुधार लाने, गुणात्मक शिक्षा पर बल देने और विभिन्न राज्यों द्वारा किये जा रहे बढिय़ा प्रयासों को सांझा करने के उद्धेश्य से आज यहां चंडीगढ़ में उत्तरीय भारत के 8 राज्यों की शिक्षा संबंधी क्षेत्रीय कान्फ्रेंस की शुरूआत हुई। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहयोग से पंजाब के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा करवाई जा रही इस कान्फ्रेंस का उद्घाटन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के केंद्रीय राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने पंजाब की शिक्षा मंत्री श्रीमती अरूना चौधरी की उपस्थिति में किय। इस कान्फ्रेंस में मेज़बान पंजाब के अतिरिक्त जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली एवं चंडीगढ़ (यू टी) हिस्सा ले रहें हैं।कान्फ्रेंस के आरंभ में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री श्री कुशवाहा तथा विभिन्न राज्यों से आये डेलीगेट का स्वागत करते हुये पंजाब की शिक्षा मंत्री श्रीमती चौधरी ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का सपना है कि पंजाब शिक्षा के क्षेत्र में देश के अग्रणीय राज्यों में आये जिसके लिये वह सबसे अधिक पहल शिक्षा विभाग को दे रहें हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी कान्फ्रेंस सें विभिन्न राज्यों में चल रहे बेहतर प्रयासों को सांझा करके शिक्षा का स्तर और उंचा उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पंजाब में शिक्षा का बेहतर ढांचा निर्मित करने के लिये निम्न स्तर से शुरूआत की जा रही है जिसका खुलासा आगामी बजट सत्र में होगा। 

श्रीमती चौधरी ने कहा कि पंजाब सरकार की मुख्य पहल निम्न वर्ग के बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान कर उनको पैरों पर खड़ा करना है जिसके लिये प्राईमरी स्तर से शिक्षा सुधारों की शुरूआत की जा रही है। उन्होंने कहा कि ई-पंजाब पोर्टल बनाया गया है जिससे राज्यभर के समस्त 30000 सरकारी, प्राईवेट एडिड स्कूल पंजीकृत हैं। इसके अतिरिक्त 17 आदर्श स्कूल और गरीब होश्यिर विद्यार्थीयों के लिये 10 मैरीटोरियस स्कूल चल रहें हैं। 

पंजाब सरकार की भविष्यीय योजनाओं का खुलासा करते हुये श्रीमती चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी का सपना है कि सकैंडरी स्तर से विदेशी भाषा को ऑप्शन के तौर पर शुरूआत करने के प्राईमरी स्तर से भी सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम की ऑप्शन होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि इस दिशा में शिक्षा विभाग द्वारा एक योजना बनाई जा रही है कि राज्य में 400 सरकारी स्कूलों में पहली श्रेणी से अंग्रेजी माध्यम को चयनित माध्यम के तौर पर आरंभ किया जाये तो प्राईवेट स्कूलों में केवल अंग्रेजी माध्यम का आकर्षण देखकर अपने बच्चों का प्रवेश करवाने के इच्छुक अभिभावक सरकारी स्कूलों की तरफ रूख कर सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अंग्रेजी माध्यम किसी भी विद्यार्थी पर थोपा नही जायेगा बल्कि पंजाबी माध्यम के साथ अंग्रेजी चयनित माध्यम होगा।अंत में श्रीमती चौधरी ने इस कान्फ्रेंस क ो विचारों के आदान-प्रदान का बेहतर मंच करार देते हुये कहा कि विभिन्न राज्यों में शिक्षा पढ़ाने की विधियां और बेहतर प्रयासों को विभिन्न राज्य एक दूसरे से सांझा करें। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में योगदान डाल रही गैर सरकारी संगठनों का भी स्वागत करते हुये उनके प्रयासों की सराहना की।इस पश्चात कान्फ्रेंस का उद्घाटनी भाषण देते हुये कें द्रीय राज्य मंत्री श्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर सुधार लाना एक निरंतर प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय का एक ही उद्धेश्य गुणात्मक शिक्षा पर बल देना है। उन्होंने कहा कि कान्फ्रेंस का उद्धेश्य यही है विभिन्न स्थानों पर हो रहे बेहतर प्रयासों को और फैलायें तथा सभी राज्यों को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि एन सी ई आर टी 'लर्निंग आउटकम नीति पर बल दिया जा रहा है जिससे विद्यार्थी का विषय और क्लास अनुसार मूल्यांकन किया जाये।इससे पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एवं पंजाब के शिक्षा मंत्री ने शमा रोशन कर कान्फ्रेंस का आरंभ किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न राज्यों द्वारा लगाई प्रर्दशनियां भी देखी।इस अवसर पर अन्य के अतिरिक्त मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव (स्कूल शिक्षा एवं साक्षतरा),  श्री अनिल स्वरुप, संयुक्त सचिव श्री अजय तिर्के, निदेशक (रमसा) श्रीमती निगारा फातिम, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा पंजाब डॉ. जी. वजरालिंगम, महानिदेशक विद्यालय शिक्षा पंजाब श्री प्रदीप सभरवाल, डीपीआई (एसई) श्री सुखदेव सिंह काहलों और अतिरिक्त राज्य प्रोजेक्ट डायरेक्टर कम-नोडल ऑफिसर डॉ. गिनी दुग्गल उपस्थित थी।