5 Dariya News

कैप्टन को मिलने जा रहे आम आदमी पार्टी और लोक इन्साफ पार्टी के विधायकों को पुलिस ने विधान सभा के गेट पर ही किया गिरफ्तार

सूबे में ऐमरजैंसी जैसे हालात, चुने हुए नुमाइंदों को भी मुख्य मंत्री को मिलने नहीं दिया जा रहा - एच.एस. फूलका

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चंडीगड़ 30-May-2017

मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ मुलाकात करने के लिए शांतमई ढंग के साथ मार्च करते हुए जा रहे आम आदमी पार्टी और लोक इन्साफ पार्टी के विधायकों को पुलिस ने विधान सभा के गेट पर ही ग्रिफतार कर लिया। यह विधायक रेते के खड्ढों में हुए भ्रष्टाचार के मामले में राणा गुरजीत सिंह को पद से हटाने की मांग कर रहे थे।आम आदमी पार्टी के विधायक विधान सभा में विरोधी पक्ष के नेता एच.एस. फूलका, पार्टी प्रधान और संगरूर से एमपी भगवंत मान, सीनियर नेता और एम.एल.ए. सुखपाल सिंह खहरा, पार्टी के सह-प्रधान अमन अरोड़ा के नेतृत्व में राणा गुरजीत के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।गिरफ्तार करने के बाद विधायकों को सैक्टर 17 के पुलिस स्टेशन में लाया गया और घंटों गिरफ्तारी के बाद उनको रहा कर दिया गया। उधर आम आदमी पार्टी के विधायकों ने थाने में आए मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के ओएसडी को मांग पत्र देने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि यदि मुख्य मंत्री के पास चुने हुए विधायकों को मिलने का समय नहीं है तो उनके सलाहकार को मांग पत्र देना एक दिखावा मात्र ही होगा। 

पत्रकारों को संबोधन करते फूलका ने कहा कि इस समय पंजाब में एमरजैंसी जैसे हालात बने हुए हैं और यहां तक कि विरोधी पक्ष के नेता और विधायकों को भी मुख्य मंत्री को मिलने की मनाही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के विधायकों को लोगों की आवाज बुलंद करने के आरोप में ग्रिफतार किया गया है। फूलका ने कहा कि इसके स्पष्ट सबूत हैं कि राणा गुरजीत सीधे तौर पर रेत के खड्ढों को नाजायज हथियाने के लिए जिम्मेदार है परंतु कैप्टन अमरिन्दर सिंह उनके खिलाफ कोई भी कार्यवाही करने से बच रहे हैं। फूलका ने कहा कि इस मामले में कैप्टन अमरिन्दर सिंह की चूप्पी यह सिद्ध करती है कि राणा गुरजीत के साथ कैप्टन अमरिन्दर सिंह भी गलत ढंग से दिए खड्डों के मामले में शामिल हैं।सूबा प्रधान और संगरूर से एमपी भगवंत मान ने कहा कि पिछली सरकार दौरान अकाली नेता पंजाब में रेत, भू-माफिया और ट्रांसपोर्ट के माफिया के लिए मशहूर थे परंतु अब कांग्रेसी नेताओं ने उनको भी पिछे कर दिया है। अकालियों को जेल में फेंकने के दावे करने वाले कैप्टन अमरिन्दर सिंह अब अपने मंत्री के खिलाफ कार्यवाही करने से पीछे हट रहे हैं। मान ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह बादलों के अत्याचारों के खिलाफ बोलते रहे हैं परंतु सत्ता प्राप्ति के बाद वह भी उनके नक्शे कदम पर चलने लग पड़े हैं। मान ने कहा कि अगर कैप्टन अमरिन्दर सिंह के पास कोई ऐसा फार्मला है जिस के साथ कि एक खाना बनाने वाला बावरची करोड़ों रुपए कमा सकता है तो उनको यह फार्मला सूबे के सभी नौजवानों को बताना चाहिए जिससे वह भी बेरोजगारी से बाहर निकल सकें। 

सुखपाल खहरा ने कहा कि इस मामले में रिटायर जस्टिस नारंग की अध्यक्षता में बनाऐ जुडीशिअल कमीशन का कोई मतलब नहीं है क्यों जो जस्टिस नारंग के राणा परिवार के साथ सीधे सम्बन्ध हैं। इस कारण वह उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि यह जनतक है कि जस्टिस नारंग के सुपुत्र राणा परिवार के वकील हैं और वह राणा परिवार के पास केस लडऩे के लिए फीस लेते हैं। उन्होंने कहा कि यह किस तरह हो सकता है कि जो व्यक्ति मंत्री के इतना करीबी हो वह किस प्रकार इस केस को हल करेगा। उन्होंने कहा कि राणा परिवार के बावरची ने माइनिंग के ठेके लेने के लिए 26 करोड़ रुपए जमा करवाए हैं जबकि उसकी सालाना आमदन सिर्फ 90 हजार रुपए है। उन्होंने कैप्टन अमरिन्दर सिंह से पूछा कि ऐसी कौन सी बात है जो कैप्टन अमरिन्दर सिंह को राणा के खिलाफ कार्यवाही करने से पीछे खींच रही है।अमन अरोड़ा ने कहा कि आम आदमी पार्टी सूबे में हो रही कुदरती श्रोतों की लूट को बरदाश्त नहीं करेगी और उन्होंने कहा कि जब तक राणा गुरजीत को मंत्री पद से नहीं हटाया जाता तब तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंनेचेतावनी दी कि आम आदमी पार्टी इस संघर्ष को पूरे सूबे में ले जाने के लिए मजबूर होगी।आम आदमी पार्टी के नेता इन्र्फोसमैंट डायरैक्टोरेट, इनकम टैकस और अन्य सम्बन्धित विभागों में भी मामले की शिकायत करेंगे। इस के बाद आम आदमी पार्टी का वफद आते दिनों में माननीय राज्यपाल के साथ भी मुलाकात करेगा।