5 Dariya News

हार्ट की बाईपास सजर्री समय डाले जाते स्मार्ट स्टेट को अब बाहर निकालने की ज़रूरत नहीं डॉ.भुल्लर

डॉक्टर मरीज़ पर नई दवा का प्रयोग नैतिकता के आधार पर और कानूनी दायरो में करें : डॉ.सुभाष वर्मा

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लांडरां 01-May-2017

किसे भी काबिल डॉक्टर को नये खोज किये फ़ारमूलों का प्रयोग मरीज़ की ज़रूरतों और उसकी सेहत को ध्यान में रख कर करना चाहिए। मरीज़ समेत आम नागरिकों को भी पता होना चाहिए कि डॉ1टर द्वारा दी गई दवा उनकी ज़रूरत मुताबिक ही है और चारजिज़ मरीज़ के वित्तीय हालात के अनुकूल हैं या नहीं। इन शब्द डॉ. सुभाष वर्मा डायरेक्टर पी.जी.आई.एम.आर. ने चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कालजिज़ लांडरां में 'सेहत सुधार में नए फार्मेसी खोज तकनीकों की भूमिका विषय पर करवाई दो दिव्सीय अंतरराष्ट्रीय कॉनफऱेंस समय अपने अध्यक्षीय के भाषण दौरान किया। उन्होंने भारतीय फार्मेसी के ईतहास के बारे में अपने विचार सांझे करते हुए कहा कि पहले समय में भारतीय नागरिकों का ज़्यादातर भरोसा आयुर्वेद या दो किस्म की दवाएँ पर होता था परन्तु आज जैसे जैसे साखऱता बढ़ी वैसे वैसे भारतीय नागरिकों का झुकाव फ़ार्मासूटिकल खोज की सहायता से तैयार की गई नयी दवाओं के प्रति बढ़ता जा रहा है लेकिन इन खोजों की काबलीयत और मानक मापदण्डों के बारे में आम नागरिकों को जागरूक होने की ज़रूरत है और डॉक्टर को इन दवाओं का प्रयोग कानूनी दायरे में रह कर करना चाहिए।

यहाँ जि़क्रयोग्य है कि चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ फार्मेसी लांडरां द्वारा सोसायटी ऑफ फ़ार्मासूटिकल एजुकेशन एंड रिर्सच के सहयोग के साथ 'सेहत सुधार में नए फार्मेसी खोज तकनीकों की भूमिका विषय पर छटी अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस और प्रदर्शनी 'एस.पी.ई.आर.-२०१७ करवाई गई, जिसका मूल मंतव्य आम जनता के लिए लाभकारी नयी खोजों के बारे में और ज्यादा जागरूकता पैदा करने और फार्मेसी क्षेत्र में खोज और विकास कार्यों को प्रोत्साहन प्रदान करना था। इस दो दिव्सीय अंतरराष्ट्रीय कॉनफऱेंस में देश विदेश से ४५० से ज़्यादा डेलीगेटस ने भाग लिया। इस कॉन्फ्रेंस में यूनिवर्सिटी ऑफ सलिपकार्न बैंकॉक (थाईलैंड) से पहुँचे डॉक्टर पोरनसेक ने कैंसर के मरीज़ों के लिए 'डौकसोरोबिसिन के छोटे छोटे पार्टस को आधार बना कर 'स्मार्ट नैनोजैल की खोज के बारे में पेपर पढ़ा। उन्होंने फेकल्टी सदस्यों और विद्यार्थियों को बताया कि यह मरीज़ के कैंसर प्रभावित अंग पर लगाया जाता है और इस के बहुत ही तसल्लीबख़श नतीजे सामने आ रहे हैं। 'विक्टोरिया यूनिवर्सिटी कैनेडा के प्रसिद्ध विज्ञानी डॉ. सुखविन्दर सिंह भुल्लर ने अपनी खोज 'स्मार्ट स्टेट के बारे में बताया कि 'हार्ट की बाईपास सजऱ्री समय डाले जाते स्मार्ट स्टेट को मरीज़ की तंदरुस्ती उपरांत बाहर निकालने की ज़रूरत नहीं यह अपना काम करने के उपरांत अपने आप ख़त्म हो जायेगा और मरीज़ को किसी प्रकार की तकलीफ़ भी नहीं होगी। इस समय हरियाणा राज्य के ड्रग कंट्रोलर मिस्टर आर. के. सिंगला ने दवा की खऱीद फऱोख़त तर्कसंगत बनाने पर ज़ोर दिया।

आज की इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में डॉ. उपेंदरा निगेच सचिव एस.पी.ई.आर. डॉ. विकास मेहंदी कोऑर्डीनेटर पी.जी.आई.एम.आर., डॉ. अशीष गंगोली प्रिंसिपल विज्ञानी सी.एस. आई.आर. इंस्टीट्यूट ऑफ माईक्रोबियल टैकनोलॉजी चंडीगढ़, डॉ. कंवलजीत चोपड़ा प्रोफ़ैसर पंजाब यूनिवर्सिटी और डॉ. राजविन्दर कौर आदि शरीर के अंग विशेष पर दवाओं का पयोग करके ईलाज प्रणाली को और ज्यादा प्रभावशाली बनाने वाली नयी खोज तकनीकों और जनणिक ईलाज प्रणाली के सुधारों से संबन्धित खोज भरपूर पर्चे पेश किये। चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कालजिज़ लांडरां के चेयरमैन सतनाम सिंह संधू और प्रैज़ीडैंट स. रछपाल सिंह धालीवाल ने इस समय ज़ोर देकर कहा कि फार्मेसी क्षेत्र आगे यह बड़ी चुनौती है कि वह ऐसी नयी दवाएँ और तकनीकों की खोज करे जो न केवल गऱीब से गऱीब की जेब के अनुकूल हो। उनहोने कहा कि उनको इन दवाओं के बुरे प्रभावों के बारे में जानकारी पहले से हो। उनहोने कहा कि फार्मेसी क्षेत्र की रिर्सच एंड डिवैल्लपमैंट के साथ जुड़ी संस्थाएं इस में अगुआ भूमिका अदा कर सकती हैं। सोसायटी ऑफ फ़ार्मासूटिकल एजुकेशन एंड रिर्सच के सचिव डॉ. उपेंदर नगैच ने इस मौके अपनी सोसायटी की तरफ से फार्मेसी क्षेत्र में नये खोज और विकास कामों की प्रगति के लिए किये जा रहे विशेष प्रयत्नो के बारे में सालाना रिपोर्ट पेश की। इस समय सीजीसी और दूसरे शैक्षिक संस्थायों से पहुँचे विद्यार्थियों की तरफ से तैयार की आईटमों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।