5 Dariya News

अफ्रीका प्राथमिकता में, एशिया-अफ्रीका विकास गलियारा अहम : नरेंद्र मोदी

5 Dariya News

गांधीनगर 23-May-2017

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार की विदेश और आर्थिक नीतियों में अफ्रीका को शीर्ष प्राथमिकता हासिल है। साथ ही उन्होंने जापान के सहयोग से एशिया-अफ्रीका विकास गलियारा विकसित करने पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बेहतर भविष्य की लंबी और चुनौतीपूर्ण दौड़ में अफ्रीकी देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा। मोदी ने गांधीनगर में महात्मा मंदिर में अफ्रीकी विकास बैंक (एडीबी) की 52वीं वार्षिक बैठक का उद्घाटन करते हुए कहा कि अफ्रीकी देशों के साथ भारत की साझेदारी किसी भी शर्त में बंधी हुई नहीं है और यह हमेशा मांग के अनुकूल रहेगी।मोदी ने कहा कि भारत और अफ्रीका के समक्ष एक जैसी विकास चुनौतियां हैं और पिछले कुछ दशकों में इनके आपसी संबंध मजबूत हुए हैं।मोदी ने कहा, "2014 में प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने के बाद मैंने भारत की विदेश और आर्थिक नीति में अफ्रीका को शीर्ष प्राथमिकता दी।"एडीबी की पांच दिवसीय सालाना बौठक भारत में पहली बार हो रही है। इस बैठक में 54 अफ्रीकी क्षेत्रीय देश और 27 गैर क्षेत्रीय देश हिस्सा ले रहे हैं।इस बैठक का विषय 'ट्रांसफॉर्मिग एग्रीकल्चर फॉर वेल्थ क्रिएशन इन अफ्रीका' है और इसमें लगभग 3,000 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कुछ विकसित देशों की सिर्फ अपने हित के ध्यान में रखने वाली नीतियों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था के बाधित होने की आशंका है तथा इससे वैश्वीकरण के लाभ को गंवाने का खतरा है।जेटली ने कहा कि अफ्रीकी देशों की अर्थव्यवस्था तेजी से विकास कर रही है और '21वीं सदी सिर्फ एशिया की ही नहीं होगी, बल्कि एशिया और अफ्रीका दोनों की होगी'।जेटली ने कहा कि भारत ने अपने साझेदारों पर छोड़ दिया है कि वे अपनी-अपनी प्राथमिकताएं तय करें और मेरा मानना है कि यह आपसी संबंधों को मजबूत बनाए रखने का सबसे उपयुक्त तरीका है।जेटली ने कहा कि भारत के अनुभव का इस्तेमाल कर अफ्रीका में कृषि क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं।मोदी ने कहा कि भारत, अफ्रीका के विकास में सहयोग देने के लिए अमेरिका और जापान के साथ मिलकर काम कर रहा है।गौरतलब है कि एक दिन पहले ही चीन ने अपनी अति महत्वाकांक्षी परियोजना वन बेल्ट वन रोड लांच की है, जिसका उद्देश्य चीन को अफ्रीका, मध्य पूर्व और मध्य एशिया के विकासशील बाजारों से जोड़ना है। भारत ने हालांकि चीन की इस परियोजना ओबीओआर में हिस्सा नहीं लिया।मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ पिछले वर्ष टोक्यो यात्रा के दौरान हुई बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि उनके बीच विकास की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता को लेकर चर्चा हुई।

मोदी ने कहा, "अपनी संयुक्त घोषणा में हमने एशिया-अफ्रीका विकास गलियारे का जिक्र किया था और इस संबंध में अफ्रीका के अपने भाइयों-बहनों के साथ बातचीत का प्रस्ताव भी रखा था।"मोदी ने 2014 में पद संभालने के बाद से देश की विकास चुनौतियों का हल निकालने के सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि अगले साल तक देश का कोई भी गांव बिना बिजली के नहीं रहेगा।मोदी ने कहा कि देश में पिछले तीन वर्षो में आर्थिक स्तर पर काफी सुधार हुआ है। राजकोषीय घाटे और महंगाई दर में कमी आई है, जीडीपी विकास दर में वृद्धि हुई है, विदेशी पूंजी भंडार और सार्वजनिक पूंजी निवेश बढ़ा है।मोदी ने कहा कि उन्हें गर्व है कि पिछले तीन साल में उनकी सरकार के मंत्रियों ने अफ्रीका के सभी देशों का दौरा किया है।उन्होंने कहा, "अफ्रीका की भारत के साथ साझेदारी सहयोग के मॉडल पर आधारित है। यह मांग अनुकूल और शर्तो से मुक्त है।"मोदी ने लंबी दूरी की दौड़ों में अफ्रीकी खिलाड़ियों के दबदबे के संदर्भ नें कहा, "खेल क्षेत्र में लंबी दूरी की रेस में भारत, अफ्रीका से प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकता, लेकिन मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि बेहतर भविष्य की लंबी और मुश्किल रेस में भारत आपके साथ हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा।

"मोदी ने कहा कि बीते साल नई दिल्ली में हुए 54 अफ्रीकी देशों की भागीदारी वाले भारत-अफ्रीका सम्मेलन में भारत ने अगले पांच साल में विकास परियोजनाओं के लिए 10 अरब डॉलर मुहैया कराने का प्रस्ताव पारित किया था।2015 के अफ्रीका-भारत संबंध को ऐतिहासिक करार देते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने अफ्रीकी देशों को 60 करोड़ डॉलर की सहायता राशि मुहैया कराई है।उन्होंने कहा कि भारत ने 44 देशों को आठ अरब डॉलर का कर्ज दिया है।पिछले पांच साल में अफ्रीका और भारत के बीच व्यापार दोगुना होकर 2014-15 में 72 अरब डॉलर रहा है। साल 2014-15 में अफ्रीका के साथ भारत का कमोडिटी व्यापार अमेरिका की तुलना में अधिक रहा है।भारत 1982 में अफ्रीकी विकास कोष में और 1983 में अफ्रीकी विकास बैंक में शामिल हुआ था।मोदी ने कहा कि देश के निजी क्षेत्र की भी अफ्रीका के साथ साझेदारी है।उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले तीन साल में रेलवे, राजमार्ग, बिजली और गैस पाइपलाइन क्षेत्र में निवेश में अप्रत्याशित बढ़ोतरी की है।मोदी ने कहा कि वह 2015 में शुरू की गई अंतर्राष्ट्रीय सौर ऊर्जा गठबंधन को मिल रही अफ्रीकी देशों की प्रतिक्रिया से भी बेहद उत्साहित हैं।एएफडीबी के अध्यक्ष अकिनवुमी एडेसिना ने भारत की हरित क्रांति का सदंर्भ देते हुए कहा कि अफ्रीकी देशों को भी खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर होना होगा।