5 Dariya News

कैप्टन सरकार की ओर से बादलों को बचाने के लिए दी गई है कोलियांवाली को कालिन चिट्ट- एच.एस. फूलका

पंजाब के लोगों के साथ किए वायदों की जगह बादलों के साथ हुई ‘डील ’ को निभा रहे हैं कैप्टन अमरिन्दर सिंह

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चण्डीगढ़ 21-May-2017

आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर बादलों और बादल परिवार के करीबियों को बड़े -बड़े घपले घोटालों से बचाने का दोष लगाया है। रविवार को आप की तरफ से जारी प्रैस बयान के द्वारा विधान सभा में विरोधी पक्ष के नेता एच.एस. फूलका ने विजीलैंस ब्यौरो की तरफ के बादल परिवार के बेहद करीबी और विवादित नेता दियाल सिंह कोलियांवाली को भर्ती घोटाले के मामले में कालीन चिट्ट दिए जाने पर सख्त ऐतराज किया है। फूलका ने कहा कि पूडा और स्थानीय सरकारों विभाग में हुए भर्ती घोटाले में दियाल सिंह कोलियांवाली सीधे तौर पर शामिल रहा है और बादलों ने ऐसे घपले घोटाले करने के लिए कोलियांवाली को खुले अधिकार दिए हुए थे, क्योंकि लूट का माल बादलों के घर तक भी पहुंचता था।फूलका ने सवाल किया कि एक कौंंिसलर स्तर का अकाली नेता शाम लाल ढड्डी की औकात नहीं थी कि वह इतने बड़े भर्ती घोटालों को अंजाम दे देता। फूलका ने कहा कि विधान सभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी की तरफ से बादलों और कैप्टन के मिले होने संबंधी जो दोष लगाए जाते थे वह सही साबित हो रहे हैं। 

कैप्टन सरकार की तरफ से 2 महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक नशे के मुख्य सरगना को काबू नहीं किया गया, बादल परिवार की बसें का सडक़ों पर सरदारी वैसे ही कायम है और दियाल सिंह कोलियांवाली जो के बादल परिवार के करीबियों को कालीन चिट्ट देना इस की पुष्टि करता है। फूलका ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर पंजाबियों की पीठ में छुरा मारने का दोष लगाते हुए पूछा कि पिछले साल कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने लम्बी में रैली दौरान कहा था कि कोलियांवाली 15 लाख से ले कर 50 लाख रुपए तक नौकरियां बेच रहा हैं।फूलका ने कहा कि यदि कैप्टन अमरिन्दर सिंह अपनी कथनी और करनी के पक्के होते तो कोलियांवाली अब तक जेल में बैठा होता और नौकरी घोटाले का सेक बादल परिवार तक पहुंचा होता। उन्होंने कहा कि इसके उलट कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बादलों के साथ की ‘डील’ को निभाते हुए कोलियांवाली को ही कालीन चिट्ट दिला दी। फूलका ने यह भी दोष लगाया कि बादलों और कैप्टन अमरिन्दर सिंह के दरमियान खेले जा रहे फ्रैंडली मैच के कारण पुलिस और प्रशासन पर भारी दबाव है। जिस कारण पुलिस और प्रशासन कानून मुताबिक स्वतंत्रता के साथ काम नहीं कर पा रहा। फूलका ने इस पूरे मामले की पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की सीधी निगरानी में नये सिरे से जांच की मांग की है।