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ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में हसन रूहानी की जीत

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तेहरान 20-May-2017

ईरान में राष्ट्रपति हसन रूहानी ने देश में हुए 12वें राष्ट्रपति चुनाव में शनिवार को जबरदस्त जीत दर्ज की। देश में अधिक आजादी तथा विदेशों में कम से कम अलगाव की चाहत रखने वाले मतदाताओं ने खुलकर रूहानी का समर्थन किया। भारी मतदान के साथ देश के अधिकांश हिस्सों में मतदान केंद्र आधी रात तक खुले रहे, जिसने इस चिंता को खारिज कर दिया कि कमजोर अर्थव्यवस्था तथा बदलाव की धीमी गति के कारण उदारवादी मतदाता मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे।ईरान के आंतरिक मामलों के मंत्री अब्दुलरेजा रहमानी-फाजली ने बताया कि कुल 4,12,20,131 वोट पड़े थे, जिनमें से रूहानी को 2,35,49,616 वोट (57 फीसदी) मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी इब्राहिम को 1,57,86,449 वोट (38.5 फीसदी) मिले।वहीं, अन्य उम्मीदवारों मुस्तफा मीरसलीम को 4,78,215 और मुस्तफा हाशमी को 2,15,450 वोट मिले।

सन् 1981 के बाद से लेकर अब तक कोई भी मौजूदा राष्ट्रपति दोबारा चुनाव जीतने में नाकाम नहीं हुआ, लेकिन रूहानी ने यह रिकार्ड तोड़ दिया।देश के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह सैयद अली खामनेई ने देश में हुए दोनों चुनावों में व्यापक मतदान के लिए देशवासियों की प्रशंसा की।खामनेई ने कहा, "कल हुए चुनाव के विजेता आप (ईरानी लोग) और इस्लामी प्रतिष्ठान हैं, जो दुश्मनों की साजिश व प्रयासों के बावजूद इस महान राष्ट्र के बढ़ते विश्वास को हासिल करने में कामयाब रहे।"उपराष्ट्रपति इशाक जहांगीरी ने सरकार के नारे की ओर इशारा करते हुए कहा, "मैं 'ज्ञान और आशा' के मार्ग की निरंतरता में एक विशाल और यादगार महाकाव्य के निर्माण में ईरानी राष्ट्र की महान जीत को बधाई देता हूं।"यहां राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुक्रवार को हुआ था, जिसके नतीजे शनिवार को घोषित किए गए।

इस जीत को ईरान में सुधारवादी ताकतों की जीत के तौर पर देखा जा रहा है। आधुनिक माने जाने वाले रूहानी ने पश्चिमी देशों के साथ संबंध सामान्य करने पर जोर दिया है।बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, रूहानी के प्रतिद्वंद्वी रेसी ने चुनाव में धांधली की शिकायत की है। उन्होंने मतदान केंद्रों पर रूहानी के समर्थकों द्वारा दुष्प्रचार का आरोप भी लगाया है।ईरान में राष्ट्रपति पद के लिए शुक्रवार को हुए मतदान के लिए बड़ी संख्या में बाहर निकले मतदाताओं के उत्साह को देखते हुए मतदान की अवधि पांच घंटे के लिए बढ़ा दी गई थी। देश में करीब 70 मतदान हुआ था।रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति रूहानी के पास अब अपने सुधार कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने, चरमपंथ खत्म करने, बाहरी दुनिया से संपर्क बढ़ाने तथा अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बड़ा जनादेश है।रिपोर्ट के अनुसार, ईरान में 1985 से ही प्रत्येक निवर्तमान राष्ट्रपति का दोबारा चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन कामयाब नहीं हुए। इससे पहले ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे।