5 Dariya News

कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा नशा तस्करों से सांठ-गांठ वाले पुलिस कर्मचारियों को दूर-दराज़ के क्षेत्रों में तबदील करने के आदेश

नशा विरोधी प्रयासों के लिये विभिन्न एजेंसियों ने तालमेल करने हेतू अंतर विभागीय पैनल स्थापित

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चंडीगढ़ 16-May-2017

नशा तस्करों  एवं व्यापारियों विरूद्ध कठोर कार्रवाई करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तस्करों एवं स्मगलरों के साथ मिले संदिग्ध पुलिस कर्मचारियों को दूरवर्ती क्षेत्रों में भेजने के आदेश दिये। मुख्यमंत्री ने नशों की बुराई विरूद्ध आपसी तालमेल में ठोस प्रयास करने के लिये अंतर विभागीय कमेटी भी गठित की है। एक सरकारी प्रवक्ता अनुसार यह फैसला विशेष टॉस्क फोर्स की प्रगति संबंधी हुई एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया।इसकी विस्तृत जानकारी देते हुये प्रवक्ता ने आगे बताया कि अंतर विभागीय कमेटी में प्रधान सचिव सामाजिक सुरक्षा, प्रधान सचिव स्वास्थय एवं परिवार कल्याण, प्रधान सचिव शिक्षा और सचिव खेल होंगे। मुख्यमंत्री ने नशों की तस्करी से संबंधित और सीमापार नशों की आपूर्ति को रोकने के लिये बी एस एफ तथा राज्य पुलिस के कर्मचारियों के बीच सांठ-गांठ को तोडऩे के  लिये सीमावर्ती जिलों एवं पुलिस थानों में तैनात स्टॉफ पर कठोर निगरानी रखने के मुद्दे पर डी जी पी के साथ मामला उठाने के लिये मुख्य सचिव को कहा।मुख्यमंत्री ने नशों की बुराई पर काबू पाने के लिये विशेष टॉस्क फोर्स के प्रयासों की सराहना की परंतु इसके साथ ही इस समस्या से निपटने के लिये और तालमेल वाली पहुंच अपनाई जाने की जरूरत पर बल दिया।

मुख्यमंत्री के सामने विस्तृत प्रस्तुति देते हुये विशेष टॉस्क फोर्स के मुखी हरप्रीत सिंह सिद्धू ने कहा कि बहुत वर्षो से सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात मध्यम स्तर के कुछ पुलिस कर्मचारियों की मिलीभगत तोड़े बिना नशों के गैर-कानूनी व्यापार को स्माप्त नही किया जा सकता। उन्होंने नशा तस्करों/व्यापारियों के साथ सांठ-गांठ तोडऩे के लिय इन पुलिस कर्मचारियों को दूर-वर्ती क्षेत्रों में तबदील करने का आह्वान किया। उन्होंने तस्करों के साथ सांझ करने वाले स्वास्थय विभाग के कर्मचारियों को भी तबदील करने की जरूरत पर बल दिया।श्री सिद्धू के इन विचारों पर गंभीर नोटिस लेते हुये मुख्यमंत्री ने यह मुद्दा पुलिस महानिदेशक के  पास उठाने के लिये मख्य सचिव को निर्देश दिये ताकि ऐसे पुलिस कर्मचारियों को बिना देरी से तबदील किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की ढील राज्य में नशों को समाप्त करने के लिये सरकार के प्रयासों को क्षति पहुंचायेगी।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नशों के संबंध में स्कूलों, कालेजों तथा यूनीवर्सिटयों के विद्यार्थीयों को संवेदनशील बनाने के लिये शिक्षा विभाग को अभियान आरंभ करने के लिये कहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि नवयुवकों को नशों से दूर रखने के लिये उनको नशों के बुरे प्रभावों संबंधी फिल्में दिखाई जायें। नशों से निपटने के लिये विशेष टॉस्क फोर्स द्वारा समुदाय भागीदारी रूपरेखा के  दिये प्रस्ताव की प्रशंसा करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा दुरूप्रयोग रोकथाम अधिकारी (डी ए पी ओ) नवयुवकों में जागरूकता लाने के अतिरिक्त नशे में फं से लोगों के पूनर्वास में सरकारी मदद करने में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं।

विशेष टॉस्क फोर्स मुखी ने बताया कि जिला परिषद्, ब्लॉक समितियों के सदस्य, सरपंच, पंच, पार्षद, सरकारी अध्यापकों, पटवारी, प्रध्यापक, सहायक प्रौफेसर, पंचायत सचिव, मल्टी पर्पज़ हेल्थ वर्कर और नंबरदार राज्यभर में डी ए पी ओज़ के तौर पर कार्य निभायेंगे। उन्होंने आगे कहा कि पूर्व सरपंच, पंच, पूर्व सैनिक, सरकारी कर्मचारी, किसान, प्राईवेट स्कूलों के अध्यापक और डॉक्टरों को भी नवयुवकों को जागरूक करने वाली मुहिम में सक्रियता से शामिल किया जाना चाहिए।विशेष टॉस्क फोर्स मुखी ने डी ए पी औज़ के लिये तीन चरणीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी सुझाव दिया जिसमें 200 मास्टर ट्रेनरों को दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण और ट्रेनर टीमों को जिला स्तर पर प्रशिक्षण शामिल होगा। एक ट्रेनर टीम में पुलिस अधिकारी और गैर सरकारी संस्थानों के प्रतिनिधि होंगे।बैठक में अन्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा जी विजरालिंगम, प्रधान सचिव स्वास्थय एवं परिवार कल्याण अंजलि भावरां, प्रधान सचिव मुख्यमंत्री तेजवीर सिंह तथा विशेष प्रधान सचिव मुख्यमंत्री गुरकीरत कृपाल सिंह उपस्थित थे।