5 Dariya News

बंगाल के 7 निकायों में हिंसा के बीच मतदान संपन्न

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कोलकाता 14-May-2017

पश्चिम बंगाल के सात नगर निगमों में रविवार को हिंसा और तोड़फोड़ के बीच मतदान संपन्न हो गया। प्रमुख विपक्षी दल वाम मोर्चा सहित कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हिंसा और बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाते हुए मतदान को 'हास्यास्पद' करार दिया और फिर से मतदान कराने की मांग की।मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता ने दावा किया है कि कम से कम चार जगहों पर चुनावी हिंसा के चलते पार्टी कार्यकर्ता घायल हुए हैं।अघोषित तौर पर गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही कांग्रेस और वाम मोर्चा ने राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय के बाहर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर 'बड़े पैमाने पर वोट लूटने' का आरोप लगाते हुए सड़क जाम कर दिया।निर्वाचन अधिकारियों द्वारा विपक्षी नेताओं से मिलने और उनका ज्ञापन स्वीकार करने से इनकार करने के बाद यह विरोध प्रदर्शन किया गया। विपक्ष उत्तरी दिनाजपुर के रायगंज, मुर्शिदाबाद के डोमकल और दक्षिण 24 परगना के पुजाली नगर पालिकाओं में मतदान के संबंध में निर्वाचन आयोग को अपनी शिकायत सौंपना चाहता था।प्रदर्शनकारी जब पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड तोड़कर आगे आ गए, तब जाकर निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने कांग्रेस और वाम मोर्चा के प्रतिनिधियों से मिलने का वादा किया। हालांकि बाद में अधिकारी मतदान में व्यस्तता का हवाला देकर विपक्ष के नेताओं से नहीं मिले।भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी मतदान में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर कुछ जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया।डोमकल, पुजाली और रायगंज में तृणमूल का कांग्रेस व वाम मोर्चा के अघोषित गठबंधन से मुख्य मुकाबला है।

हालांकि, बंगाल के उत्तरी पर्वतीय इलाके में चार नगर निकायों - दार्जिलिंग, कुर्सियोंग, दार्जिलिंग में ही मिरिक अधिसूचित क्षेत्र प्राधिकरण और कलिम्पोंग- में मतदान शांतिपूर्ण रहा।माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्र ने मतदान के स्वतंत्र और निष्पक्ष न होने का आरोप लगाया है।मिश्र ने कहा, "डोमकल में मोटरसाइकिल सवार बाहरी तत्वों ने हमारे कार्यकर्ताओं और मतदाताओं पर बम फेंके और गोलियां चलाईं। स्थानीय प्रशासन ने भी घटना की अनदेखी की। सुबह से ही मतदान तमाशा बन गया। तृणमूल के समर्थन वाले शरारती तत्वों की ओर से की गई गोलीबारी में हमारे तीन कार्यकर्ता घायल हुए हैं। एक अन्य कार्यकर्ता की हड्डियां टूट गई हैं।"मिश्र ने तृणमूल समर्थकों पर रायगंज और पुजाली में मतदान केंद्रों पर कब्जा करने का आरोप भी लगाया।उन्होंने कहा, "कांग्रेस और वाम मोर्चा के पोलिंग एजेंट को मतदान केंद्रों से बाहर कर दिया गया और ईवीएम मशीनों के साथ तोड़फोड़ की गई। यहां तक कि पत्रकारों को भी नहीं छोड़ा गया।"मिश्र ने डोमकल, पुजाली और रायगंज में चुनाव रद्द करने की भी मांग की।उन्होंने कहा, "लेकिन हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि फिर से मतदान कराए गए तो वे निष्पक्ष होंगे। इससे साफ हो चुका है कि जब तक तृणमूल सत्ता में रहेगी, निष्पक्ष मतदान संभव ही नहीं है।"कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने डोमकल के अपने सभी पार्टी प्रत्याशियों से चुनाव से नाम वापस लेने के लिए कहा है और रविवार को हुए मतदान को 'मजाक' करार दिया है।रायगंज से पूर्व कांग्रेस सांसद दीपा दासमुंशी ने आरोप लगाया है कि तृणमूल के गुंडों ने विपक्षी कार्यकर्ताओं पर हमला किया।उन्होंने कहा कि रायगंज में वैध मतदाताओं को अपना मत डालने की इजाजत ही नहीं दी गई।दीपा ने कहा, "पुलिस और प्रशासन ने हमारे कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराई।"पश्चिम बंगाल के इन निकाय चुनावों को सत्तारूढ़ तृणमूल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की लोकप्रियता की कसौटी के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा के राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी बनने की जद्दोजहद शुरू होने के साथ ही बंगाल में राजनीतिक संघर्ष काफी तेज हो गया है।