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कुश्ती : एशियन चैम्पियनशिप में बजरंग पुनिया ने जीता स्वर्ण

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नई दिल्ली 13-May-2017

एशिया कुश्ती चैम्पियनशिप के तीसरे दिन शनिवार को बजरंग पुनिया ने भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया, जबकि महिला वर्ग से सरिता स्वर्ण पदक जीतने से चूक गईं। बजरंग ने फ्रीस्टाइल सीनियर्स के 65 किलोग्राम भारवर्ग में दक्षिण कोरिया के ली सेयुंगचुल को मात देकर भारत के हिस्से स्वर्ण पदक डाला।केडी जाधव स्टेडियम में खेली जा रही इस प्रतियोगिता में खराब शुरुआत के बाद बजरंग ने शानदार वापसी की और अंतिम राउंड तक चले मुकाबले में 6-2 से जीत हासिल की।महिलाओं के 58 किलोग्राम भारवर्ग के मुकाबले में सरिता स्वर्ण पदक से चूक गईं। उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।सरिता को फाइनल में किर्गिस्तान की अईसुलु ट्यानबेकोवा ने 6-0 से मात दी।फ्री स्टाइल स्पर्धा में बजरंग के अलावा बाकी पहलवानों ने निराश किया। बजरंग ने स्वर्ण जीतने से पहले मौजूदा विजेता ईरान के मेइसान नासिरि को क्वार्टर फाइनल में कड़े मुकाबले में 7-5 से मात दी। सेमीफाइनल में नार्थ कोरिया के किम कुगवांग ने भी बजरंग को कड़ी चुनौती दी लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने शानदार वापसी करते हुए 3-2 से जीत हासिल की।पहले मैच में भी बजरंग को कड़ा मुकाबला करना पड़ा। उन्हें उजबेकिस्तान के सिरोजीद्दीन हासनोव ने जीत के लिए काफी मेहनत कराई। लेकिन बजरंग ने उन्हें 4-3 से मात दी।

स्वर्ण पदक जीतने के बाद बजरंग ने कहा, "इस टूर्नामेंट से पहले प्रशिक्षकों ने काफी मेहनत की और वो चाहते थे कि मैं स्वर्ण जीतूं। उन्होंने मुझसे कहा था कि अगर मैंने अपना सौ फीसदी दिया तो मैं स्वर्ण जीत सकता हूं।"बजरंग ने अपने कोच जगमिंदर सिंह, सुजीत मान के साथ लंदन ओलम्पिक-2012 में कांस्य पदक जीतने वाले अपने संरक्षक योगेश्वर दत्त का भी आभार व्यक्त किया।उन्होंने कहा, "योगेश्वर ने मेरा हमेशा समर्थन किया है। मेरे अधिकतर मुकाबले में वो मेरे साथ होते हैं। वह ओलम्पिक पदक विजेता हैं और आसानी से मेरी गलतियां पकड़ सकते हैं।"उन्होंने कहा, "मेरे कोच द्रोणाचार्य अवार्ड विजेता जगमिंदर और अर्जुन अवार्ड विजेता मान पूरे दिन मेरे साथ रहे और हमने पूरे-पूरे दिन अभ्यास किया। दोनों के पास ओलम्पिक में खेलने का अनुभव है।"वहीं रजत पदक जीतने वाली सरिता ने कहा, "एशियन चैम्पियनशिप के पिछले संस्करण में भी मैंने रजत जीता था। इसलिए मैं बेहतर प्रदर्शन करना चाहती थी।"उन्होंने कहा, "मैं मानसिक तौर पर इस मुकाबले के लिए तैयार थी। मैं अपना सौ फीसदी देना चाहती थी और स्वर्ण जीतना चाहती थी।"फ्री स्टाइल के अन्य वर्गो में भारत को निराशा हाथ लगी। संदीप तोमर (57 किलोग्राम भारवर्ग), जितेंद्र (74 किलोग्राम भारवर्ग), सत्यव्रत काडियान (97 किलोग्राम भारवर्ग) अपने-अपने मुकाबले जीत नहीं सके।तोमर को किर्गिस्तान के उलुकबेक झोलडोश्बेको ने 6-5 से पहले ही राउंड में मात दी।