5 Dariya News

सीजीसी झंजेडी का राष्ट्रीय स्तर पर विजय हासिल करने का रिकार्ड कायम रखा

मानवीय स्रोत मंत्रलाय के हैकथन-2017 राष्ट्रीय मुकाबले में 2183 कालेजों को पीछे छोड़ते हुए हासिल की दूसरी पुजिशन, राष्ट्रीय स्तर पर खून की उपलब्धता के लिए आनलाइन डाटाबेस प्रोजैक्ट के लिए मिला अवार्ड

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एस.ए.एस. नगर (मोहाली) 10-May-2017

चंडीगढ़ गु्रप आफ कालेजिस के झंजेडी कालेज के छात्रों का शिक्षा व अन्य गतीविधियों में मैरिट पुजिशन पर बरकरार रहने का सिलसिला जारी है। गत दिनों गुवाहाटी के जीआईएमटी में हुए हैकथन 2017 में देश भर के दो हजार कालेजों के लगभग 42000 छात्रों को मात देते हुए पंजाब का नाम रौशन किया है। इन दो हजार कालेजों में देश भी की नामी युनिवर्सिटियों, आईआईटी भी शामिल थे। फाईनल मुकाबलों में बेहद कम फर्क से झंजेड़ी कालेज दूसरी पुजिशन पर काबिज रहा। सीजीसी झंजेडी को यह इनाम जियो ट्रैकिंग देश भर के ब्लड बैंकों में खून की उपलब्धता संबंधी तैया किया गया प्रोजैक्ट रहा। कंप्यूटर साईंस के चौथे समेस्टर के कोमल चौहान के नेतृत्व में यह उपलब्धि हासिल की। मानवीय स्रोत मंत्रालय द्वारा झंजेडी कालेज के छात्रों को ट्राफी, प्रशंसापत्र और पचास हजार रुपए नकद इनाम से सम्मानित किया गया।काबिलेजिक्र है कि भारत सरकार के मानवीय स्रोत मंत्रालय द्वारा इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साईंस व मैनेजमेंट के सुमेल से एक राष्ट्रीय स्तरीय मुकाबले का आयोजन किया गया था। 

इसमें देश भर के 29 मंत्रालयों द्वारा शेयर की गई 529 राष्ट्रीय समस्याओं का तकनीक, मोबाइल और कंप्यूटर एप्लिकेशन के माध्यम से प्रोजैक्ट और आईडिया तैयार करने के मुकाबले करवाए गए थे। जिसमें देश भर के 2183 इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट युनिविर्सिटियों व कालेजों के 42000 से भी अधिक छात्रों ने अपने आईडिया पर प्रोजैक्ट बनाकर भेजे थे। जिनमें पहले दौर में राज्य स्तर पर दस हजार प्रोजैक्ट र्शाट लिस्ट किए गए थे। जबकि दूसरे में जोनल स्तर पर 7531 प्रोजेक्ट चुने गए । अंत में फाईनल में 1266 प्रोजैक्ट चुने गए। इन प्रोजेक्टों में सीजीसी कालेज ने सभी को मात देते हुए दूसरा स्थान हासिल किया। यह भी शायद रिकार्ड ही होगा कि किसी कालेज में अपने शुरूआती वर्षों में ही देश की बेहतरीन युनिवर्सिटियों व कालेजों को राष्ट्रीय स्तर पर मात दी हो।इस मुकाबले में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले छात्रों व अध्यापकों को उनकी इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए सीजीसी के प्रेसिडेंट रशपाल सिंह धालीवाल ने बताया कि छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन, एकस्ट्रा क्लास, छात्रों की जरूरत व मांग के अनुसार स्पेशल क्लास ही छात्रों की इस उपलब्धि का मुख्य स्रोत हैं।