5 Dariya News

एसवाईएल के निर्माण की मांग को लेकर इनेलो पलवल हलके के कार्यकर्ताओं ने दिया धरना

नहर का निर्माण जल्द करने की मांग को लेकर प्रशासन के माध्यम से पीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

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पलवल (हरियाणा) 04-May-2017

एसवाईएल के अधूरे निर्माण को पूरा करवाने और प्रदेश में बिजली-पानी संकट के समाधान की मांग को लेकर इनेलो कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को पलवल में धरना दिया और एसवाईएल को लेकर प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इनेलो कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार पर हरियाणा के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। धरने का नेतृत्व पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपीचंद गहलोत, जिलाध्यक्ष अजीत बॉबी, पूर्व विधायक सुभाष चौधरी व रामजीलाल डागर ने किया। धरने में इनेलो नेता महेंद्र चौहान, प्रवीन डागर, महेंद्र भड़ाणा, कमला तेवतिया, आशा लाम्बा, जीतू धीगोठ, हितेष देशवाल, मीतलेश, तूही राम भारद्वाज, वीर सिंह देशवाल, गोपाल कुंडू, दयालशरण जैलदार, बृजेश गयालाल, शक्ति रावत, करतार डागर, दीपक चौधरी, सुखराम डागर, हरकेश तेवतिया, भगत गुघेरा, बलदेव घोड़ी, उदयवीर विडूकी, तारीफ करमान, रमेश राणा, महावीर तेवतिया, कुंवर रमेश व महावीर चौहान सहित अनेक प्रमुख इनेलो नेता व कार्यकर्ता भी शामिल थे। इनेलो कार्यकर्ताओं ने बिजली-पानी संकट को लेकर भी स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए तुरंत इसका समाधान किए जान की मांग की। 

धरने को सम्बोधित करते हुए इनेलो नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार प्रदेश के हितों की अनदेखी कर रही है और सर्वोच्च न्यायालय का फैसला एसवाईएल को लेकर हरियाणा के पक्ष में आने के बावजूद अभी तक इसके निर्माण में कोई गम्भीरता नहीं दिखा रही। उन्होंने कहा कि पिछले 50 सालों से अपने हिस्से के पानी के लिए संघर्ष कर रहा है और प्रदेश किसी से खैरात नहीं बल्कि अपने हिस्से का पानी मांग रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर एसवाईएल को लेकर दोहरी नीति अपनाने और इस मामले को जानबूझकर लटकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी नहर का अधूरा निर्माण पूरा होने की दिशा में कोई गम्भीर प्रयास होते हैं तो कांग्रेस पार्टी इसमें अड़चनें खड़ी करने में जुट जाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले दस सालों दौरान कांग्रेस की सरकार थी और उस समय केंद्र में भी कांग्रेस पार्टी का शासन था। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला हरियाणा के पक्ष में आ चुका था और उस फैसले पर किसी अदालत की कोई रोक नहीं थी। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले अनुसार नहर के अधूरे निर्माण को पूरा करवाने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर है लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने इस नहर के निर्माण के लिए कोई दिलचस्पी दिखाना तो दूर एक शब्द तक नहीं बोला। 

इनेलो नेताओं ने कहा कि अब पिछले अढाई सालों से हरियाणा के साथ-साथ केंद्र में भी भाजपा की सरकार है और भाजपा सरकार इस नहर के निर्माण में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही बल्कि किसी न किसी बहाने से मामले को लटकाने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि इनेलो ने हरियाणा के हितों को लेकर नहर निर्माण के लिए न सिर्फ पंजाब कूच किया बल्कि गिरफ्तारियां भी दी। इतना ही नहीं इस मुद्दे पर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए इनेलो कार्यकर्ताओं ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करते हुए संसद का घेराव भी किया और जंतर-मंतर पर धरना भी शुरू किया।

इनेलो नेताओं ने कहा कि प्रदेश के हित में भाजपा ने कोई सहयोग देने की बजाय संसद का घेराव कर रहे इनेलो कार्यकर्ताओं पर केंद्र की सरकार के माध्यम से पुलिस से पहले लाठियां बरसवाकर कार्यकर्ताओं को घायल किया और फिर पुलिस व प्रशासन की मदद से जंतर-मंतर पर इनेलो के चल रहे धरने के तम्बू उखाडऩे और सामान उठाकर ले जाने का काम किया। उन्होंने कहा कि सरकार की तमाम अड़चनों के बावजूद इनेलो कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ अपना आंदोलन जारी रखा और अब भी हलका स्तर पर धरने व प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। उन्होंने कहा कि जब तक एसवाईएल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो जाता इनेलो कार्यकर्ता अपना आंदोलन जारी रखेंगे और पार्टी इस मुद्दे पर बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने को भी तैयार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस व भाजपा को अगर प्रदेश के हितों की जरा सी भी चिंता है तो उन्हें राजनीति से ऊपर उठकर इनेलो के आंदोलन को सहयोग देना चाहिए ताकि एसवाईएल का अधूरा निर्माण जल्द से जल्द पूरा होकर प्रदेश को अपने हिस्से का पानी मिल सके। उन्होंने कहा कि एसवाईएल हरियाणा की जीवनरेखा है और इस नहर के माध्यम से हरियाणा को अपने हिस्से का पानी मिलने से न सिर्फ प्रदेश की बंजर भूमि खुशहाल होगी बल्कि प्रदेश में पीने के पानी का संकट भी हल हो जाएगा।