5 Dariya News

भगवा तत्वों के लिए कानून-व्यवस्था का कोई मतलब नहीं : मायावती

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लखनऊ 02-May-2017

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने यहां मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर राजस्थान प्रदेश के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान संगठन की तैयारियों व सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने पर चर्चा की। बैठक में मायावती ने कहा कि अगले विधानसभा आमचुनाव की तैयारी के संबंध में मिशनरी लोगांे को प्राथमिकता के आधार पर तैयार किया जा रहा है, क्योंकि इस मामले में बसपा पहले काफी धोखा खा चुकी है। बसपा से विधायक चुने जाने के बावजूद सत्ताधारी पार्टी साम, दाम, दंड, भेद आदि गलत हथकंडों को अपनाकर बसपा के विधायकों को तोड़ती रही है और उन्हें फिर मंत्री बनाकर अपनी सरकार चलाती रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्य राजस्थान मंे भी खासकर गरीबों, मजदूरों, दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों को अन्याय, जुल्म-ज्यादती व शोषण का शिकार बनाया जा रहा है और इस मामले में चिंता की बात यह है कि संविधान व कानून का खुला उल्लंघन करते हुए यह सब कुछ सरकारी संरक्षण में ही हो रहा है। मायावती ने कहा कि गौरक्षा, दलित उत्पीड़न व शोषण एवं कट्टरवादी भगवाकरण के मामले में कौन कितना ज्यादा कानून से खिलवाड़ करने की छूट दे सकता है, यह होड़ लगी हुई है। यह काफी घातक प्रवृत्ति है, जिसके बारे में देशभर में चिंताएं काफी बढ़ने लगी हैं।उन्होंने कहा, "भगवा तत्वों के लिए कानून-व्यवस्था का कोई मतलब नहीं रह गया है और वे लोगों की हत्या तक कर देते हैं।" 

मायावती ने कहा कि भाजपा की सरकारांे की गरीब, किसान व जनविरोधी नीतियों से न तो आम जनता का और न ही देश का भला हो सकता है, यह बात खुलकर देश के सामने आती जा रही है। केंद्र के साथ-साथ देश के ज्यादातर राज्यांे में भाजपा की सरकारें हैं, लेकिन देश का आम नागरिक व देश की सीमाएं भी आज जितनी असुरक्षित हैं एवं आए दिन वीर जवान शहीद किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि गौरक्षा, बूचड़खाना, लव जेहाद, श्मसान-कब्रिस्तान व तीन तलाक आदि के संकीर्ण व विभाजनकारी मुद्दों पर से ध्यान हटाकर देशहित व देश की कानून-व्यवस्था एवं सीमा की सही चिंता की जाए, ताकि मनुष्यों की जान जानवरों से भी सस्ती न हो जाए।