5 Dariya News

नालंदा विश्वविद्यालय व जापान के कानाजावा विश्वविद्यालय में समझौता

5 Dariya News

बिहारशरीफ /राजगीर 28-Apr-2017

बिहार में नालंदा जिले के राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय और जापान स्थित कानाजावा विश्वविद्यालय एक-दूसरे को अकादमिक सहयोग करेंगे। दोनों विश्वविद्यालय ने इस संबंध में एक करार किया है। कानाजावा विश्वविद्यालय के भारतीय बौद्ध कला तथा तुलनात्मक संस्कृति के प्रमुख प्रोफेसर मोरी मासाहिदे ने अपने विश्वविद्यालय के कुलपति के हस्ताक्षर युक्त समझौता ज्ञापन को प्रस्तुत किया, जिस पर नालंदा विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति एवं इतिहास-अध्ययन संकाय के डीन, प्रोफेसर पंकज मोहन ने गुरुवार शाम इस पर हस्ताक्षर किए। 

नालंदा विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि समझौता ज्ञापन के अनुसार, दोनों विश्वविद्यालय संकाय सदस्यों, अनुसंधान के सदस्यों और छात्रों का आदान-प्रदान करेंगे। इसके अतिरिक्त दोनों विश्वविद्यालय शैक्षणिक सामग्रियों, प्रकाशनों और सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे तथा संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं और संगोष्ठी के संगठन का आयोजन और अकादमिक व शैक्षणिक आदान-प्रदान के विकास में योगदान करने वाली अन्य गतिविधियों में एक-दूसरे की मदद करेंगे।इस अवसर पर प्रोफेसर पंकज मोहन ने कहा, "भारत और जापान दो प्राचीन सभ्यताएं हैं जो पारस्परिक समन्वय और सद्भाव के सूत्र से बंधे हैं। 

नालंदा ने इन दोनों महान राष्ट्रों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमारे लिए जापान के एक अग्रणी विश्वविद्यालय के साथ हुए इस समझौते का खास महत्व है।"प्रोफेसर मोरी मासाहिदे ने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा, "कानाजावा विश्वविद्यालय को जापानी शिक्षा मंत्रालय द्वारा 'सुपर ग्लोबल यूनिवर्सिटी' का दर्जा दिया गया है और नालंदा विश्वविद्यालय इस ²ष्टि और लक्ष्य को साझा करता है। इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत दोनों संस्थानों के साथ एक स्थाई भागीदारी के लिए मार्ग प्रशस्त होगा प्रोफेसर मोरी मासाहिदे के साथ कानाजावा विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल एक्सचेंज एडवाइजर और होकूरिकु जापान-इंडिया क्लब की प्रमुख मकसूदा शिओतानि भी इस कार्यक्रम में शामिल थीं।

इस मौके पर नालंदा विश्वविद्यालय के कार्यकारी रजिस्ट्रार क़े चंद्रमूर्ति ने कहा, "हमें इस बात की खुशी है कि हम एक ऐसे विश्वविद्यालय के साथ जुड़ रहे हैं जो जापान के अग्रिम विश्वविद्यालयों में शामिल है और जिसकी जड़ें वर्ष 1862 तक जाती हैं। दोनों विश्वविद्यालय अगर संभव हो तो संयुक्त कार्यक्रम भी कर सकते हैं। यह समझौता पांच साल तक प्रभावी रहेगा।"कानाजावा विश्वविद्यालय कनाजावा, इशिकावा प्रीफेक्चर की राजधानी के शहर में स्थित है। इसके दो मुख्य परिसर काकुमा और टैकरामाची हैं। यह विभिन्न स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रदान करता है और इसमें तीन कॉलेजों और 16 स्कूल शामिल हैं। विश्वविद्यालय के लगभग 11,000 छात्र हैं, जिनमें 350 अंतर्राष्ट्रीय छात्र शामिल हैं।