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सरकार का ध्यान आईपीआर (बौद्धिक संपदा अधिकार) नीति को अधिक कारगर बनाने पर है : निर्मला सीतारमण

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नई दिल्ली 27-Apr-2017

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार का ध्यान आईपीआर (बौद्धिक संपदा अधिकार) नीति को अधिक कारगर और त्वरित बनाने पर है। आज नई दिल्ली में विश्व बौद्धिक संपदा दिवस समारोहों एवं डीआईपीपी एवं सीआईआई द्वारा 9वें राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह के अवसर पर जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की आईपीआर नीति ट्रिप्स अनुवर्ती एवं भविष्योन्मुखी है।उन्होंने कहा कि जागरूकता का निर्माण करना बहुत महत्वपूर्ण है और सीआईपीएएम द्वारा देश भर के विद्यालयों में आईपीआर जागरुकता अभियान आरंभ करना विद्यालयों के स्तर से ही मानसिकता का निर्माण करने और नवोन्मेषणों के लिए सम्मान पैदा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारतीय स्टार्टअप्स को आईपी विकसित करने एवं उनकी सुरक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए इस वर्ष दो नए पुरस्कार आरंभ किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस स्टेशनों को प्रोत्साहित करने एवं देश में आईपीआर के प्रवर्तन की दिशा में बहुमूल्य योगदान देने के लिए भी पुरस्कारों का भी गठन किया गया है जो कि आईपी अधिकारों को सुरक्षा देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण पहलू है।2017 के लिए राष्ट्रीय आईपी पुरस्कार के विजेताओं में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, टीवीएस मोटर्स, मारूति सुजकी इंडिया लिमिटेड, तेजस नेटवर्क्स लिमिटेड, एलिनोव रिसर्च एंड डवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड, बाइकोन लिमिटेड, ह्युमन वेलफेयर एसोसियेशन, क्राइम ब्रांच, चंडीगढ़ शामिल थे।भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) एवं इंडियन पेटेन्ट्स ऑफिस (आईपीओ) द्वारा संयुक्त रूप से गठित राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार पुरस्कार 2009 से ही प्रत्येक वर्ष प्रदान किए जाते हैं, जो वाणिज्य एवं उद्योग में एक कार्यनीतिक माध्यम के रूप में आईपीआर के उपयोग को सम्मानित करता है।