5 Dariya News

मुख्यमंत्री द्वारा परिवहन में एकाधिकार तोडऩे के लिए खुली और पारदर्शी बस परमिट नीति पर जोर

रोजगार पैदा करने के लिए रूपरेखा तैयार करने हेतू परिवहन विभाग को निर्देश

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चंडीगढ़ 27-Apr-2017

परिवहन प्रणाली में मौजूदा एकाधिकार को तोडऩे के मददेनजर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने राष्ट्रीय मार्ग के रूटों के अतिरिक्त शेष रूटों के बस परमिटों तक सभी की पहुंच यकीनी बनाने के लिए एक खुली और पारदर्शी नीति पर जोर दिया हे इसके साथ ही नवयुवकों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए विशेष बस रूट उनको देने के लिए परिवहन विभाग को निर्देश दिये है ।राज्य में मुसीबतों में घिरी परिवहन प्रणाली में सुधार लाने और पिछली सरकार द्वारा इस क्षेत्र में पैदा किये एकाधिकार से इसको मुक्त करवाने के अपनी सरकार के ऐजेडे को आगे चलाते हुये मुख्यमंत्री ने अंतर्राज्य रूटों को ओर तर्कसंगत बनाने का सुझाव दिया है ताकि इस प्रणाली को और अधिक मुकाबले बाजी वाली बनाया जा सके। उन्होने कहा कि इससे मुसाफिरों को बढिय़ा और किफायती सेवाएं उपलब्ध करवाने को यकीनी बनाया जा सकेगा।नई परिवहन नीति का प्रारूप तैयार करने के लिए परिवहन विभाग की प्रांरभिक बैठक की अध्यक्षता करते हुये मुख्यमंत्री ने अंतर्राज्य रूटों को तर्क संगत बनाने के लिए संबधित अधिकारियों को रूपरेखा तैयार करने के लिए निर्देश दिये है। सभी ट्रासपोट्रों को बराबर के अवसर उपलब्ध करवाने और इस विजनैस को ज्यादा मजबूत व लाभदायक बनाने के लिए बैठक में लाभप्रद रूट ई टैंडर द्वारा देने का फैसला किया गया है।

बैठक के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि विभाग द्वारा तैयार की जा रही नीति का खरड़ा शीघ्र ही राज्यमंत्री की स्वीकृति के लिए उसके समक्ष पेश किया जाएगा। उन्होने कहा कि यह नीति माननीय सुप्रीम कोर्ट और पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के दिशा निर्देश और सोच अनुसार तैयार की जा रही है। इस नीति का प्रारूप निजी बस आपरेटरों, मिनी बस आपरेटरों एसटीयू के अधिकारियों , रोड ट्रासपोर्ट अथारटी के अधिकारियों व एसटीयू स्टाफ यूनियनज के विचार लेने के बाद तैयार किया जा रहा है।परिवहन माफिया को खत्म करने के लिए एक अन्य कदम उठाते हुये मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि जिन रूटों पर बसे चलाई जाए उनके परमिट पर बस का रजिस्टे्रशन न बर होना चाहिए। उन्होने सभी बसों में जीपीएस सिस्टम लगाये जाने का सुझाव दिया ताकि परमिट के दुरूपयोग को रोकने के लिए उन पर प्रभावी नजर रखने को यकीनी बनाया जा सके क्योकि पिछली सरकार दौरान इसका बड़े पैमाने में दुरूपयोग हुआ।मुख्यमंत्री ने कुछ फीस लेने के बाद परमिट तबदील करने की आज्ञा देने के लिए विधिविधान तैयार करने के लिए भी विभाग को कहा है इस समय परमिटों को तबदील करने की आज्ञा केवल बसों को नई बसों में तबदील करना या विरसे से संबधित मामले में है।रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए अपनी सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुये मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि रोजगार पैदा करने के लिए कांग्रेस के मैनीफेेस्टों में किये गये वायदे के अनुसार यारी एंटरप्राइजिज और अपनी गडडी अपना रोजगार तहत नवयुवकों को छोटी /मिनी बसों के परमिट देने के लिए इंटरसिटी परिवहन सिस्टम शुरू करने के लिए कदम उठाये जाने का भी सुझाव दिया है। उन्होने इस उदेश्य के लिए ठोस रूपरेखा को अमल में लाने के लिए परिवहन विभाग को निर्देश दिये।

कैप्टन अमरेन्द्र सिंह इलैक्ट्रानिक टैक्सिया चलाने और सड़क सुरक्षा मामलों को भी नई परिवहन नीति में शामिल करने के विभाग को निर्देश दिय। उन्होने सड़कों पर ड्राइविंग करने वाले कम आयु के नवयुवकों विरूद्ध भी कार्यवाही करने के लिए कहा।बैठक दौरान लगजरी व गैर लगजरी बिजनेैस पर लगाये गये टैक्सों में असमानता को मुददा भी विचारा गया। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने विभाग को इस मुददे का जायजा लेने के लिए कहा ताकि कर ढांचे को तर्क संगत बनाया जा सके। उन्होने कर ढांचे को ओर ज्यादा तर्क संगत व व्यापक बनाने के  लिए समान दरे निर्धारित करने का सुझाव दिया।मुख्यमंत्री ने पुरानी हो चुकी पंजाब रोडवेज की बसों को बदलने के लिए व्यापक योजना तैयार करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिये केप्टन अमरेन्द्र सिंह ने संगठित आपातकालीन निवारण प्रणाली व गृह विभाग के साथ तालमेल करके कार्य करने के लिए भी विभाग को कहा।

प्रवक्ता अनुसार नई परिवहन नीति का उदेश्य सुरक्षित एवं सुविधाजनक जनतक परिवहन उपलब्ध करवाना है। इसके साथ ही निजी आपरेटरों को बराबर के अवसर उपलब्ध करवाना, सरकारी परिवहन को स्थिर करना और ट्रासपोर्ट स्ैाक्टर में रोजगार उपलब्ध करवाना है।मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह यकीनी बनाने के लिए कहा कि नई नीति का उदेश्य एसटीयूजके लाभ में सुधार लाना होना चाहिए।बैठक में मु य सचिव करन अवतार सिंह, प्रमुख सचिव परिहवन सर्वजीत सिंह, राज्य के परिवहन कमीशनर भूपिन्द्र सिंह, मु यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह उपस्थित थे।