5 Dariya News

'बिहार के सपूतों को गैरों ने नहीं, अपनों ने छीना'

5 Dariya News

पटना (बिहार) 25-Apr-2017

छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों की कायरतापूर्ण हमले में शहीद हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ ) के 25 जवानों में बिहार के छह सपूत भी शामिल हैं। वैशाली जिले के लाल अभय कुमार के गांव लोमा में जहां मातमी सन्नाटा पसरा है, वहीं भोजपुर जिले के अभय मिश्र के गांव तुलसी में उनके परिजनों का करुण क्रंदन गांव के सन्नाटे को तोड़ रहा है। अभय के गांव वालों को अपने सपूत के शहीद होने पर तो गर्व है, लेकिन उन्हें इस बात का मलाल है कि उनके सपूत को गैरों ने नहीं, अपनों ने छीना। वैशाली जिले के लोमा में सोमवार की देर शाम जैसे ही अभय के शहीद होने की खबर मिली, गांव में मातम पसर गया। मात्र 25 दिन पहले ही अभय अपने गांव में छुट्टियां गुजार कर वतन की सेवा करने काम पर लौटा था। इन्हीं छुट्टियों में उसने अपनी शादी की पहली सालगिरह 10 मार्च को अपनी पत्नी तान्या चौधरी के साथ मनाई थी। 

बचपन में ही अपने पिता की हत्या होने के बाद अभय देशभक्ति के जज्बे के साथ वर्ष 2010 में सीआरपीएफ ज्वाइन किया था। अभय सुकमा में शहीद हो जाने की खबर से उनके परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। पूरे गांव के लोगों की आंखों में आंसू है। शहीद की पत्नी फिलहाल अपने मायके में है और उसे अब लोमा लाया जा रहा है। अभय के चचेरे भाई अजय चौधरी भी सीआरपीएफ में कार्यरत हैं, जबकि उनका एक और भाई पवन चौधरी आईटीबीपी में सेवारत हैं। दोनों भाई अभी छुट्टी में गांव में ही हैं। अपने भाई को खो चुके अजय कहते हैं, "आपलोग मेरा यह सवाल ऊपर तक पहुंचा दें कि आखिर ये कब तक चलेगा? क्या जवान मरने के लिए ही सेना में आते हैं? 

मुट्ठीभर नक्सली क्या इसी तरह जवानों को मारते रहेंगे? इस घटना के बाद सरकार क्या कार्रवाई कर रही है?"शहीद अभय के मित्र नितेश चौधरी को भी अपने मित्र की शहादत पर गर्व है, लेकिन उसे इस बात का अफसोस है कि उसके मित्र को 'अपनों' ने ही छीन लिया। उन्होंने कहा कि अगर अभय सीमा पर दुश्मन देश की गोलियों से शहीद होते तो सम्मान की बात थी। इसी हमले में शहीद अभय मिश्र के पैतृक गांव भोजपुर के जगदीशपुर के तुलसी में मातमी सन्नाटा पसरा है। बड़े बेटे के शहीद होने की खबर पाते ही किसान पिता गजेंद्र सिंह बार-बार बेहोश हो रहे हैं। उन्होंने कहा, "अगर अमेरिका पाकिस्तान में घुसकर ओबामा को मार सकता है, तो हमारे देश की सरकार नक्सलियों के खिलाफ वैसी ही कार्रवाई क्यों नहीं करती?" उन्होंने सवाल उठाया, आखिर नक्सली गरीब के बेटे को क्यों निशाना बना रहे हैं, आखिर इससे उन्हें क्या हासिल होगा? 

शहीद की मां माधुरी मिश्रा का भी रो-रोकर बुरा हाल है।उन्होंने बताया कि 10 दिन पहले ही उनकी बेटे से फोन पर बोत हुई थी, लेकिन नेटवर्क नहीं होने के कारण बेटे का फोन बीच में ही कट गया। उसके बाद फिर बात नहीं हुई। फोन पर बेटे ने कहा था, "मां, अगले महीने घर आऊंगा।" इतना कहते ही वह फफकर रोने लगीं। छत्तीसगढ़ के सुकमा में सोमवार को हुए नक्सली हमले में शहीद सीआरपीएफ के 25 जवानों में से बिहार के छह सपूत भी शामिल हैं। सभी शहीद जवान बिहार के अलग-अलग जिले के रहने वाले हैं। शहीद होने वाले जवानों में बिहार के वैशाली जिले के अभय कुमार, भोजपुर के अभय मिश्र, पटना के दानापुर निवासी सौरभ कुमार, दरभंगा के नरेश यादव, अरवल के रंजीत कुमार और रोहतास के रहने वाले क़े क़े पांडेय शामिल हैं।