5 Dariya News

''अच्छे के लिए मलेरिया का अन्त" विषय पर जागरूकता अभियान का आयोजन किया

5 Dariya News

एस.ए.एस. नगर (मोहाली) 24-Apr-2017

मलेरिया के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए आर्यन्स इंस्टीच्यूट ऑफ नॢसंग, नजदीक चण्डीगढ के विद्यार्थियों और स्टॉफ ने ''अच्छे के लिए मलेरिया का अन्त विषय पर आज आस-पास के गाँवों में वल्र्ड मलेरिया डे से एक दिन पहले जागरूकता अभियान का आयोजन किया। जीएनएम, एएनएम, बीए, बी.एड, एमए (एजु), बीबीए, बीसीए आदि के विद्यार्थियों ने इस सेमिनार में भाग लिया। यह उल्लेखनीय है कि वल्र्ड मलेरिया डे दुनिया भर में हर वर्ष 25 अप्रैल को मनाया जाता है।विद्यार्थियों ने मलेरिया के कारणों, प्रभावों, लक्षणों और निवारक उपायों पर प्रकाश डाला। मलेरिया के कारणों के बारे में बताते हुए उन्होने बताया कि मलेरिया अनोपैलीस मच्छर के काटने से होता है। संक्रमित मच्छर अपने अन्दर प्लास्डियम परजीवी लिए होता है। जब यह मच्छर काटता है तो परजीवी रक्त प्रवाह में चला जाता है। परजीवी फिर लीवर में पहुंचता है जहां वह परिपक्व होता है। कई दिनों के बाद, परिपक्व परजीवी रक्त प्रवाह में प्रवेश करता है और लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करने लगता है। 

48 से 72 घंटो के अन्दर लाल रक्त कोशिकाओं के अन्दर परजीवी गुणा होता है, जिससे संक्रमित कोशिकाएं खुल जाती है।मिस पारूल गुलेरिया, लेकचरार, नॢसंग कॉलेज ने गाँव वालों से बातचीत करते हुए उन्हे मलेरिया के लक्षणों के बारे में बताया जैसे कि पेट में दर्द, ठंड लगना और पसीना आना, दस्त मतली और उल्टी सहित कई लक्षण (यह लक्षण कभी कभी दिखाई देते है), सिर दर्द, अधिक बुखार, कम रक्तचाप जिससे चक्कर आना, मांसपेशियों में दर्द और कम भूख लगना।पारूल ने आगे कहा कि रिपोर्ट कहती है कि 2000 से मलेरिया की रोकथाम ने केसिस और मौतों की गिनती कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुय रूप से कीटनाशक दवाओं के छिडकाव और घरों के अन्दर छिडकाव से मलेरिया के मामले काफी कम हुए है।आर्यन्स ग्रुप के रजिस्टरार, प्रोफैसर बी एस सिद्धू ने मलेरिया रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए कि 2015 में मलेरिया के 212 मिलियन नए केसिस थे और इससे 4,29,000 मौतें हुई। वल्र्ड मलेरिया रिपोर्ट 2016 के अनुसार हर 2 मिनट में एक बच्चे की मलेरिया से मृत्यु होती है।यह उल्लेखनीय है कि मलेरिया के लिए डबल्यूएचओ ग्लोबल टैकनीकल स्टेटरजी से 2015 के आधारभूत स्त्तर की तुलना में 2020 तक मलेरिया के केसों और उनसे होने वाली मौतों में 40' की कमी होगी। दुनिया के 91 देशों में से आधे से कम देश (41) मलेरिया संचरण के लिए इस मील के पत्थर को प्राप्त करने के लिए ट्रैक पर है।