5 Dariya News

एसवाईएल को लेकर कोसली हलके के इनेलो कार्यकर्ताओं ने जंतर-मंतर पर दिया धरना

कांग्रेस व भाजपा पर दोहरी भाषा बोलने और एसवाईएल पर राजनीति करने का लगाया आरोप

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नई दिल्ली 24-Apr-2017

इनेलो ने कांग्रेस व भाजपा पर एसवाईएल को लेकर राजनीति करने और दोहरी भाषा बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला हरियाणा के पक्ष में आने के बावजूद सरकार इस मुद्दे पर गम्भीरता दिखाने की बजाय टालमटोल का रवैया अपनाए हुए है। इनेलो की ओर से जंतर-मंतर पर दिए जा रहे धरने के अंतर्गत सोमवार को रेवाड़ी जिले के कोसली विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरने का नेतृत्व इनेलो के जिलाध्यक्ष डॉ. राजपाल यादव, कोसली के हलका प्रधान जगफूल यादव, इनेलो व्यापार प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सुभाष गर्ग व इनेलो के कार्यालय सचिव नछत्तर सिंह मल्हान ने किया। धरने में रामफल कोसलिया, जस्सु लाल, संदीप टुना, महावीर, मंगल, आजाद, राजू, सज्जन सिंह व कुणाल गहलावत सहित पार्टी के अनेक प्रमुख नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे।

इनेलो नेताओं ने कहा कि हरियाणा के अलग राज्य बनने पर उसे अपने हिस्से के तौर पर जो पानी मिला था उस पानी को एसवाईएल के माध्यम से हरियाणा में लाया जाना था। हरियाणा बने हुए पचास साल से ज्यादा समय हो गया है लेकिन अभी तक प्रदेश को अपने हिस्से का पानी नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि हरियाणा किसी से खैरात नहीं बल्कि अपने हिस्से का पानी मांग रहा है जो कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले अनुसार उसे तुरंत मिलना चाहिए और एसवाईएल के अधूरे निर्माण को तुरंत पूरा किया जाना चाहिए। इनेलो नेताओं ने कहा कि आज केंद्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार है और इस नहर के अधूरे निर्माण को पूरा करवाने की जिम्मेदारी सर्वोच्च न्यायालय के फैसले अनुसार केंद्र सरकार पर है। इसके बावजूद प्रदेश की भाजपा सरकार इसे पूरा करवाने में न तो कोईदिलचस्पी दिखा रही है और न ही वह इस मामले में गम्भीर लग रही है। उन्होंने कहा कि एसवाईएल हरियाणा की जीवनरेखा है और इसे मुकम्मल करवाने और प्रदेश के हिस्से का पानी हरियाणा में लाने के लिए इनेलो बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने में भी पीछे नहीं हटेगी। 

इनेलो नेताओं ने कहा कि एसवाईएल के निर्माण के लिए स्व. जननायक चौधरी देवीलाल ने न सिर्फ  गम्भीर प्रयास किए बल्कि पंजाब में एसवाईएल के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण करवाकर उसके निर्माण के लिए भी चौधरी देवीलाल के नेतृत्व वाली सरकार ने सरकारी खजाने से पंजाब को धनराशि भी जारी की। उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल के कार्यकाल में एसवाईएल का सबसे ज्यादा निर्माण कार्य हुआ और यह बात पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बंसीलाल  ने खुद हरियाणा विधानसभा में स्वीकार की जो कि रिकार्ड में दर्ज है। उन्होंने कहा कि चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने एसवाईएल के मामले में सर्वोच्च न्यायालय में जोरदार पैरवी की जिसके चलते 2002 में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला हरियाणा के पक्ष में आया। उन्होंने कहा कि 2004 में इस फैसले के खिलाफ पंजाब सरकार द्वारा दायर की गई पुनर्विचार याचिका भी खारिज हो गई और सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से नहर के अधूरे निर्माण को किसी केंद्रीय एजेंसी से पूरा करवाए जाने के आदेश दिए।

इनेलो नेताओं ने कहा कि उस समय पंजाब में कैप्टन अमरेंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने नदी जल समझौते रद्द करने का एक असंवैधानिक बिल पारित कर दिया ताकि नहर के निर्माण कार्य को लटकाया जा सके। उन्होंने कहा कि इसके बाद दस साल तक केंद्र व हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी और दो साल तक पंजाब में भी कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस नहर को पूरा करवाने में कोई दिलचस्पी लेना तो दूर एक शब्द तक नहीं बोला और मामले को ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया। उन्होंने कहा कि अब पिछले अढाई सालों से हरियाणा व केंद्र में भाजपा की सरकार है और पंजाब में भी इस दौरान भाजपा की गठबंधन सरकार रही लेकिन नहर निर्माण के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया। इनेलो नेताओं ने कहा कि कांग्रेस व भाजपा के नेता एसवाईएल पर पंजाब में अलग व हरियाणा में दूसरी भाषा बोलते हैं जिससे साफ है कि उनकी भाषा न सिर्फ दोहरी है बल्कि उन्हें हरियाणा के हितों से भी कोई लेना-देना नहीं। इनेलो नेताओं ने कहा कि जब तक नहर का अधूरा निर्माण पूरा नहीं हो जाता इनेलो अपना आंदोलन जारी रखेगी और बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने से भी पीछे नहीं हटेगी।