सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण पर जोर
5 Dariya News
New Delhi 23-Apr-2017
यहां सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में सेना के तीनों अंगों के लिए एक संयुक्त क्रियाशील सिद्धांत (ज्वाइंट ऑपरेशनल फिलॉसफी) को बनाने पर जोर दिया गया। एक बयान में बताया गया है कि सम्मेलन में सैन्य प्रमुख बिपिन रावत ने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण कार्यक्रम में तेजी लाने का आह्वान किया। तीन दिवसीय सम्मेलन का समापन शनिवार को हुआ। इसमें शीर्ष सैन्य कमांडरों ने मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य और उन रणनीतिक व कार्रवाई योग्य मुद्दों पर चर्चा की जो सेना को उसकी प्रभावी आक्रामकता को बरकरार रखने में मददगार हों।सैन्य प्रमुख के अलावा सम्मेलन को रक्षा मंत्री अरुण जेटली, नौसेना प्रमुख सुनील लांबा और वायुसेना प्रमुख बी.एस. धनोआ ने भी संबोधित किया।बयान के मुताबिक एडमिरल लांबा और एयर चीफ मार्शल धनोआ ने अपने संबोधनों में ज्वाइंट ऑपरेशनल फिलॉसफी को सामने लाने पर जोर दिया।
जनरल रावत ने सम्मेलन के समापन भाषण में सशस्त्र बलों की सैन्य प्रभावकारिता को बनाए रखने के लिए सहयोगपूर्वक काम करने को कहा।जनरल रावत ने सेना के आधुनिकीकरण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, "यह तय किया गया है कि सेना की आधुनिकीकरण योजना को आगे बढ़ाया जाए। यह तय किया गया है कि आधारभूत ढांचे के विकास के लिए भूमि अधिग्रहण में तेजी के लिए राज्य सरकारों के जरिए एक व्यापक योजना बनाई जाए।"बयान में कहा गया है कि मानव संसाधन संबंधी नीतियों पर असर डालने वाले महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी चर्चा की गई और कहा गया कि एक अधिक व्यावहारिक मानव संसाधन नीति बनाने की जरूरत है।इसमें कहा गया है कि सेना के मूल मूल्यों में कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन तेजी से हो रहे सामाजिक बदलाव और सेना पर साफ पड़ रहे सामाजिक-आर्थिक आकांक्षाओं के प्रभाव पर भी सम्मेलन में चर्चा की गई।