5 Dariya News

सर्विस चार्ज पर दंड के लिए कानून की जरूरत नहीं : राम विलास पासवान

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नई दिल्ली 23-Apr-2017

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने रविवार को उपभोक्ताओं से सर्विस चार्ज लगाने के लिए देश के होटलों और रेस्तरां को दंडित करने के लिए कानून बनाए जाने से इनकार किया। पासवान ने कहा कि विवादित मुद्दे पर सरकार द्वारा कानून बनाने से पहले इस मुद्दे पर पर्याप्त जागरूकता और लोगों द्वारा इसकी मांग की आवश्यकता है।उन्होंने यहां मीडिया से कहा, "हमने उपभोक्ताओं को उनके अधिकार के बारे में सूचित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर बताया है कि सेवा शुल्क स्वैच्छिक है। होटल या रेस्तरां इसे अनिवार्य नहीं कर सकते। यह एक उपभोक्ता पर निर्भर है कि वह इसका भुगतान करना चाहता है या नहीं। यदि मैं अभी कानून पर कुछ कहूं तो यह कहा जाएगा कि सरकार दखल दे रही है।"उन्होंने कहा कि होटल और रेस्तरां को यह नहीं समझना चाहिए कि चूंकि सरकार (जरूरी) कानून नहीं लाई तो वे सेवा शुल्क वसूल सकते हैं।

उन्होंने कहा कि यदि रेस्तरां कहते हैं कि वे अपने वेटर्स को सेवा शुल्क के एक हिस्से का भुगतान करते हैं तो यह दर्ज किया जाना चाहिए और टैक्स रिटर्न में इसका हिसाब रखा जाना चाहिए।उन्होंने कहा, "अगर उपभोक्ता को सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए बाध्य किया जाता है तो वह उपभोक्ता अदालत में जा सकता है।"उन्होंने कहा कि मंत्रालय का इरादा अनुचित व्यापार तरीकों को लेकर मामले पर नए दिशा-निर्देश जारी करना है, जिससे उपभोक्ताओं को सेवा शुल्क को लेकर उनके अधिकारों को लेकर जागरूक किया जा सके।पासवान ने कहा कि उभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत उपभोक्ता को खाद्य पदार्थ की मात्रा और लिए जाने वाले मूल्य को जानने का अधिकार है।दिशा-निर्देशों के मुताबिक, बिल में साफ तौर पर लिखा होना चाहिए कि सेवा शुल्क स्वैच्छिक है और बिल में सेवा शुल्क का कॉलम भुगतान करने से पहले उपभोक्ता के लिए खाली होना चाहिए।उपभोक्ता सेवा की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने के बाद यह तय कर सकता है कि उसे टिप देना है या नहीं और अगर देना है तो कितना देना है।