5 Dariya News

देश के विकास के लिए समावेशी दृष्टि की जरूरत : नीतीश कुमार

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नई दिल्ली 23-Apr-2017

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बदले हुए आर्थिक एवं सामाजिक परिवेश में देश के विकास के लिए समावेशी सोच एवं दृष्टि की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय को आवश्यक रूप से प्रतिष्ठापूर्ण और आत्मसम्मान से जीवन जीने का अवसर उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित करना हम सबका कर्तव्य है। नीतीश ने राष्ट्रपति भवन के प्रेक्षागृह में आयोजित नीति आयोग के शासी परिषद् की तीसरी बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सतत विकास के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लघु, मध्यम एवं दीर्घकालीन रणनीति का सूत्रण किया जाना चाहिए, जो राज्यों के बीच असमानता के स्तर पर आधारित हो। इससे सार्वभौमिक, एकीकृत, रूपान्तरित विकास के लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है। नीति आयोग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए नीतीश ने कहा कि बिहार जैसे पिछड़े राज्य के लिए यह चिंता का विषय है कि राज्यों के बीच निधि के बंटवारे हेतु 14वें वित्त आयोग ने जो फार्मूला दिया है, उसके आधार पर कुल राशि में बिहार का हिस्सा 10.9 प्रतिशत से घटकर 9.665 प्रतिशत हो गया है। 

उन्होंने कहा, "बिहार भौतिक एवं सामाजिक आधारभूत संरचना की दृष्टि से अत्यंत पिछड़ा है, और यहां प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। बिहार राज्य की इन विशेष आवश्यकताओं को भी देखे जाने की आवश्यकता है।"मुख्यमंत्री ने 12वीं पंचवर्षीय योजना में विशेष योजना बीआरजीएफ के अंतर्गत लंबित राशि को शीघ्र विमुक्त करने का अनुरोध किया, ताकि योजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके।नीतीश ने उग्रवाद प्रभावित जिलों में भी 250 से अधिक आबादी वाले बसावटों को जोड़ने की योजना को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में शामिल करने का अनुरोध किया।उन्होंने कहा, "बिहार विकास के प्रमुख मापदंडों मसलन गरीबी रेखा, प्रति व्यक्ति आय, औद्योगीकरण और सामाजिक एवं भौतिक आधारभूत संरचना में राष्ट्रीय औसत से नीचे है। ऐसे पिछड़े राज्यों को एक समय सीमा में पिछड़ेपन से उबारने और राष्ट्रीय औसत के समकक्ष लाने के लिए सकारात्मक नीतिगत पहल की जरूरत है। पिछड़ेपन से निकल कर विकास के राष्ट्रीय औसत स्तर को प्राप्त करने के लिए बिहार को और इस जैसे अन्य पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिलना आवश्यक है।"नीतीश ने कहा, "राज्य में व्यापक कौशल विकास कार्यक्रम हेतु पहल करते हुए कौशल विकास मिशन की स्थापना की गई है। 

राज्य सरकार द्वारा अगले पांच वर्षो में एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किए जाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।"उन्होंने कहा, "अगले चार वर्षो में पूरे राज्य को खुले में शौच से मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है और उस पर तेजी से कार्य चल रहा है।"नीतीश ने कहा, "संसाधनों की कमी के बावजूद राज्य सरकार सात निश्चय के तहत हर घर बिजली, हर घर नल का जल, हर घर में शौचालय, संपर्क विहीन बसावटों को पक्की सड़क से जोड़ने, घरों तक पक्की गली-नाली का निर्माण एवं युवाओं और महिलाओं के लिए उच्च, व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास की व्यवस्था जैसे राष्ट्रीय विकास एजेंडा से संबंधित प्राथमिकताओं को अपने सीमित संसाधनों से मिशन मोड में क्रियान्वित करा रही है। इस प्रकार राष्ट्रीय विकास एजेंडा, जो भारत सरकार की प्राथमिकता है, को हमारा राज्य अपने स्तर से आगे बढ़ा रहा है। हम आशा करते हैं कि भारत सरकार इन सभी पहल के लिए समुचित संसाधन उपलब्ध कराएगा।"