5 Dariya News

कैप्टन अमरिंदर सिंह के सुझाव पर केंद्रीय गृह मंत्री धार्मिक आधार पर बनाई सिखों की काली सूची पर नजरसानी के लिये सहमत

मुख्यमंत्री द्वारा बी एस एफ की अतिरिक्त फोर्स तैनात करने की मांग

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नई दिल्ली 22-Apr-2017

काली सूची में शामिल सिख नवयुवकों को समाज की मुख्य धारा में लाने की तरफ एक बड़ा कदम उठाते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ऐसी सूची को धार्मिक स्तरों पर बनाने की प्रणाली समाप्त करने का सुझाव दिया है।केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने माना कि मौजूदा प्रणाली से सिख नवयुवकों की मानसिकता को ठेस पहुंची है क्योंकि इनमें से अधिकतर नवयुवकों के नाम गत् कई वर्षो से इस सूची में दर्ज हैं। उन्होंने इस सूची पर नज़रसानी करने की सहमति व्यक्त की है। केंद्रीय गृह मंत्री में काली सूची में शामिल सिखों के बच्चों को भारत आने की आज्ञा देने के लिये मुख्यमंत्री की विनती को स्वीकार करने की भी सहमति व्यक्त की।यह प्रगटावा पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री के बीच हुई बैठक के बाद किया।पंजाब के मुख्यमंत्री ने गत् कल केंद्रीय विदेश मंत्री सुष्मा स्वराज के साथ शिष्टाचार के नाते हुई बैठक के दौरान भी काली सूची वाले सिख नवयुवकों का मुद्दा उठाया था।राज्य की संप्रदायिक सद्भावना को क्षति पहुंचाने के लिये एक गंभीर साजिश का आरोप लगाते हुये कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री को अपील की कि पंजाब में बेअदबी की घटित घटनांए और निर्धारित किये गये कत्ल के मामलों की जांच में तेजी लाने के लिये सीबीआई और अन्य केंद्रीय एजेंसियों को निर्देश जारी किये जायें। 

मुख्यमंत्री ने भारत-पाक सीमा पर सुरक्षा को मज़बूत करने के लिये बी एस एफ की 5 अतिरिक्त कंपनियां लगाने की मांग करते हुये सीमा पर द्वितीय पंक्ति की रक्षा प्रणाली स्थापित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कशमीर की तर्ज पर बी एस एफ को तैनात किये जाने की जरूरत है जबकि इस समय पंजाब के लगभग 32 कि.मी क्षेत्र में बी एस एफ की केवल एक बटालियन है। मुख्यमंत्री ने पुलिस थाना दीनानगर में वर्ष -2015 के फिदायिन हमले और वर्ष 2016 में पठानकोट में भारतीय वायु सेना के अड्डे पर हुये हमले के संदर्भ में सुरक्षा फोर्स ने बढ़ौतरी करने का कारण बताया।द्वितीय पंक्ति की रक्षा प्रणाली के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मौजूदा पहलुओं के आधार पर यह बहुत आवश्यक है क्योंकि पंजाब की सीमा आंतकवादी हमलों, आंतकवादी हथियारों और असले की घुसपैठ तथा सीमा के पार नशों के भारत आने के पक्ष से काफी कमज़ोर है। जबकि जम्मू कशमीर सीमा पर यह सुरक्षा बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि द्वितीय पंक्ति की रक्षा के लिये तुरंत बुनियादी ढांचा, सक्षम निर्माण और मानवीय शक्ति के लिये लगभग 206 करोड़ रुपये के फंड जारी करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने देश के हित के मद्देनज़र गृह मंत्री से वित्तीय सहायता की मांग की। 

मुख्यमंत्री ने आई आर बी की दो बटालियनों के लिये वार्षिक खर्चे की पूर्ति से निपटने के लिये आवश्यक फंड मुहैया करवाने के लिये भी केंद्रीय गृह मंत्री को अपील की। इन दोनो बटालियनों में से प्रत्येक के लिये हाल ही में 51.19 करोड़ रुपये स्वीकार हुये हैं।जनवरी 2016 से पंजाब में आर एस एस, हिंदू तथा शिव सेना नेताओं के निर्धारित कर किये कत्लों का जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआई, केंद्रीय एजेंसियों तथा राज्य पुलिस के बीच बढिय़ा तालमेल और बेहतर प्रयास किये जाने के बावजूद कातिलों को पकडऩे या ग्रुपों/व्यक्तियों की पहचान करनी अभी तक संभव नही हुई। केंद्रीय एजेंसियों से हाल ही में प्राप्त हुई रिपोर्टे आंतकवादियों/गर्मख्याली संस्थाओं/व्यक्तियों द्वारा आर एस एस की शाखांए, डी एस एस, नाम चर्चा केंद्रों, धार्मिक स्थानों तथा निर्धारित कर व्यक्तियों को निशाना बनाने की योजनाओं की तरफ इशारा करती हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लंबित पड़े केसों के हल के लिये विभिन्न एजेंसियों द्वारा एकत्र होकर व्यापक प्रयास करने पर बल दिया।पंजाब की अति आधुनिक सुरक्षित जेलों में सुरक्षा से संबंधित विचारविमर्श भी किया गया इन जेलों में हाल ही के दौरान नाभा जेल तोड़ कर अपराधियों के भाग जाने तथा गैंगस्टरों की आपसी लड़ाई के विभिन्न मामलों सहित हिंसा की कई घटनाएं घटित हुई हैं। पंजाब की विभिन्न जेलों में बंद बड़े आतंकवादियों की गैंगस्टरों के साथ सांठगांठ को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने श्री राजनाथ सिंह को राज्य की अतिआधुनिक जेलों की सुरक्षा के लिए सी आई एस एफ /सी आर पी एफ मुहैया करवाने की अपील की।

पंजाब की अति सुरक्षित या नाजुक जेलें जहां खतरनाक आतंकवादी और गैंगस्टर कैद हैं, यह केन्द्रीय बल कम से कम छ: महीने के लिए तैनात किए जाने की आवश्यकता है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही के दौरान 8000 पुलिस कर्मचारियों की भर्ती आरंभ की गई है परंतु इन कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने तथा क्षेत्रीय ड्यूटी के लिए तैनात करने हेतू एक वर्ष से अधिक का समय लगेगा।मुख्यमंत्री ने पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण के लिए वित्तीय सहायता हेतू पंजाब को श्रेणी-1 के तौर पर अधिसूचित करने की मांग करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर एवं उत्तर पूर्वीय राज्यों की तजर् पर पंजाब को भी 90:10 केन्द्रीय राज्यीय हिस्सेदारी तहत मदद मुहैया करवाई जाए। उन्होंने  इस बात की तरफ भी ध्यान दिलाया कि पंजाब एक संवेदनशील  सीमावर्ती राज्य है जहां सीमा पार से नशो और हथियारों की तस्करी जैसी घटनाएं होती हैं जिस कारण इस तरफ विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।पुलिस के लिये बढ़ रही सुरक्षा चुनोैतियों से निपटने के लिए पुलिस फोर्स को ओर मज़बूत बनाने का मसला उठाते हुए मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय से होम लैंड सिक्योरिटी हेतू इज़रॉयल के साथ सांझा बर्किंग ग्रुप स्थापित करने की स्वीकृति देने की भी मांग की। गृह मंत्री को यह मांग पहल के आधार पर विचारने की मांग करते हुए कहा कि यह बर्किंग ग्रुप पुलिस को आतंकवाद विरोधी ऑप्ररेशनों, सीमाओं की रक्षा सहित अन्य क्षेत्रों का भी आवश्यक प्रशिक्षण देगा।इस बैठक में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री रवीन ठुकराल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री सुरेश कुमार और राज्य के पुलिस मुखी सुरेश अरोड़ा उपस्थित थे।