5 Dariya News

ज्ञानी जैल सिंह इंजीनियरिंग कालेज के अस्तित्व को बचाने के लिये कालेज स्टॉफ वेलफेयर सोसाइटी ने चरनजीत सिंह चन्नी को दिया ज्ञापन

तकनीकी शिक्षा मंत्री ने शिष्टमंडल को हर मामले की गहराई से जांच करने का दिया भरोसा

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चंडीगढ़ 22-Apr-2017

ज्ञानी जैल सिंह इंजीनियरिंग कालेज स्टॉफ वेलफेयर सोसाइटी द्वारा कालेज का अस्तित्व बचाने के लिये तकनीकी शिक्षा मंत्री स. चरनजीत सिंह चन्नी से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। इस संबंधी जानकारी देते हुये कालेज वेलफेयर सोसाइटी के प्रधान प्रौ. चरनजीत सिंह ने बताया कि कालेज के परिसर में सियासी साजिश के तहत महाराजा रणजीत सिंह यूनीवर्सिटी खोली गई ताकि स्वर्गीय ज्ञानी जैल सिंह जी के नाम वाली संस्था की विरासत को सदा के लिये समाप्त कर दिया जाये। ज्ञानी जैल सिंह इंजीनियरिंग कालेज स्टॉफ वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि गत् 27 वर्षो से ए आई सी टी ई की मान्यता इस कालेज को प्राप्त थी जो यूनीवर्सिटी बनने पर कुछ लोगों को यूनीवर्सिटी में उच्च पद प्रदान करने के लिये समाप्त करवा दी गई परंतु 2 वर्ष के पश्चात विद्यार्थीयों और कालेज स्टॉफ के भारी दबाव के चलते पुन: से आई सी टी ई की मान्यता लेनी पड़ी है। सोसाइटी के नेताओं ने आरोप लगाया कि नॉन टैकनीकल अध्यापकों को उच्च पद देने के लिये सभी नियम ताक पर रख कर लाभ पहुंचाये गये। कालेज वेलफेयर सोसाइटी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि कालेज को वित्तीय तौर पर समाप्त करने के उद्धेश्य से कालेज के 25 करोड़ रुपये महाराजा रणजीत सिंह यूनीवर्सिटी को ट्रांसफर कर दिये गये। 

सोसाइटी पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि मौजूदा अधिकारियों द्वारा जानबूझकर साजिश के अंतर्गत्त इस इंजीनियरिंग कालेज को समाप्त करने के लिये बी टैक और एम टैक के दाखिलों में लापरवाही इस्तेमाल की जा रही है जिस कारण बी टैक में 43 प्रतिशत और एम टैक में 82 प्रतिशत कम दाखिले हुये हैं। उन्होंने बताया कि तकनीकी शिक्षा मंत्री ने भरोसा दिलाया कि वह प्रत्येक मामले की गहराई से शीघ्र जांच करवायेंगे। उन्होंने कहा कि ज्ञानी जैल सिंह देश के महान नेता थे जिनकी विरासत को और बढ़ाया जायेगा तथा ज्ञानी जी के नाम को समाप्त करने वाले किसी भी गुप्त एजेंडे को सफल नही होने दिया जायेगा। तकनीकी शिक्षा मंत्री को ज्ञापन देने वाले शिष्टमंडल में ज्ञानी जैल सिंह इंजीनियरिंग कालेज स्टॉफ वेलफेयर सोसाइटी के प्रौ. चरनजीत सिंह प्रधान, डॉ. बलविंदर सिंह उप -प्रधान, डॉ. संजीव कुमार महासचिव, श्री रमेश गर्ग वित्त सचिव , श्री सुखजीत सिंह सहायक सचिव, डॉ. अनुपम कुमार, डॉ. राकेश बांसल कार्यकारी सदस्य और डॉ. संदीप कांसल कार्यकारी सदस्य शामिल थे।