5 Dariya News

भारत में निर्मित आयॉन ऑटोमोबाइल बेटरीज ने नीति निर्माताओं का ध्यान आकर्षित किया

इलेक्ट्रॉनिक वाहन उद्योग के लिए वाह-वाह

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नई दिल्ली 19-Apr-2017

निजी क्षेत्र सहित अन्य कम्पनियों को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लिथियम बैटरी के लिए टेक्नोलॉजी की खोज की इजाजत दिए जाने के साथ ही सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित हुआ है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पहले से ही सरकार को इस प्रकार के अनुसंधान के लिए प्रोत्साहित किया था, जो कि अब एक एजेंडा के रूप में एक व्यवस्थित और सरल तरीके के सामने आने जा रहा है।इस कदम को ऑटोमोबाइल कम्पनीज, बेटरी निर्माताओं और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। कतिपय कम्पनियों ने स्वदेशी लिथिमय ऑयन बेटरी निर्माण के लिए अपना प्राथमिक रुझान प्रदर्शित किया है तथा वे पहले से ही इसरो तक अपनी पहुंच बना चुकी हैं।सरकार की खोज से पता चला है कि लिथियम ऑयन बेटरीज का काफी कम खर्च में अधिक मात्रा इनका निर्माण संभव है। अब इसकी थोक खरीद और उत्पादन से इसकी लागत को करीब 80 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है, जिसका प्रभावी असर इसकी मांग को पूरा करने में सहायक होगा। अभी तक इस प्रकार की सभी लिथियम ऑयन बेटरीज का निर्यात किया जा रहा था और इसकी कीमतें भी काफी अधिक रहती थी। इस प्रकार की बेटरीज उच्च शक्ति की होती हैं, परन्तु इन बेटरीज पारम्परिक बैटरीज की तुलना में वजन और मात्रा के साथ मेल नहीं खाती थी।सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए भारत के शीर्ष इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता लोहिया ऑटो इण्डस्ट्रीज के सीईओ आयुष लोहिया ने कहा कि ‘‘हमें आशा है कि हम लिथियम ऑयन बेटरीज की घरेलू निर्माण, इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को पर्याप्त आपूर्ति कर सकेंगे, जिससे इस उद्योग को बहुत बड़ा सहारा मिल सकेगा। बदलते परिवेश और स्वदेशी उत्पादन के चलते इलेक्ट्रिक वाहन और अधिक प्रतिस्पर्धी दरों पर मिल सकेंगे तथा इनकी  आगे की मांगों को पूरा करने में मदद मिल सकेगी।

‘‘श्री लोहिया ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि ‘‘इलेक्ट्रिक वाहनों विशेष कर इलेक्ट्रिक कारों, इलेक्ट्रिक वाहनों और ई-रिक्शाज का चलन भारतीय सड़कों पर चलने के कारण इनका भविष्य वास्तव में आशाजनक लग रहा है, और ऑटोमोबाइल्स के लिए इस प्रकार की उच्च शक्ति की बेटरीज के निर्माण के लिए स्वदेशी तकनीक अपनाए जाने इस उद्योग को काफी राहत मिल सकेगी, क्यां की सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे प्राकृतिक ईंधन (फॉसिल फ्यूल) पर हमारी निर्भरता जहां कम होगी वही प्रदूषण कम होगा तथा यह दीर्घावधि में ग्राहक और देश दोनों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।‘‘इस प्रकार की बेटरीज के निर्माण से ई-बाइक निर्माताओं को बहुत बड़ा प्रोत्साहन मिल सकेगा और वे अपने उत्पादों के लिए इस क्रांतिकारी लिथियम ऑयन प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकेंगे। लिथियम ऑयन बेटरीज को उनके मौजूदा चार्ज स्तरों से किसी भी समय चार्ज या डिस्चार्ज किया सकता है और इसकी इसी विशेषता के कारण इसकी मांग तेजी के साथ बढ़ेगी। लिथियम ऑयन प्रौद्योगिकी के कारण इसके कुल चार्ज होने में असाधारण समय की बचत के कारण ई-बाइक्स निर्माता अपने ग्राहकों को अधिक पेशकशें देने में समर्थ हो सकेंगे। इस प्रकार की बेटरीज ने केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकेंगी अपितु प्राकृतिक ईंधन पर निर्भरता को भी कम कर सकेंगी साथ ही अन्य आईसी इंजन या लेड एसिड आधारित इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में आर्थिक रूप से व्यवहारिक होंगी। इसके अलावा सरकार के वर्ष 2030 तक मेक इण्डिया के लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा करने के साथ ही स्वच्छ एवं सुरक्षित पर्यावरण दे सकेगे जोकि आज सेहत के लिए एक बड़ा सवाल बन चुके हैं।