5 Dariya News

पंजाब मंत्रीमंडल द्वारा सारागढी यादगार का प्रबंध ट्रस्ट को दिए जाने का निर्णय

5 Dariya News

चंडीगढ़ 19-Apr-2017

मंत्रीमंडल पंजाब ने ऐतिहासक सारागढ़ी यादगार/गुरुद्वारे का प्रबंध सारागढ़ी मैमोरियल ट्रस्ट फिरोजपुर को दिए जाने का निर्णय लिया है ताकि इन ऐतिहासिक स्थलों की और भी बढिय़ा ढंग से देख-रेख किया जाना यकीनी बनाया जा सके।इस ट्रस्ट में फौज में अपनी बढिय़ा सेवाएं प्रदान करने वाली महान विभूतियां शामिल हैं। जिसके लिए मंत्री मंडल ने जिला फिरोजपुर में फिरोजपुर छावनी में स्थित इस महत्वपूर्ण स्थल की देखरेख की ज़िम्मेदारी ट्रस्ट के हाथों में देने का निर्णय लिया है। मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्री मंडल की मीटिंग के पश्चात एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस के साथ ही मंत्री मंडल ने पिछली अकाली भाजपा सरकार द्वारा गुरुद्वारा सारागढ़ी का प्रबंध बाबा नंद सिंह गुरुद्वारा नानकसर कलेरां (जगराओं) को 30 वर्षा के लिए दिए जाने के आदेशों को भी रद्द कर दिया।कैप्टन अमरिन्द्र सिंह ने 12 सितंबर ,1897 की सारागढ़ी के ऐतिहासिक युद्ध के संबंध में अपनी किताब जारी करते समय हुए समारोह के दौरान सरकार द्वारा गुरुद्वारा साहिब की सेवा ट्रस्ट के हाथों में देने का निर्णय किया था। 

12 सितंबर, 1897 को हवलदार ईसर सिंह की कमांड अधीन 21 जवानों ने सैंकड़ों कबाइलियों को मार के शहादत प्राप्त की थी। इन कबाइलियों ने हजारों की संया में सारागढ़ी पोस्ट पर हमला कर दिया था।बर्तानवी हकुमत ने इन शहीदों को सब से ऊंचा युद्ध सन्मान ‘‘इंडियन आर्डर आफ मैरिट ग्रेड-2’’ से सन्मानित  किया गया। गुरुद्वारा सारागढ़ी साहिब में प्रत्येक वर्ष 12 सितंबर को इन शहीदों की महान कुर्बानियों को याद किया जाता है। इसके अतिरिक्त गुरुद्वारा सारागढ़ी साहिब में समय समय पर गुरुपर्व मनाने के अतिरिक्त कीर्तन दरबार भी लगाए जाते हैं।मुख्य प्रबंधक बाबा लक्खा सिंह नानक सिंह कलेरां वाले ने अगस्त-2015 व जनवरी 2016 के दौरान पंजाब सरकार को आवेदन कर के गुरुद्वारा की देख रेख के लिए सेवा का प्रबंध दिए जाने को कहा था।कैप्टन अमरिन्द्र सिंह जो स्वयं भी फौज में सेवाएं निभा चुके हैं, ने यह स्पष्ट किया कि उनके कार्याकाल के दौरान पंजाब में शहीदों की अलग अलग यादगारों की हालत को किसी भी कारण से खराब नहीं होने दिया जाएगा। जिस तरह के पिछली सरकार द्वारा किया गया था। मुख्य मंत्री ने कैबनिट मीटिंग के दौरान फिर कहा कि हमारे बहादुर सैनिकों की इन यादगारों की अच्छी तरह से संभाल की जाएगी जिसके वह अधिकारिक भी हैं।