5 Dariya News

आर्थिक रूपांतरण हमारी प्राथमिकता : बिद्या देवी भंडारी

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नई दिल्ली 18-Apr-2017

नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने मंगलवार को यहां कहा कि राजनीतिक बदलाव के बाद अब सामाजिक-आर्थिक बदलाव उनके देश की शीर्ष प्राथमिकता है और देश भारत की अपार प्रगति से लाभ उठाने को उत्सुक है। भंडारी ने उद्योग चैंबर सीआईआई, फिक्की और एसोचैम द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "नेपाल हाल के वर्षो में व्यापक राजनीतिक बदलावों से गुजरा है। अब सामाजिक-आर्थिक विकास हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। यदि आर्थिक बदलाव नहीं हुआ तो राजनीतिक बदलाव टिक नहीं पाएगा।"भंडारी ने कहा कि आर्थिक, सामाजिक, वैज्ञानिक और अन्य क्षेत्रों में भारत द्वारा हासिल उपलब्धियों उल्लेखनीय हैं और नेपाल भारत की सफलता से लाभ उठाने के लिए उत्सुक है।उन्होंने कहा, "नेपाल के लिए भारत सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 

हम दक्षेस, बिम्सटेक और बीबीआईएन में घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं और इन क्षेत्रीय और उपक्षेत्रीय मंचों को परिणाम देने में अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।"भंडारी ने कहा कि नेपाल निजी क्षेत्र को विकास का साझेदार मानता है। उन्होंने कहा कि नेपाल ने विदेशी निवेश के लिए सभी सेक्टरों को खुला रखा है, जिसमें विनिर्माण, जलविद्युत, पर्यटन, सेवाएं, खनन और कृषि आधारित उद्योग शामिल हैं।बिद्या देवी ने कहा, "सरकार निवेश अनुकूल वातावरण बनाने के लिए बचनबद्ध है.. प्रशासनिक प्रक्रियाओं को चुस्त किया गया है और उन्हें व्यापार अनुकूल बनाया गया है।"भंडारी ने कहा, "नेपाली और भारतीय निवेशकों के बीच कोई भेदभाव नहीं किया गया है। कई समानताएं हमें स्वाभाविक साझेदार बनाती हैं। भारत के साथ बीआईपीपीए (द्विपक्षीय निवेश संवर्धन एवं संरक्षण समझौता) मंजूरी के लिए विचाराधीन है, जबकि दोहरा कराधान वंचना समझौते पर पहले ही हस्ताक्षर हो चुका है।"उन्होंने कहा कि नेपाल में निवेश के लाभ अन्य देशों की बनिस्बत कम आकर्षक नहीं हैं।राष्ट्रपति ने कहा, "निवेश के लिए हमारी धरती अक्षुण है और कोई भी क्षेत्र लाभकारी है। 

महत्वपूर्ण यह कि दुनिया की दो उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मध्य स्थित नेपाल संभावित निवेशकों को भारी लाभ की पेशकश करता है।"उन्होंने कहा, "हमारे पास आर्थिक विकास के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारी की एक नीति है। हमने बड़े निवेशकों को एक जगह सेवा मुहैया कराने के लिए नेपाल निवेश बोर्ड का गठन किया है। अपार श्रमशक्ति की उपलब्धता और श्रम कानूनों द्वारा प्रत्याभूत संवर्धित औद्योगिक संबंध ने निवेश वातावरण को आकर्षक बना दिया है।"उन्होंने कहा कि उनके देश में उपलब्ध अपार जल संसाधनों का उपयोग किया जा सकता है।भंडारी ने कहा, "हम आपसी लाभ के लिए इन संसाधनों के दोहन के लिए एकजुट प्रयास कर सकते हैं। इस संभावना का पूंजीकरण कर के हम स्वच्छ प्रौद्योगिकी और हरित विकास के क्षेत्र में आगे निकल सकते हैं।"

भंडारी ने भारतीय निवेशकों को नेपाल में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि एक समृद्ध नेपाल हमारे पड़ोसी के हित में होगा।भंडारी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निमंत्रण पर यहां सोमवार को पांच दिवसीय दौरे पर पहुंची हैं।अक्टूबर 2015 में पद संभालने के बाद भंडारी का यह पहला विदेश दौरा है।उनके साथ एक 33 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी आया हुआ है, जिसमें विदेश मंत्री प्रकाश शरण महात और शांति एवं पु़नर्निर्माण मंत्री सीता देवी यादव, पांच महिला सांसद और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।भंडारी शुक्रवार को नेपाल लौटने से पहले गुजरात और ओडिशा भी जाएंगी।