5 Dariya News

नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा प्रमुख शख्शीयतों से मिलकर सांस्कृतिक लहर खड़ी करने का आह्वान

ठोस एवं कारगर सांस्कृतिक नीति का प्रारूप तैयार करने के लिये आज मैराथन चली बैठक में किये अह्म विचार

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चंडीगढ़ 16-Apr-2017

नई पीढ़ी को पंजाब के अमीर विरसे से जोडऩे, पंजाबी सांस्कृति को संभालने तथा पर्यटन को प्रफृूल्लित करने की दिशा में सांस्कृतिक एवं पर्यटन मंत्री श्री नवजोत सिंह सिद्धू ने आज यहां स्थित पंजाब भवन में कला, साहित्य एवं सांस्कृतिक से जुड़ी अह्म शख्शीयतों से बैठक की। मैराथन चली इस बैठक में सभी के विचार सुनने के पश्चात श्री सिद्धू ने यह भरोसा दिलाया कि इन सुझावों को शामिल कर एक ठोस एवं कारगर सांस्कृतिक नीति बनाकर इसको लागू किया जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने सांस्कृतिक लहर खड़ी करने का आह्वान भी किया। इस बैठक में डॉ. सुरजीत पातर, पम्मी बाई, श्रीमती सुनीता धीर, जसबीर जस्सी, श्री गुरप्रीत घुग्गी, डॉ. सतिंदर सरताज, डॉ. अमर सिंह, फिल्मकार श्री मनमोहन सिंह, श्री सतनाम माणक, डॉ. रवेल सिंह, डॉ. दीपक मनमोहन सिंह, श्रीमती नीना टिवाणा, श्री गुरचरन सिंह चन्नी, डॉ. शिंदरपाल, डॉ. इंद्रजीत सिंह, डॉ. जंगबहादुर गोयल, श्रीमती प्रभशरण कौर सिद्धू, श्री केवल धालीवाल, श्री दीवान मन्ना, श्री गुरप्रीत आर्टिस्ट, प्रौ. राजपाल सिंह, डॉ. गुरनाम सिंह, डॉ. कर्मजीत सिंह सराओ, साधवी खोसला, डॉ. सुरजीत, डॉ. रविंदर कौर, प्रौ. राजिंदर पाल सिंह बराड़, श्री बलदेव सिंह धालीवाल, सांस्कृतिक विभाग के सचिव श्री हुस्नलाल एवं निदेशक डॉ. नवजोत पाल सिंह रंधावा उपस्थित हुये। 

सांस्कृतिक एवं पर्यटन मंत्री ने बैठक की शुरूआत करते हुये कहा कि यह आज विभाग के लिये गर्व की बात है कि कला, साहित्य, सांस्कृति, टैलीविज़न, फिल्म, थियेटर आदि कई क्षेत्रों की विशेषज्ञ हस्तियों के अतिरिक्त इनसे संबंधित अध्यापन क्षेत्र की शख्शीयतें भी एक मंच पर एकत्र हुई हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा उनको इस विभाग की जिम्मेवारी सौंपी गई है और उन्होंने यह दृढ प्रण किया है कि इस विभाग द्वारा पंजाबी साहित्य, संस्कृति, लोक कलांए, मातृ भाषा की सेवा करने के लिये सबको साथ लेकर कार्य किया जाये और एक सांस्कृति लहर खड़ी की जाये। विशेषज्ञों द्वारा मिले सुझावों के पश्चात श्री सिद्धू ने सब विशेषज्ञों से एक मत होते हुये कहा कि अशलीलता को नकेल डालने के लिये सांस्कृति नीति द्वारा ठोस कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पायरेसी को रोकने के लिये गुंडा एक्ट बनाना भी मुख्य एजेंडा होगा। श्री सिद्धू ने सभी विशेषज्ञों द्वारा सुझाव सुनने के पश्चात कहा कि यदि कोई और भी सुझाव या नुक्ता रह गया हो तो उसको लिखित रूप में विभाग को ई-मेल द्वारा भेज दिया जाये। 

उन्होंने कहा कि इन सभी सुझावों को एकत्र कर 15 दिनों के भीतर दोबारा बैठक रखी जायेगी जिसमें सभी सुझावों पर खुलकर विचार किया जायेगा। इसके बाद ठोस एवं कारगर बनाई जाने वाली सांस्कृतिक नीति को अंतिम रूप देने के लिये कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में दिया जायेगा।श्री सिद्धू ने कहा कि पंजाब हिंदी फिल्मों की शूटिंगों के लिये एक बढिय़ा स्थान है और इसको ध्यान में रखते हुये फिल्म पर्यटन को प्रौत्साहन देने के लिये राज्य में फिल्म सिटी बनाई जायेगी। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक एवं पर्यटन एक दूसरे के पूरक हैं और अपने अमीर संस्कृति एवं विरासत द्वारा पर्यटन को प्रौत्साहन दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि श्री दरबार साहिब अमृतसर में नित्य एक लाख से अधिक श्रद्धालु आते हैं। धार्मिक पर्यटन क्षेत्र को प्रौत्साहन देने के लिये एक सर्किट बनाया जायेगा जिसमें धार्मिक स्थानों को जोडक़र श्रद्धालुओं के लिये बढिय़ा प्रबंध किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब में कई ऐतिहासिक किले, यादगारें और घराने हैं जिनके सर्किट बनाकर पर्यटकों को आकर्षित किया जायेगा।