5 Dariya News

राहुल द्रविड़-जहीर खान के साथ का लुत्फ उठा रहा हूं : जयंत यादव

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नई दिल्ली 15-Apr-2017

बीते वर्ष इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई टेस्ट में नौवें नंबर पर आकर शतक जड़ सर्खियां बटोरने वाले हरियाणा के ऑफ स्पिनर जयंत यादव का कहना है कि वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अपनी टीम दिल्ली डेयरडेविल्स में कप्तान जहीर खान और मेंटॉर राहुल द्रविड़ के साथ रहकर काफी कुछ सीख रहें और उनके साथ रहने का पूरा लुत्फ उठा रहे हैं। जयंत ने आईपीएल के पिछले दो संस्करणों 2015 और 2016 में डेयरडेविल्स की टीम से कुल आठ मैच खेले हैं। यह डेयरडेविल्स के साथ उनका आईपीएल का तीसरा सत्र है। उनका कहना है कि राहुल और जहीर जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के साथ रहने से पता चलता है कि वह क्रिकेट के बारे में किस तरह से सोचते हैं। जयंत ने आईएएनएस से फोन पर कहा, "आप जब जहीर और द्रविड़ जैसे खिलाड़ियों के साथ रहते हो तो आपको पता चलता है कि ये लोग किस तरह सोचते हैं। आप कोशिश करते हैं कि इनके साथ रहकर क्रिकेट को लेकर अपनी सोच और बेहतर करें। वह दोनों अपना अनुभव टीम के साथ बांटते हैं। जैक (जहीर) भाई बताते हैं कि किस तरह की फील्डिंग लगानी चाहिए, वह बल्लेबाज को पढ़ने के बारे में भी बताते है। मैं पिछले दो साल से इनके के साथ का लुत्फ उठा रहा हूं।"जयंत भारत की टेस्ट टीम का हिस्सा रहे हैं। 

उन्होंन देश के लिए कुल चार टेस्ट मैच खेले हैं। उनसे जब टेस्ट और टी-20 में स्पिनर के सामने आने वाली चुनौती के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि दोनों प्रारुपों में काफी अंतर होता है और उसी को देखकर गेंदबाजी करनी पड़ती है। उन्होंने कहा, "काफी बदलाव करने पड़ते हैं, गेंद बदलती है। एसजी गेंद अलग होती है और कुकाबुरा गेंद अलग होती है। इनकी सीम भी अलग होती है। टी-20 में आपको आमतौर पर या तो पावर प्ले में गेंदबाजी करनी होती है या बीच के ओवरों में। यह भी टेस्ट से बिल्कुल अलग होता है। साथ ही आपको बल्लेबाज को पढ़ना होता है। टेस्ट में आप लंबे स्पैल करते हैं और एक टप्पे पर ही काफी देर तक गेंद डाल सकते हैं, लेकिन टी-20 में आप हर गेंद अलग तो नहीं डाल सकते, लेकिन अलग कोण से गेंदबाजी करनी होती है। आपको अलग गेंद करने की कोशिश करनी होती है।"आईपीएल के इस संस्करण में दिल्ली का गेंदबाजी आक्रमण काफी गहरा और अनुभवी है, लेकिन बल्लेबाजी में युवा खिलाड़ियों पर ही दारोमदार है। क्या बल्लेबाजी आक्रमण में अनुभव की कमी टीम को खल सकती है? इस पर जयंत ने कहा, "नहीं ऐसा नहीं है। 

अगर आपने पिछला मैच (राइजिंग पुणे सुपरजाएंट के खिलाफ 11 अप्रैल को खेला गया) देखा हो तो वो हमने अपनी बल्लेबाजी के दम पर ही जीता, इसलिए बल्लेबाजी की गुणवत्ता के ऊपर कोई सवाल ही नहीं है।"उन्होंने कहा, "हमारे पास करुण नायर, संजू सैमसन, ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर जैसे अच्छे बल्लेबाज हैं। ये कुछ ही नाम हैं, लेकिन इनके अलावा भी हमारे पास बेहद अच्छे घरेलू क्रिकेट के बल्लेबाज हैं जो लगातार अच्छा कर रहे हैं। यह सिर्फ मौका मिलने और लगातार अच्छा प्रदर्शन करने की बात है। मुझे नहीं लगता की अनुभव की कमी की कोई बात है।"टी-20 में बल्लेबाजों के आक्रामक स्वाभव से कैसे निपटते हैं? इसके जवाब में जयंत ने कहा कि बल्लेबाज का आक्रमक होना गेंदबाज के लिए विकेट लेने का मौका भी होता है।उन्होंने कहा, "जब बल्लेबाज आक्रमण करता है तो यह गेंदबाज के लिए भी विकेट लेने का मौका होता है। यह प्रारुप ऐसा है कि आप एक गेंद पर छक्का खा सकते हैं तो उसी गेंद पर विकेट भी ले सकते हैं। इसलिए यह बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों के लिए बराबरी का मौका होता है। बल्लेबाज भी आक्रमण करता है तो वो भी जोखिम उठाता है।"