5 Dariya News

341 यूनिट से संपन्न हुआ कॉम्पीटेंट फाउंडेशन का 17वां रक्तदान शिविर

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चंडीगढ़ 11-Apr-2017

भगवान हनुमान जन्महोत्सव के पावन अवसर पर सामाजिक संस्था, कॉम्पीटेंट फाउंडेशन और डी ए वी कॉलेज सेक्टर-10  के संयुक्त तत्वाधान में कॉलेज परिसर में 17वां रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ। इस शिविर में रक्तदान के साथ साथ गत वर्ष की भांति अंगदान और नेत्रदान के लिए भी संस्था द्वारा लोगों को प्रेरित किया गया | शिविर में 341यूनिट रक्तदान, 36 नेत्रदान और 110 लोगों ने अंगदान के लिए ऑन द स्पॉट पंजीकरण किए गए।कार्यक्रम की जानकारी प्रदान करते हुए संस्था के प्रबंध निदेशक संजय टंडन ने बताया कि शिविर का उद्घाटन पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक वी पी एस बदनौर ने किया जबकि चंडीगढ़ के सलाहकार परिमल राय ने शिविर में विशेष अतिथि के रूप में इसमें हिस्सा लिया | इस मौके पर चंडीगढ़भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन और उनकी धर्मपत्नी प्रिया टंडन द्वारा लिखी गई, 'सनरेज़ फॉर ट्यूसडे' के हिंदी संस्करण का भी विमोचन मुख्यातिथि के कर कमलों द्वारा किया गया । गौरतलब है कि इस पुस्तक में 52 प्रेरणादायक लघु कहानियों को एक माला में पिरोया गया है और उनके द्वारा लिखी गई अब तक की सभी पुस्तकों को लेकर सभी लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला है जिससे प्रेरणा पाकर वह अपनी व्यस्तता के चलते अपनी धर्मपत्नी के साथ मिलकर इन लघु कहानियों को संग्रहित करने में लग जाते हैं | 

इस अवसर पर राज्यपाल बदनौर ने संस्था और उसके संस्थापकों की सराहना करते हुए कहा कि संजय टंडन और उनका पूरा परिवार जिस प्रकार से समाज की सेवा में लीन है उसका वह शब्दों में व्याख्यान नहीं कर सकते | समाज, दीन  औरदुखियों की सेवा से बड़ा इस दुनिया में कोई धन नहीं है | उन्होंने कार्य संस्था द्वारा अब तक किये गए सभी सामाजिक कार्यों उनको स्मरण करते हुए कहा कि यदि परिवार में ऐसे संस्कार विद्यमान हो तो उस परिवार पर प्रभु कृपा अपने आप बरसती है और यह संस्कार ही उन्हें अपनी मंजिल तक पहुँचाने का कार्य करते हैं | उन्होंने इस अवसर पर संस्था के फाउंडर सदस्य एवं छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलराम जी दास टंडन द्वारा सामाजिक कार्यों को याद किया और कहा कि ये उनके द्वारा दिए ही ऐसे संस्कार हैं कि शुभ दिवसों पर रक्तदान, अंगदान और नेत्रदान शिविरों का आयोजन किया गया है |कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए संस्थापक संजय टंडन ने कहा, "हमारीगैर-सरकारी संस्था पिछले नौवर्षों से रक्तदान शिविरों का आयोजन करती आ रहीहै। इस दौरान आयोजित 16शिविरों में हमने 4601 यूनिट से ज्यादा रक्तइक्ट्ठा किया है जिसे पीजीआई और जीएमसीएच चंडीगढ़ को दान किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी हर किताब को भगवान श्री सत्य साईं बाबा का आशीर्वादप्राप्त है। ये किताबेंभी हमारे सामाजिक कार्यों का हिस्सा है और इन्हेंबेचकर मिलने वाला पैसा समाज के कल्याण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा"। उन्होंने कहा कि संस्था इस से पूर्व प्रेस क्लब चंडीगढ़ एवं पंजाब एंड हरियाणा बार एसोसिएशन के साथ मिलकर पहले ही रक्तदान शिविरों को लगा चुकी है | 

इस कार्यक्रम में आर आर एस के मुनीश्वर लाल, भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ एवं पंजाब के प्रदेश संगठन महामंत्री दिनेश कुमार,हरियाणा प्रदेश के मंत्री ज्ञान चंद गुप्ता,नगर निगम महापौर आशा जसवाल,गृह सचिव चंडीगढ़ प्रशासन अनुराग अग्रवाल, पी जी आई निदेशक जगत राम,प्रदेश महासचिव भाजपा चंडीगढ़ चंद्रशेखर एवं प्रेम कौशिक,महाराज रसिक जी, वरिष्ठउपमहापौरराजेश गुप्ता , उप महापौर अनिल दुबे, स्वास्थ्य सेवाएँ चंडीगढ़ निदेशक राकेश कश्यप, पी जी आई चंडीगढ़ एक मेडिकल सुपरिटेंडेट डॉक्टर विपिन कौशल,शिंगारा सिंह चेयरमैन पंचायत समिति चंडीगढ़, जुझार सिंह चेयरमैन मार्किट कमेटी चंडीगढ़,एफओ एस डब्लू ए सी चेयरमैन बलजिंदर सिंह बिट्टू ,रोटरी इंटरनेशनल के पूर्व अध्यक्ष आर के साबू,उद्योगपति अशोक खन्ना,पूर्व महापौर चंडीगढ़ कमला शर्मा,सभी भाजपा पार्षद नगर निगम चंडीगढ़के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ताओं ने इसमें हिस्सा लिया | कम्पीटेंट फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक संजय टंडन ने इस मौके पर रक्तदान,नेत्रदानएवं अंगदान करने वाले लोगों और डीए वी प्रबंधन काविशेष आभार व्यक्त किया |

जब संजय टंडन ने अपने करियर की शुरूआत की थी तब उन्होंने अपनी कमाई का कुछ हिस्सा बचाकर सामाजिक कल्याण के कार्यों के लिए अलग रखना शुरू किया। वो अब इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाऊंटेंट्स ऑफ इंडिया के सदस्य और कॉस्ट अकाऊंटेंट्स ऑफ इंडिया के सह-सदस्य हैं। उन्होंने अक्तूबर 2006 में कॉम्पीटेंट फाउंडेशन की स्थापनाकी थी। इस संस्था का सिद्धांत-वाक्य है, 'हेल्प ऐवर, हर्ट नेवर', यानिहमेशा मदद करो, किसी को दर्द ना पहुंचाओ। इस संस्था ने समाज के पिछड़े औरअल्पाधिकार प्राप्त वर्गों के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है जिसमें साप्ताहिक लंगर, मेडिकल शिविर, मुफ्त शिक्षा इत्यादि शामिल हैं।  साल 2002 में संजय टंडन ने एक साथ कई लोगों को ई-मेल के ज़रिए अच्चे विचारोंभरे संदेश भेजने शुरू किए। इसके बाद यही कार्य रोज़ाना एसएमएस के ज़रियेकिया गया और आज रोज़ाना 5000 से ज्यादा लोगों को ये संदेश भेजे जाते हैं।अब एक कदम आगे बढ़ाते हुए, पिछले 11 सालों के आंकड़े खुद में संजोए रखीसाईं वाहिनी और सनरेज़ नाम की दो मोबाईल एप्पस की शुरुआत की गई है।