5 Dariya News

कांग्रेस ने शंगलू रिपोर्ट पर अरविंद केजरीवाल से मांगा इस्तीफा

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नई दिल्ली 06-Apr-2017

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने गुरुवार को अपना फर्ज निभाते हुए शुंगलू समिति की रिपोर्ट को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की। रिपोर्ट में दिल्ली सरकार पर नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है। पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने केजरीवाल सरकार को विफल साबित करने की मुहिम के तहत शुंगलू समिति का गठन किया था और 400 से अधिक फाइलें रोककर जांच के लिए इस समिति को सौंप दी थी।माकन ने मांग की कि शुंगलू समिति की रिपोर्ट के निष्कर्षो के आधार पर इस मामले की जांच शुरू की जानी चाहिए।कांग्रेस इस मामले को विधानसभा में नहीं उठा सकती, क्योंकि उसका एक भी विधायक नहीं है। इसलिए सिर्फ प्रेसवार्ता में अपनी बात रखना पार्टी की मजबूरी है।

माकन ने संवाददाताओं से कहा, "यदि केजरीवाल के पास थोड़ी भी नैतिकता बची है तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।"उन्होंने कहा, "इस संबंध में एक जांच शुरू की जानी चाहिए। केजरीवाल को जांच के दौरान पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।"माकन ने केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और बिना मंजूरी के आप नेताओं के विदेशी दौरे पर जनता के पैसे को बर्बाद करने का आरोप लगाया। माकन ने कहा कि उन्होंने आरटीआई के जरिए रिपोर्ट प्राप्त की है।माकन ने यह भी कहा कि कांग्रेस समर्थक और कार्यकर्ता शुक्रवार को आप के खिलाफ दिल्ली के सभी 272 वार्डो में प्रदर्शन का आयोजन करेंगे। कार्यकर्ता शुंगलू समिति की रिपोर्ट में उजागर की गई गड़बड़ियों को लोगों तक पहुंचाएंगे।

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा बीते साल अगस्त में दिल्ली प्रशासन में उपराज्यपाल को प्रमुखता दिए जाने के बाद तत्कालिक पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने तीन सदस्यीय शुंगलू समिति का गठन किया था। इसके अध्यक्ष पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) वी.के. शुंगलू बनाए गए।शुंगलू समिति की रिपोर्ट में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की बेटी सौम्या जैन की दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक परियोजना में मिशन निदेशक के सलाहकार पद पर नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए गए हैं।समिति ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी के रिश्तेदार निकुंज अग्रवाल के स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी के रूप में नियुक्ति पर भी सवाल उठाए हैं।समिति ने मंत्रिमंडल के उस फैसले पर भी सवाल उठाया, जिसमें सरकारी 206, राउस एवेन्यू बंगले को आम आदमी पार्टी के कार्यालय के रूप में आवंटित किया गया।