5 Dariya News

बतौर फिल्मकार इतना लंबा सफर तय करूंगा, सोचा नहीं था : मणिरत्नम

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चेन्नई 06-Apr-2017

नेशनल अवार्ड विजेता प्रख्यात फिल्मकार मणिरत्नम का कहना है कि बतौर फिल्मकार वह इतना लंबा रास्ता तय करेंगे, शुरुआत में उन्होंने इसके बारे में सोचा तक नहीं था। बीते तीन दशक से फिल्म निर्देशन में सक्रिय, दर्शकों और समालोचकों द्वारा सराहे गए मणिरत्नम साथ ही यह भी कहते हैं कि इतने लंबे समय तक फिल्म उद्योग में टिके रहने का मतलब खुद को समय के साथ बनाए रखना भी है।मणिरत्नम ने कन्नड़ फिल्म 'पल्लवी अनु पल्लवी' से 1983 में फिल्म निर्देशन की शुरुआत की और उसके बाद उन्होंने भारतीय फिल्म जगत को 'मौन रागम', 'रोजा', 'दिल से', 'युवा' और 'नयागान' जैसी उत्कृष्ट फिल्में दीं।

मणिरत्नम ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, "जब आप कोई सफर शुरू करते हैं तो उस समय खुद से नहीं पूछते कि आप अंत तक टिके रहेंगे क्या। जब मैंने फिल्म निर्माण शुरू किया, उस समय बतौर फिल्मकार मैं अपने इतने लंबे सफर के बारे में सोच नहीं पाया था। यह सोचकर आश्चर्य होता है कि ए. आर. रहमान के साथ काम करते हुए 25 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन हमने कभी एकदूसरे से ऐसा नहीं कहा कि हम एकसाथ काम करना जारी रखेंगे।"मणिरत्नम जल्द ही एकबार फिर रहमान के संगीत में पगी फिल्म 'कातरू वेलियिदाई' लाने वाले हैं और यह फिल्म दोनों फिल्मी दिग्गजों की जुगलबंदी के 25 वर्ष पूरे करेगी।

मणिरत्नम ने कहा, "रहमान और मुझे हमेशा एकदूसरे के साथ काम कर खुशी मिलती है। हमने कभी ऐसी कोई योजना नहीं बनाई थी कि हम साथ-साथ 25 साल तक काम करने वाले हैं। यहां तक कि जब आप विवाह करते हैं, तब भी आप अपने साथी के साथ मिलकर यह फैसला नहीं करते कि दोनों इतने वर्षो तक साथ निभाएंगे। आप बस सिर्फ जीवन की रफ्तार के साथ बहते चले जाते हैं।"61 वर्षीय मणिरत्नम के फिल्मी सफर को देखें तो पाएंगे कि वह समय की नब्ज पकड़ने में लगातार सफल रहे हैं और नई पीढ़ी के दर्शकों की संवेदनाओं से उनकी फिल्म हमेशा तालमेल बिठा लेती है। हालांकि मणिरत्नम का कहना है कि इसमें ऐसी कोई राज वाली बात नहीं है।

उन्होंने कहा, "सभी को समय के साथ बदलना होता है, यह हर पेशे में लागू होता है। उदाहरण के लिए क्लिंट ईस्टवुड को ही लें। वह अभी भी फिल्में बना रहे हैं और दर्शक उनकी फिल्मों से खुद को जोड़ लेते हैं। वह बेहद सफल फिल्मकार हैं। अगर आप बदल नहीं सकते तो आप सफलता हासिल नहीं कर सकते।"फिल्म बनाने के लिए मिलने वाली प्रेरणा के बारे में मणिरत्नम कहते हैं, "मुझे सिनेमा से इतना अधिक लगाव है कि उसके लिए मुझे अलग से किसी प्रेरणा की जरूरत नहीं है।"मणिरत्नम कहते हैं, "हर फिल्म किसी नए सफर के जैसा होता है। मुझे अभी भी नहीं पता कि किसी दृश्य को कैसे फिल्माना चाहिए। 

यह एक अभ्यास है, किसी दृश्य को उसकी संपूर्णता में कैद कर पाना, फिर उन दृश्यों को एकसाथ रखकर एडिट करना और एक पूरी कहानी तैयार करना। यह बेहद रोचक प्रक्रिया है और यह मुझे हर पल प्रेरित करता रहता है।"मणिरत्नम कहते हैं कि जब भी वह कोई अच्छी फिल्म देखते हैं तो उससे भी उन्हें और अच्छा काम करने की प्रेरणा मिलती है।मणिरत्नम ने जब अपनी नई फिल्म 'कातरू वेलियिदाई' के लिए कार्थि को बतौर मुख्य कलाकार चुना तो फिल्म जगत हैरान रह गया। इस पर मणिरत्नम कहते हैं कि कई बार अलग छवि के कलाकार को लेना अच्छा रहता है।वह कहते हैं, "अगर किसी कलाकार ने किसी क्षेत्र विशेष में काम नहीं किया है, तो मुझे उससे कुछ नया मिल जाता है। अगर कार्थि ने लगातार पांच रोमांटिक फिल्में की होतीं तो मैं मानकर चलता कि मुझे उनसे कुछ नया नहीं मिलने वाला।"