पूरे सैशन में विरोधी पक्ष को एक मिनट भी बोलने का समय नहीं दे रहे, वॉक-आउट के लिए किया मजबूर- एच.एस. फूलका
कांग्रेस का तानाशाही व्यवहार निंदनीय
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चंडीगड़ 27-Mar-2017
पंजाब विधान सभा में मुख्य विरोधी पक्ष आम आदमी पार्टी और लोक इन्साफ पार्टी गठजोड के विधायकों की तरफ से सोमवार को सदन से वॉक-आउट किये जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए विरोधी पक्ष के नेता एच.एस. फूलका ने सत्ताधारी कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पूरे सैशन में विरोधी पक्ष को एक मिनट का भी बोलने का समय नहीं दिया जा रहा, कांग्रेस का यह कदम संविधान की उलंघना और लोकतंत्र की हत्या है।फूलका ने बताया कि शैसन का जो प्रोगराम पिछले शुक्रवार को सदन के सदस्यों को बांटा गया था उसमें माननीय राज्यपाल के भाषण पर वोटस आफ्फ थैंक्स के अंतर्गत 28 मार्च को 2 बजे बहस शुरू करवाने का प्रोगराम था, परन्तु आज जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो पहले निर्धारित और सर्कुलेट किये प्रोगराम को बदल कर नई कार्यवाही पेश कर दी गई। जिस के अंतर्गत इस शैसन में बहस को खत्म करके अगले विधान सभा शैसन तक रद्द कर दिया गया।फूलका ने बताया कि जब उन्होंने संविधानिक नियमों का हवाला दे कर बताया कि यह गैर संविधानिक कदम है तो सत्ताधारी पक्ष उनकी दलील को रद्द नहीं कर सकी, बावजूद इसके सत्ताधारी पक्ष अपने तानाशाही फैसले पर डटी रही और इस संकल्प को धक्केशाही के साथ पास कर दिया गया जिस कारण आम आदमी पार्टी और लोक इन्साफ पार्टी गठजोड को विरोध के तौर पर सदन से वॉक-आउूट करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
फूलका ने बताया कि सत्ताधारी पक्ष अपनी बात को सही साबित करने के लिए सिर्फ यही दलील देती रही है कि 2002 में भी कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार ने अपने पहले शैसन में वोट आफ्फ थैंक्स पर बहस को अगले सैशन तक रद्द कर दिया था। लेकिन उनके पास हमारी इस बात का कोई जवाब नहीं था कि यदि उस समय विरोधी पक्ष में बैठी अकाली-भाजपा ने संविधान की उलंघना और लोकतंत्र की हत्या पर कोई प्रतीक्रिया नहीं दी तो यह अकाली -भाजपा की मजबूरी हो सकती है, आम आदमी पार्टी और लोक इन्साफ पार्टी गठजोड कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार के तानाशाही रवेयै और ऐसी संविधानिक बेनियमियों को बर्दाश्त नहीं करेगा और विरोधी पक्ष के तौर पर अपने पंजाब हितैषी फर्जों पर डट कर पहरा देगा।फूलका ने कहा कि असली तौर पर वोट आफ थैंक्स को रद्द करने का कारण आम आदमी पार्टी और लोक इन्साफ पार्टी गठजोड की तरफ से पूछे जाने वाले सवालों का कांग्रेस के पास कोई जवाब न होना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा चुनावों के दौरान बठिंडा में एक नशा तस्कर के पास से सवा लाख बोतलें शराब पकड़े जाने और उस पर दर्ज केस को खारिज करवाने संबंधी आप स्पष्टीकरण चाहती है।
चुनाव कमीशन की हिदायतों अनुसार पुलिस ने बठिंडा में एक तस्कर को सवा लाख बोतलें शराब के साथ पकडक़र केस दर्ज किया था और माननीय अदालत ने भी उसकी जमानत अर्जी ख़ारिज कर दी थी। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद सरकार द्वारा अदालत में इस सम्बन्धित अर्जी दायर की गई की सरकार अब इस केस को ख़त्म करना चाहती है यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस नशों के मामलो में कितनी गंभीर है।फूलका ने कहा कि कांग्रेस सरकार को यह डर था कि आम आदमी पार्टी और लोक इन्साफ पार्टी गठजोड सरकार द्वारा असविंधानिक ढंग के साथ तैनात किये 13 सलाहकारों जिनमें से 5 के पास मंत्री का दर्जा है के बारे में पूछेगा। इस लिए उन्हों ने चर्चा से भागना ही उपयुक्त समझा। उन्होंने कहा कि रेते के व्यापार में गुंडा टैकस अकाली नेताओं से कांग्रेसी नेताओं के हाथ चले जाने सम्बन्धित जवाब देना भी कांग्रेस के लिए गले की हड्डी साबित होना था।