5 Dariya News

बिहार व झारखंड में मानव संसाधन की क्षमता पर ध्यान देना होगा : प्रणब मुखर्जी

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पटना (बिहार) 24-Mar-2017

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यहां शुक्रवार को कहा कि बिहार की ऐतिहासिक धरती पर आकर उन्हें प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि बिहार और झारखंड जैसे राज्यों को आंख मूंदकर केवल औद्योगीकरण के मार्ग पर चलने से बचना होगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मानव संसाधन की अपार क्षमता पर ध्यान देना होगा। पटना में एशियन डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर (आद्री) के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित रजत जयंती कार्यक्रम के तहत 'बिहार और झारखंड के साझा इतिहास, साक्षा दृष्टि' विषय पर आयोजित सम्मेलन में भाग लेते हुए राष्ट्रपति ने बिहार के विकास की तारीफ की। उन्होंने बिहार को महात्मा बुद्ध और महावीर की धरती बताते हुए कहा, "मैं बिहार कई मौकों पर आ चुका हूं। यहां आकर प्रेरणा मिलती है।" प्रणब ने कहा कि नीति निर्माताओं को बिहार और झारखंड जैसे राज्यों के बारे में गंभीरता से विचार करना होगा। 

इन क्षेत्रों के बारे में विकास की ऐसी रणनीति तैयार करनी होगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था के विकास में अपनी क्षमता के अनुरूप भागीदारी सुनिश्चित कर सके।उन्होंने कहा कि बिहार और झारखंड के लोगों की अपेक्षाएं काफी बढ़ी हुई हैं। इन राज्य के लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए सही राह पकड़नी होगी। राष्ट्रपति ने कहा, "विकास को गति देने, समाज को सही दिशा और जन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए व्यापक राजनीतिक पहल की जरूरत है।"उन्होंने यह भी माना कि कई ऐसे कारण रहे, जिसकी वजह से आज बिहार और झारखंड प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता के बावजूद जनता की आकांक्षाएं पूरी नहीं कर पा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि वैकल्पिक नीति के तहत शिक्षा के क्षेत्र में प्राथमिकता के आधार पर निवेश बढ़ाना होगा।राष्ट्रपति ने उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार-झारखंड जैसे राज्यों को बांग्लादेश से सीखने की जरूरत है। 

1971 में अलग राष्ट्र बनने के बाद कम समय में बांग्लादेश ने जो प्रगति किया है, वह एक तरीके से रोल मॉडल साबित हो सकता है।राष्ट्रपति इससे पहले विशेष विमान से पटना हवाईअड्डा पहुंचे, जहां राज्यपाल रामनाथ कोविंद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति पटना हवाईअड्डे से सीधे आद्री के आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद राष्ट्रपति दिल्ली वापस लौट गए। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर पटना की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पांच दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में बिहार और झारखंड के वर्तमान को गढ़नेवाले, यहां के साझा विकास, आंदोलन, पतन और विविधताओं के साझा इतिहास के साथ निकट भविष्य के यात्रा पर विचार किया जाएगा। इसमें कई विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।