5 Dariya News

मुख्यमंत्री द्वारा सुरक्षा व गैर जरूरी डियूटी निभा रहे पुलिस कर्मचारी वापिस बुलाने के लिए मूल्यांकन करने के आदेश

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चंडीगढ़ 20-Mar-2017

राज्य में पुलिस कर्मचारियों के कल्याण को विश्वसनीय बनाने और उनके कामकाज में सुधार लाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने पुलिस आयुक्ततों और जिला पुलिस मुखियों को सुरक्षा व अन्य गैेर जरूरी डियूटी निभा रहे पुलिस कर्मचारियों को तुरंत वापिस बुलाने के लिए पुलिस कर्मचारियों की संख्या का मूल्यांकन करने के निर्देश दिए ताकि लोगों की सुरक्षा के लिए अधिक से अधिक पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की जा सके।राज्य पुलिस द्वारा विभिन्न लोगों को मुहैया करवाई गई सुरक्षा का जायज़ा लेने के लिए पहले ही डी जी पी  कानून व्यवस्था  की अध्यक्षता तहत राज्य स्तरीय जायज़ा कमेटी एस एल आर सी स्थापित की गई है। इस कमेटी को संवैधानिक, सार्वजनिक पदाधिकारियों, अधिकारियों व प्राईवेट व्यक्तियों को मुहैया करवाई गई सुरक्षा का व्यापक जायज़ा लेने का कार्य सौंपा गया है। यह कमेटी विशेष सिफारिशों के साथ अपनी रिपोर्ट 24 मार्च, 2017 तक राज्य के महानिदेशक  पुलिस श्री सुरेश अरोड़ा को सौपेंगी।आज यहां उच्च प्रशासकीय व पुलिस अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मद्देनज़र बड़े पुलिस सुधार लागू करने का फैसला किया है। यह वादा कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में भी किया था।

मुख्यमंत्री ने डिवीज़नल कमिश्ररों, डिप्टी कमिश्ररों, पुलिस कमिश्ररों और पुलिस मुखियों को पुलिस स्टेशनों की सीमाएं तुरंत तर्कसंगत बनाने के लिए कार्य करने और इस संबंधी प्रस्ताव दो सप्ताह में गृह विभाग को भेजने के लिए कहा है। क्षेत्र इंचार्ज प्रणाली तुरंत समाप्त करने के आदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कार्य कुशलता को बढ़ाने के लिए पुलिस थानों व सब-डिवीज़नों के क्षेत्रों को पुन: ढांचागत करने का निर्णय लिया है। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने पुलिस कर्मचारियों के कार्य घंटे निर्धारित करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में पुलिस थानों और पुलिस पोस्टों पर कार्य करने वाले कर्मचारियों पर विशेष बल दिया।मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने इस कारण पुलिस कर्मचारियों , आपातकालीन डियूटी के अतिरिक्त डियूटी घंटे निश्चित करने का फैसला किया है ताकि उनके कार्य स्थिति में सुधार लाया जा सके और वह अपने परिवारों की तरफ ध्यान दे सकें। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि पुलिस कर्मचारियों के कल्याण उनका एक मुख्य चुनाव वादा था और वह इसे शीघ्रतिशीघ्र लागू करने के लिए दृढ़ हैं।

राज्य में कानून व्यवस्था को बहाल करने को विश्वसनीय बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे वह रोज़मर्रा के कार्य के संबंध में अपने अधिकारियों को खुली छूट दे रहे हैं पर वह जवाबदेही तथा समयबद्ध परिणामों की भी तवज्जों करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि रोज़गार के प्रशासनिक, पुलिस थानों, पुलिस जांच तथा ट्रैफिक यातायात को लागू करने संबंधी कार्यों में किसी भी  किस्म का कोई दखल नहीं होगा।बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव श्री सुरेश कुमार, मुख्य सचिव श्री करन अवतार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री एन एस कलसी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री सतीश चन्द्रा, राज्य के पुलिस मुखी श्री सुरेश अरोड़ा, प्रमुख सचिव सहित श्रीमती विनी महाजन, प्रमुख सचिव खाद्य व सिविल आपूर्ति डा. रोशन सुंकारिया, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव श्री गुरकीरत कृपाल सिंह तथा उप प्रमुख सचिव श्रीमती अमृत गिल उपस्थित थे।