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वी आई पी कल्चर समाप्त करने संबंधी मंत्रीमंडल के फैसले से कुछ घंटो बाद ही मुख्यमंत्री एवं मंत्रीयों ने वाहनों से लाल बत्ती हटाई

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चंडीगढ़ 19-Mar-2017

वी आई पी कल्चर समाप्त करने संबंधी मंत्रीमंडल के फैसले पर तुरंत अमल करते हुये और इस संबंध में औपचारिक अधिसूचना का इंतजार किये बिना पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कैबिनेट मंत्रीयों ने अपने वाहनों से लाल बत्ती हटा दी हैं। शनिवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में मंत्रीमंडल की पहली बैठक के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री और शेष मंत्रीयों ने अपने वाहनों से लाल बत्ती हटा दी। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि वी आई पी कल्चर की दिखावेबाजी को समाप्त करने संबंधी सरकार का यह कदम कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र का हिस्सा है और मंत्रीमंडल ने इसको सही मायनों में अमल में लाने का फैसला किया, चाहे कि कांग्रेस के चुनाव घेाषणा-पत्र में मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रीयों को इसके घेरे से बाहर रखा गया था परंतु समूची कैबिनेट ने अपने आप को इस फैसले के दायरे में लाने का फैसला किया।प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों के वाहनों से लाल बत्ती हटाने से राज्य सरकार के उन प्रयासों का आरंभ हुआ है जिसका मकसद सरकारी मशीनरी में से जोर-शोर से प्रचारे जाते वी आई पी संस्कृति का संपूर्ण सफाया करना है जो बीते वर्षो से खजाने पर बड़ा बोझ पडऩे के साथ-साथ आम आदमी के लिये घोर मुसीबतों का कारण बना हुआ है। 

इस संबंध में गत् सरकार द्वारा भारी कर्जे के रूप में बोझ डाला गया। प्रवक्ता ने बताया कि एमरजैंसी अस्पताल, एंबूलैंस, आग बुझाओ वाहनों के अतिरिक्त पंजाब एवं हरियाणा हाईकार्ट के चीफ जस्टिस एवं शेष जजों के वाहनों को छोड़ कर सरकारी वाहनों पर लाल बत्ती का प्रयोग संबंधी नीति को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया पहले ही आरंभ की जा चुकी है। प्रवक्ता ने बताया कि आवश्यक अधिसूचना जारी होते ही सभी सरकारी विभागों द्वारा इसका कठोरता से पालन किया जायेगा। प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रीमंडल के शेष फैसलों को लागू करने की प्रक्रिया भी आरंभ की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सभी फैसलों को समयबद्ध ढांचे में अमल में लाया जायेगा और मुख्यमंत्री तथा संबंधित मंत्री इसकी नीजि तौर पर निगरानी कर रहें हैं ताकि इसमें हुई कोई अड़चन या देरी ना होने को यकीनी बना सकें। शनिवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में मंत्रीमंडल की प्रथम बैठक में ही कांग्रेस के चुनाव घोषणा-पत्र में किये वायदों को अमली रूप देने के लिये 120 से अधिक फैसले लेकर इसको विकास कार्यक्रम के तौर पर अपनाया गया।