5 Dariya News

पंजाब सरकार द्वारा किसानी कर्जो का मूल्यांकन करने के लिये विशेषज्ञों का एक ग्रुप बनाने का निर्णय

यह ग्रुप ऋण समाप्त करने के लिये 60 दिनों में प्रस्ताव पेश करेगा, मंत्रीमंडल द्वारा किसानों को निशुल्क बिज़ली जारी रखने का फैसला

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चंडीगढ़ 18-Mar-2017

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने किसानों पर कृषि कर्जो का मूल्यांकन करने तथा समयबद्ध रूप में इन कर्जो को समाप्त करने के लिये तरीकों का पता लगाने के लिये विशेषज्ञों का एक ग्रुप स्थापित करने का निर्णय लिया है।यह फैसला कांग्रेस पार्टी द्वारा राज्य के सभी किसानों के कर्जे माफ करने के लिये विधान सभा चुनावों से पूर्व  किये वायदे को लागू करने के लिये आज पंजाब भवन में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में नव गठित मंत्रीमंडल की प्रथम बैठक में लिया गया है।एक सरकारी प्रवक्ता अनुसार इस ग्रुप के सदस्य मुख्यमंत्री द्वारा खुद नामजद किये जायेंगे और इस ग्रुप द्वारा अपनी रिपोर्ट 60 दिनों में प्रस्तुत किये जाने को कृषि विभाग यकीनी बनायेगा।बैठक में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक कैबिनेट सब-कमेटी गठित करने का भी फैसला किया गया है जो किसानों के कर्जो को माफ करने के प्रस्ताव को अंतिम रूप देगी। वित्त, कृषि, सिंचाई तथा बिजली विभाग से संबंधित मंत्री इस कमेटी के सदस्य होंगे जिसकी सहायता मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव वित्त तथा एफ सी डी करेंगे। इस कार्य के लिये कृषि विभाग सुविधा मुहैया करवायेगा। 

कर्जा देने वाली एजेंसियों द्वारा किसानों की जमीन की बिक्री तथा कुर्की रोकने के लिये एक नया कानून बनाया जायेगा। कृषि विभाग मंत्रीमंडल की आगामी बैठक में इस संबंधी बिल का प्रारूप प्रस्तुत करेगा। मंत्रीमंडल ने किसानों को निशुल्क बिज़ली जारी रखने का फैसला किया है और इसके साथ ही पंजाब कोऑपरेटिव सोसाइटिज़ एक्ट 1961 की मौजूदा धारा 67 (ए) समाप्त करने का भी फैसला किया है जिसके लिये सहकारिता विभाग शीघ्र अति शीघ्र ऑर्डीनैंस जारी करेगा।राज्य में कृषि को प्रौत्साहन देने के लिये और भी महत्वपूर्ण फैसले लिये हैं जिनमें पंजाब राज्य कृषि बीमा कार्पोरेशन स्थापित करना, कृषि को मज़बूत करने के लिये ठोस कार्यक्रम चलाना, सीधे बैंक तबादले द्वारा किसानों को सबसिडी का भुगतान करना, पंजाब किसान आयोग को और मज़बूत बनाना तथा पूनरगठित करना और कृषि उत्पादन बोर्ड का गठन करना शामिल है।राज्य के उद्योग को पुन: जीवित करने के लिये मंत्रीमंडल ने नई औद्योगिक नीति बनाने का फैसला किया है जो उद्योग विभाग द्वारा तैयार की जायेगी और 90 दिनों में अधिसूचित की जायेगी। मंत्रीमंडल द्वारा लिये एक अन्य फैसले के अनुसार अब नये बिज़ली कनेक्शनों तथा बिज़ली का लोड बढ़ाने के लिये एन औ सी तथा सी एल यू की कोई जरूरत नही होगी।मंत्रीमंडल ने नोटीफाईड औद्योगिक जोनों के लिये सी एल यू (भूमि प्रयोग तबादला) प्राप्त करने की शर्त समाप्त करने का फैसला किया है। अंतरराज्यीय सीमा पर आई सी सी यंत्रकृत करने का फैसला किया है। अब इन सभी स्थानों पर मानवीय रोक नही होगी। यह कार्य 180 दिनों में पूरा किया जायेगा।