5 Dariya News

सैनिक ने नेताओं पर उतारा गुस्सा

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कोल्हापुर (महाराष्ट्र) 13-Mar-2017

महाराष्ट्र के एक नेता द्वारा सैनिकों के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी से नाराज एक सैनिक ने सोमवार को एक वीडियो और अपने गांव में लगाए गए एक बड़े बैनर के जरिए राजनेताओं और नौकरशाहों पर सार्वजनिक तौर पर गुस्सा उतारा है। सेना की एक बटालियन में पश्चिम बंगाल में लांस हवलदार के रूप में कार्यरत, रंजीत गावडे इस समय छुट्टी पर अपने गांव म्हालुंगे आए हुए हैं। उन्होंने भाजपा समर्थित निर्दलीय एमएलसी प्रशांत परिचारक द्वारा चुनाव अभियान के दौरान दिए गए आपत्तिजनक बयानों पर अपना गुस्सा उतारा है।परिचारक ने कथित तौर पर कहा था कि सीमा पर तैनात सैनिक जब पिता बनते हैं तो मिठाइयां बांटते हैं, जबकि साल भर तक वे घर नहीं गए होते हैं। यानी इस बयान के जरिए परोक्ष रूप से सैनिकों की पत्नियों की अविश्वसनीयता करार दिया गया था।

पिछले गुरुवार को हुए हंगामे के बाद महाराष्ट्र विधानपरिषद के सभापति रामराजे निंबालकर ने परिचारक को 18 महीने के लिए निलंबित कर दिया था और पूरे मामले की जांच के लिए नौ सदस्यीय समिति गठित कर दी थी। यद्यपि परिचारक ने बाद में अपने बयान के लिए माफी मांग ली।गावडे ने किसी नेता या नौकरशाह का नाम लिए बगैर एक कविता लिखी है, जो आंशिक रूप से वीडियो में मौजूद है और गांव में लगाए गए बैनर में यह कविता पूरी तरह मौजूद है, जिसमें विधायक की टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर की गई है।गावडे ने आईएएनएस से कहा, "इसका भारतीय सेना या किसी राजनीतिक पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। 

सुदूर स्थानों पर तैनात सभी सैनिकों को हाल के दिनों में कुछ लोगों द्वारा की गई इस तरह की गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों से दुख पहुंचा है। मैंने सिर्फ आगे आकर इस तरीके से अपनी पीड़ा जाहिर की है।"उन्होंने अपने वीडियो में एक दुखद संदेश जारी किया है और बैनर पर सेना की वर्दी में उनकी आदमकद तस्वीर छपी है, जिसका शीर्षक है - मैं कौन हूं।गावडे ने कहा, "देश की सेवा करते हुए यदि मैं शहीद हो जाऊं तो ये भ्रष्ट नेता और नौकरशाह मेरे शव को हाथ न लगाएं। यह मेरी अंतिम इच्छा है।" गावडे ने सैन्यकर्मियों से आग्रह किया है कि यदि वे सम्मान की जिंदगी जीना चाहते हैं और इन भौकने वाले कुत्तों को सबक सिखाना चाहते हैं तो वे आगे आएं।