5 Dariya News

एल.सी.ई.टी. में अंत्र राष्ट्रीय महिला दिवस को समर्पित हफ्तावारी प्रोगरामों का आयोजन

पेंटिंग और रंगोली बनाने के करवाए गए मुकाबले, महिलाओं को समाज के हर क्षेत्र में समानता देना समय की मांग :चेयरमैन विजय गुप्ता

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लुधियाना 09-Mar-2017

आज के संसार में औरत की ताकत और योगदान को दिखाने के लिए लुधियाना इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग और टेक्नोलोजी, कटांनी कलों के विद्यार्थियों की तरफ से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को समर्पित हफ्तावारी समारोहों का आयोजन किया। इस दौरान कैंपस में महिला सशकतीकरन विषय और सैमीनार,पोस्टर मेकिंग और रंगोली मेकिंग मुकाबले भी करवाए गए। इस के साथ ही एल सी ई टी के विद्यार्थियों ने भी शक्ति प्रैज़टेंशन के द्वारा औरतों के समाज के योगदान और उन के हकों सम्बन्धित अनमोल जानकारी अपने साथियों के साथ सांझी की। अखरीले दिन के समाप्ति समारोह में आर्ट आफ लिविंग के सदस्यों ने औरत की समाज को देने विषय पर अहम जानकारी सांझी की। इस मौके पर आर्ट आफ लिविंग की तरफ से अमिता चौपड़ा और रेखा मित्तल ने विद्यार्थियों के साथ अनमोल जानकारी सांझी की। जब कि इस समाप्ति समारोह की शुरुआत चेयरमैन विजय गुप्ता की तरफ से दीप जला कर और देवी सरस्वती को श्रद्धा प्रकटा कर की गई। इस मौके और स्टाफ सदस्यों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर और अलग -अलग क्षेत्रों को नाम कमाने वाली महिलाएं के जीवन और उन की उपलबधियें और चर्चा की और अपने विचार पेश किये। 

चेयरमैन विजय गुप्ता ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि बेशक समय के साथ महिलाएं अपने हक के प्रति जागरुक हुई हैं परंतु फिर भी भारतीय समाज में महिलाओं की समानता के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है। उन्होंने कहा कि बेशक अनपढ़ता महिलाओं के हकों के लिए एक बड़ी रुकावट है परंतु पढ़ी लिखी लड़कियां व महिलाएं अपने हक से मरहूम नजर आती हैं। यहां तक की काम करने वाली महिलाएं भी अपनी वित्तीय समानता से कोसों दूर हैं। उन्होंने कहा कि बेशक महिलाएं पैसे तो कमाती हैं परंतु उनकी कमाई परिवार के मरद उपयोग करते हैं। यह भी एक तरह से गुलामी की निशानी है। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं के हकों संबंधी जानकारी व लड़कियों के प्रति एक साकारात्मक सोच बनाने की अपील की।

इस अवसर पर अमिता चौपड़ा  ने छात्राओं को अंतरषाट्रीय महिला दिवस के इतिहास संबंधी जानकारी देते हुए महिलाओं के हक, समाज में आ रहे बदलाव, युवा पीढ़ी की महिलाओं के प्रति बदल रही साकारात्मक सोच व महिलाओं में हो रहे शिक्षा के प्रसार जैसे मुद्दों बारे जानकारी शेयर की।इस अवसर पर रेखा मित्तल ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी को यह समझ लेना चाहिए कि मरद व औरत एक ही गाड़ी के दो पहिए हैं और एक दूसरे के सहायक हैं। इसलिए अगर समाज ने तरक्की करनी है तो महिलाओं को अपने बराबर समानता देनी होगी। उन्होंने आज की औरत के समाज मे योगदान बारे चर्चा करते हुए कहा कि हमें महिलाओं के समाज में दिए गए योगदान से शिक्षा लेनी चाहिए। इंस्टीट्यूट के अन्य स्टाफ सदस्यों द्वारा इस अवसर पर तकरीरें, छात्राओं द्वारा २१वीं सदी की महिला के समाज में योगदान के लिए पेश की गई पे्रजेंटेशन को भरपूर प्रशंसा मिली।