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आजम खान 8 मार्च को न्यायालय के समक्ष पेश हों : सर्वोच्च न्यायालय

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नई दिल्ली 07-Mar-2017

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान से जल निगम के एक मामले में जमानत वारंट का वास्ता देते हुए आठ मार्च को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष पेश होने का आदेश दिया है। न्यायालय में व्यक्तिगत तौर पर पेश न होने के कारण उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया है।प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.एस.केहर, न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति एस.के.कौल ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता के उस अनुरोध को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि 11 मार्च को खत्म हो रहे विधानसभा चुनाव के बाद वह उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए न्यायालय में पेश होंगे।आजम को एक मार्च और छह मार्च को आजम से व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लेख करते हुए शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा, "उच्च न्यायालय को लगता है कि आप (खान) उनकी आंखों में धूल झोंक रहे हैं। 

अदालत आपको पेशी के लिए कह रहा है, लेकिन आप ऐसा नहीं कर रहे हैं..जमानती वारंट जारी होने के बाद भी आप पेश नहीं हुए..आप जाइए और जो भी कहना है उच्च न्यायालय से कहिए।"आजम के वकील ने न्यायालय से कहा कि मंत्री उत्तर प्रदेश जल निगम के पदेन अध्यक्ष हैं और इसलिए उनका मामले से कोई लेना-देना नहीं है।उच्च न्यायालय ने जल निगम द्वारा साल 2013 में दाखिल सेवा याचिका पर आजम के खिलाफ वारंट जारी करने का आदेश दिया था। उत्तर प्रदेश लोक सेवा न्यायाधिकरण द्वारा सहायक अभियंता डी.के.सिंह के पक्ष में फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की गई थी। सिंह के खिलाफ जल निगम ने वित्तीय अनियमितताओं को लेकर वसूली की कार्रवाई शुरू की थी।न्यायालय ने आजम तथा अन्य अधिकारियों को मामले में पेश होने के लिए कहा है। वहीं, जल निगम के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य अभियंता न्यायालय में पेश हो चुके हैं, जबकि विभाग के अध्यक्ष आजम खान पेश नहीं हुए।