5 Dariya News

प्रजापति की गिरफ्तारी पर रोक से सर्वोच्च न्यायालय का इंकार

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लखनऊ/दिल्ली 06-Mar-2017

सामूहिक दुष्कर्म व पॉस्को एक्ट के मामले में फंसे उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को जमानत के लिए अब निचली अदालत का दरवाजा खटखटाना होगा। दअरसल, प्रजापति की गिरफ्तारी पर रोक से सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को इंकार कर दिया है। गायत्री प्रजापति ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए गायत्री प्रजापति व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के अपने आदेश मंे बदलाव करने से इंकार कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि गायत्री गैर जमानती आदेश को निचली अदालत में चुनौती दें। वह अपनी याचिका लेकर संबंधित न्यायालय के पास ही जाएं।बता दें कि गिरफ्तारी से बचकर भाग रहे मंत्री प्रजापति सहित सातों आरोपियों के खिलाफ शनिवार को न्यायालय ने गैर जमानती वारंट (एनबीडब्लू) जारी कर दिया था। इसके साथ ही मंत्री गायत्री के देश से भागने की आंशका के चलते उनका पासपोर्ट चार सप्ताह के लिए निलंबित कर उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया था।इस बीच रविवार को राज्यपाल राम नाईक ने भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिख कर परिवहन मंत्री गायत्री प्रजापति के कैबिनेट में बने रहने तथा उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर सवाल किया था और साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उनके मंत्रिमंडल में बने रहने के औचित्य पर अपने अभिमत से उन्हें शीघ्रातिशीघ्र अवगत कराएं।

बताया जा रहा है कि उप्र पुलिस ने गायत्री प्रजापति की संपत्ति कुर्क करने की कवायद शुरू कर दी है। पुलिस एक-दो दिन में गायत्री की संपत्ति कुर्क करने की अनुमति लेने के लिए न्यायालय में अर्जी देगी। न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद पुलिस गायत्री प्रजापति को नोटिस भेजेगी कि अगर वह समर्पण नहीं करते हैं तो उनकी संपत्ति कुर्क कर दी जाएगी। इसके लिए नियमानुसार एक महीने का समय दिया जाता है।गौरतलब है कि 18 फरवरी को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर गौतमपल्ली थाने में गायत्री प्रजापति सहित सात लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म का प्रयास, धमकी, पॉक्सो एक्ट सहित आइपीसी की अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। महिला ने तहरीर में कहा है कि तीन वर्ष पूर्व वह गायत्री प्रसाद प्रजापति से खनन की जमीन के पट्टे के लिए उनके पांच गौतमपल्ली मंत्री आवास पर मिली थी, जहां उन्होंने चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर दिया, जिससे महिला बेहोश हो गई और गायत्री सहित सात लोगों ने मिलकर दुष्कर्म किया। महिला ने अपनी नाबालिग बेटी संग दुष्कर्म के प्रयास करने का मामला भी दर्ज कराया था। महिला के आरोप पर मंत्री गायत्री प्रजापति के अलावा विकास वर्मा, चंद्रपाल, रूपेश, आशीष गुप्ता, अशोक तिवारी और पिंटू सिंह पर मुकदमा दर्ज किया गया था।