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जेएंडके कृशि सेक्टर में निवेश के लिए सहयोगरत-जी एच मीर

इंडिया फार्म 2 फोर्क‘ पर दो दिवसीय अतंर्राश्ट्रीय सम्मेलन-कम-प्रदर्शनी

5 दरिया न्यूज (अनुभव सूरी)

कश्मीर 29-Nov-2013

जम्मू कश्मीर में कोल्ड चैन ढांचागत, रैफरीजरेटर ट्रांसपोटेंशन एवं पोस्ट- हरवेस्ट मैनेजमैंट से सम्बंधित नेटवर्क की स्थापना में नीति विय संसाधन एवं तकनीकी निवेश की संभावनाओं का स्वागत करते हुए कृशि मंत्री श्री गुलाम हसन मीर ने कहा कि जेएंडके सरकार कृशि सेक्टर में नीजि भागीदारी को शामिल करने के लिए एक नीति मुद्दे पर विचार कर रही है। इंडिया फार्म 2 फोर्क‘ के दो दिवसीय अतंर्राश्ट्रीय सम्मेलन-कम-प्रदर्शनी के उद्घाटन सत्र के अवसर पर अपने सम्बोधन में मंत्री ने यह बात कही। जिसका आयोजन नई दिल्ली में प्रागरेस हारमनी डेवेलपमैंट, चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा किया गया था जिसमें राज्य के कृशि मंत्री ने जेएंडके स्टेट से सम्बंधित कृशि एवं फूड सेक्टर का विजन प्रस्तुत किया। मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में विभिन्न किस्म की फूड की किस्मे जो कृशि बागवानी, भेड एवं पशु पालन सेक्टर से सम्बंधित है उत्पादन किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि कृशि उत्पादन में बडी संभावनाएं है पंरतु परिवहन के कारण हानि उठाना पड रही है। क्योंकि राज्य की भूगौलिक स्थिति अनुसार एकत्रित केन्द्र स्टोरेज सुविधा की कमी है। 

मीर ने कहा कि उच्च टोल डिप्टी एवं परिवहन की अधिक कीमत से राज्य के किसानो को को कई समस्याओं का सामना करना पड रहा है तथा राज्य सरकार एग्री पोडूसर आरगेनाईजेंशन के माध्यम से विकासीय सहायता के तौर पर इन सेक्टरो के लिए एकत्रित केन्द्र, स्टोर सुविधा एवं परिवहन व्यवस्था में सुधार ला रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीति एग्री बेस स्कीलड विकास एवं प्रशिक्शण संस्थानो के आधार पर कृशि सैक्टर में नीजि प्लेयरस के लिए निवेश को शामिल कर रही है।  

श्री मीर ने कहा कि जेएडंके सरकार इस क्शेत्र के साथ फसलो के बीज उत्पादन से सम्बंधित अन्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए नीजि निवेशको को हर संभव सहयोग दे रही है। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी सेब उत्पादन के लिए जानी जाती है पंरतु अधिकृत पोस्ट हरवेस्ट के कारण कई किस्म की समस्याओं का सामना किसानो को करना पडता है। म्ंात्री ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न केन्द्रीय प्रायोजित स्कीमों को भी लागू कर रही है तथा ‘नेशनल मिशन आफ फूड प्रोसेसिगं के अधीन पर्याप्त मात्रा में सहायता चाहती है जिसके साथ स्कीलड विकास एवं रोजगार उत्पादन भी जुडा हुआ है।