5 Dariya News

बिल न भरने के कारण वाटर वर्कस के बिजली क्नैक्शन काटे जाने वाली नगर कौंसिलों और पंचायतों विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी - आम आदमी पार्टी

शारदा-यमुना लिंक नहर हरियाणा को पानी प्रदान करने का एक मात्र हल - एच.एस. फूलका

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जलंधर 03-Mar-2017

सूबे भर में नगर कौंसिलों और पंचायतों द्वारा वाटर वर्कसों के बिजली के बिल न भरने के कारण कनैक्शन काटे जाने कारण आम लोगों को आ रही पानी की किल्लत का सख्त नोटिस लेती आम आदमी पार्टी ने इस कार्य के लिए जिम्मेदार नगर कौंसिल प्रधानों और पंचायतों के सरपंचों विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने की चेतावनी दी है। जालंधर में पत्रकारों को संबोधन करते आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता एच.एस. फूलका ने कहा कि यह नगर कौंसिलों और पंचायतों की असफलता है कि वह अपने इलाके के लोगों को पीने का पानी जैसी मूल सुविधा प्रदान करने में नाकामयाब रहे हैं। उन्होंने इस कार्य को अमानविया बताते कहा कि आम लोगों से बिल की राशि ले कर प्रधानों और सरपंचों ने इसका दुरुपयोग किया है। 

फूलका ने कहा कि सूबे भर से आ रही खबरों अनुसार ऐसे सैंकड़े मामले मिल रहे हैं, जहां कि अफसरों और नेताओं की मिलीभुगत के कारण लोग पानी जैसी मूल सुविधा से वंचित रह रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देती कहा कि या तो सम्बन्धित प्रधान और सरपंच बिल भर कर लोगों को सुविधा प्रदान करें या कार्यवाही के लिए तैयार रहे। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार व्यक्तियों को बर्खास्त करके उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाएंगे और भविष्य में मतदान लडऩे से वंचित रखा जायेगा। आप नेता डा. अमरजीत सिंह थिंद ने कहा कि जालंधर क्षेत्र में 50 के करीब ऐसे गांव हैं जिनमें बिजली के बिल न भरने के कारण वाटर वर्कसों की बिजली काट दी गई है। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग नगर कौंसिलों और पंचायतों को लिखित रूप में भरोसा देने की शर्त पर बिजली बहाल करने का भरोसा दे रहा है, परंतु नगर कौंसिलों और पंचायतों इस सम्बन्धित कोई कार्य नहीं कर रही। 

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और राजनैतिक बदलाखोरी ऐसी दुर्गति के लिए जिम्मेदार हैं। एस.वाई.एल. मुद्दे पर बोलते फूलका ने कहा कि अकाली-भाजपा और कांग्रेस ने इस मुद्दे को हमेशा राजनैतिक लाभ लेने के लिए इस्तेमाल किया है। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से बनाई साल 2002 की योजना के अनुसार हरियाणा को पानी शारदा -यमुना लिंक नहर के द्वारा दिया जाना है क्यों जो फालतू पानी उत्तराखंड सूबे में बाढ़ का कारण बनता है और इसको हरियाणा के क्षेत्रों में सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को तत्काल तौर पर प्रधान मंत्री इंद्रा गांधी द्वारा 1976 में जारी किया आडर वापिस लेना चाहिए। सूबे भर में आलू उत्पादकों को पेश आ रही मुश्किलों संबंधी बोलते फूलका ने कहा कि सरकार किसानों के मसलों के लिए चिंतित नहीं है। 

उन्होंने कहा कि समकालीन सरकारों द्वारा पंजाब में किसानों की मदद के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। सूबे के आलू उत्पादकों को अपनी फसल रखने के लिए कोल्ड स्टोर मुहैया न करवा कर उनको अपनी फसल बहुत ही कम रेटों पर बेचने के लिए मजबूर किया गया है। ‘‘केंद्र में फूड प्रोसेसिंग मंत्री होने के बावजूद भी हरसिमरत बादल अपने निजी लाभ के लिए सूबे में खेती के साथ सम्बन्धित उद्योग लगाने में नाकामयाब साबित हुई है ’’ फूलका ने कहा। उन्होंने कहा कि पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी की 1978 की रिपोर्ट में भी पंजाब में खेती अधारित उदयोग लगाने की बात कही गई है परंतु कांग्रेस और अकाली दल ऐसा करने में नाकामयाब साबित हुआ है। फूलका ने कहा कि ‘‘यह हैरानीजनक बात है कि मोदी सरकार विदेशों में से गेहूं आयात करवाने जा रही है जबकि सूबे में किसानों की गेहूं मंडियों में बेकार पड़ी हुई है। मोदी सरकार ने बड़े घराणों को लाभ देने की नीयत के साथ अयात कर 15 प्रतिशत से घटा कर 0 प्रतिशत कर दिया है। जिससे देश के किसान को ओर मुश्किलें पेश आऐंगी ’’इस मौका पर आप नेता चंदन ग्रेवाल, ऐच.ऐस वालीया, सुखदीप अपरा और आत्म प्रकाश बबलू भी मौजूद थे।