5 Dariya News

असहमति मंजूर, देश को तोड़ना नामंजूर : वेंकैया नायडू

5 Dariya News

नई दिल्ली 27-Feb-2017

केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि किसी को भी इस बात का अधिकार नहीं है कि वह देश के टुकड़े करने और कश्मीर की आजादी की बात का समर्थन करे। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में वामपंथी ताकतें विश्वविद्यालयों को 'अलगाववादी परीक्षणों की प्रयोगशालाएं' बनाने की कोशिश कर रही हैं। दिल्ली के रामजस कालेज में छात्र संगठन एबीवीपी और आईसा के बीच हुई हिंसा के एक बड़े राजनीतिक विवाद में बदल जाने के बीच नायडू ने विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले का आरोप लगाने के लिए तीखे प्रहार किए।उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, "असहमति मंजूर है लेकिन तोड़ना नहीं। कोई भी (देश को) तोड़ने की वकालत नहीं कर सकता। कश्मीर की 'आजादी' का क्या मतलब है? हजारों लोगों ने देश की एकता व अखंडता के लिए जान दी है।"नायडू ने कहा, "जम्मू एवं कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। कोई कश्मीर की 'आजादी' की कैसे वकालत कर सकता है? 

वे विश्वविद्यालयों को अलगाववादी परीक्षणों की प्रयोगशालाएं बनाना चाहते हैं।"किसी का नाम लिए बिना उन्होंने वामपंथियों पर उच्च शैक्षिक संस्थानों में समस्याएं पैदा करने का आरोप लगाया।नायडू ने कहा, "सच तो यह है कि वे हताश हैं क्योंकि लोगों की बहुसंख्या ने उनकी विचारधारा को नकार दिया है। वे वैचारिक और राजनीतिक, दोनों रूप से नकारे जा चुके हैं। हताश लोग, अब युवा जहन को ऐसे तर्को से गुमराह करना चाह रहे हैं।"मंत्री ने कहा, "(भारत में) सात हजार शैक्षिक संस्थान हैं और पूर्ण शांति है। लेकिन वे (वामपंथी) कुछ में जातिवादी, सांप्रदायिक और अलगाववादी मुद्दे उठाकर समस्या पैदा करना चाह रहे हैं।"नायडू ने रामजस कालेज की हिंसा के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताने के लिए कांग्रेस की आलोचना की।उन्होंने कहा, "जिन लोगों ने इमरजेंसी लगाई थी, जिन्होंने पूरे विपक्ष को सलाखों के पीछे डाल दिया था, जिन्होंने मीडिया पर रोक लगाई थी, अब वे ही अभिव्यक्ति की आजादी पर उपदेश दे रहे हैं। कांग्रेस और इसके समर्थक राष्ट्रवादी संगठनों की आलोचना कर रहे हैं। एबीवीपी एक राष्ट्रवादी संगठन है।"