5 Dariya News

कांग्रेस के गढ़ पहुंची स्मृति ईरानी, निशाने पर रहे राहुल गांधी

5 Dariya News

अमेठी 25-Feb-2017

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण के प्रचार के अंतिम दिन केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी कांग्रेस युवराज राहुल गांधी के गढ़ अमेठी पहुंची। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार रानी गरिमा सिंह के समर्थन में आयोजित जनासभा में स्मृति ईरानी के निशाने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी रही। पूरे सुक्खा टीकरमाफी अमेठी में हुई जनसभा को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी किसानों के झूठे हितैषी बनते हैं। वह पहले अमेठी के किसानों की जमीन दिलाएं तब उनके हित की बात करें। उन्होंने कहा कि राहुल ने अमेठी के लिए कुछ नहीं किया, राहुल को यहां के लोगों से वोट मांगने का हक नहीं है। उन्होंने कहा कि आज अमेठी उत्तर प्रदेश का सबसे पिछड़ा जिला है। इसकी देन कई वर्षो तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस सरकार है। 

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल पीएम मोदी पर यहां फूड पार्क बंद करने का आरोप लगाते हैं, लेकिन राहुल ने फूड पार्क को चलाने के लिए पावर प्लांट का आवंटन नहीं किया।समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार और मंत्री गायत्री प्रजापति को निशाने पर लेते हुए स्मृति ने मौजूद जनता से सवाल किया कि चरित्र से गिरने वाले व्यक्ति को आप वोट दंेगे क्या? इस पर जनता ने नहीं में सिर हिलाकर उनका समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जिस प्रत्याशी के प्रचार में प्रदेश के मुख्यमन्त्री अमेठी आए और अपने सम्बोधन में आरोपी मंत्री का नाम तक नहीं लिया और न ही उनके साथ मंच साझा किया, यानी उन्हें अपनी भूल का एहसास हुआ। 

गायत्री प्रजापति पर तंज कसते हुए स्मृति ने कहा कि प्रदेश को खूब लूट कर कल का बीपीएल कार्ड धारक आज अरबों का मालिक बन बैठा है। लोगों की ओर मुखातिब होकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आप लोगों ने 5 साल समाजवादी सरकार के क्रियाकलाप को देखा है। हमें पता है कि आप लोग खुश नहीं हैं बल्कि त्रस्त हैं। अब की बार भाजपा की 300 के पार सीटें आ रही है। सरकार बनते ही किसानों के कर्जे माफ कर दिए जाएंगे।ट्रिपल आईटी के मुद्दे पर स्मृति ने कहा कि उससे अमेठी वालों को खास फायदा नहीं मिल रहा था इसलिए उसे हटाकर विश्वविद्यालय का रूप दिया, जिसकी वजह से आज अमेठी के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए दूर दराज के क्षेत्रों में नहीं जाना पड़ रहा है।