भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने बुधवार को कहा कि उनकी टीम आस्ट्रेलिया को लेकर चितित नहीं है बल्कि वह अपनी क्षमताओं के अनुरूप प्रदर्शन करने पर ध्यान दे रही है। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच गुरुवार से चार टेस्ट मैचों" /> आस्ट्रेलिया पर नहीं, अपने प्रदर्शन पर है ध्यान : विराट कोहली
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आस्ट्रेलिया पर नहीं, अपने प्रदर्शन पर है ध्यान : विराट कोहली

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पुणे 22-Feb-2017

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने बुधवार को कहा कि उनकी टीम आस्ट्रेलिया को लेकर चितित नहीं है बल्कि वह अपनी क्षमताओं के अनुरूप प्रदर्शन करने पर ध्यान दे रही है। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच गुरुवार से चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला का पहला मैच यहां के विदर्भ क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा।भारतीय टीम पिछले 19 मैचों से अपराजित है और जिस तरह की फॉर्म में है उसे देखकर आस्ट्रेलिया के लिए यह श्रृंखला बेहद चुनौतीपूर्ण साबित होने वाली है। कोहली (28) ने मैच से पहले कहा कि भारतीय टीम को अपना ध्यान अपने खेल पर केंद्रित करने की जरूरत है। टीम को विपक्षी दल की फार्म या संयोजन के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।कोहली ने कहा, "हर मैच, हर श्रृंखला चुनौतीपूर्ण होती है। हम जितनी भी टीमों के खिलाफ खेले हैं, वह सभी अच्छी टीमें थीं और आस्ट्रेलिया उनसे अलग नहीं है। हम किसी श्रृंखला को कम या ज्यादा के पैमाने पर माप नहीं सकते। हम आस्ट्रेलिया को अलग तरीके से नहीं ले रहे हैं। 

हर विरोधी का समान सम्मान करना चाहिए।"कोहली ने कहा, "हम विरोधी टीम के संयोजन को लेकर चिंतित नहीं हैं। हम जो करना चाहते हैं, उसे लेकर हम सहज हैं। हमें हमारी योग्ताओं के नकारात्मक और सकारात्म पहलुओं के बारे में पता है। हमने कुछ तैयारियां की हैं। हम अपने खेल पर ध्यान देना चाहते हैं। हम हर टीम का सम्मान करते हैं लेकिन हमारा ध्यान अपनी क्षमताओं पर है।"भारतीय कप्तान ने कहा, "इंग्लैंड अच्छी टीम थी और राजकोट में खेला गया पहला मैच हमने ड्रॉ करा लिया था जिससे हमें आत्मविश्वास मिला। इस समय टीम में हर खिलाड़ी के पास आत्मविश्वास है।"कोहली का मानना है कि कप्तान उतना ही अच्छा होता है, जितनी अच्छी टीम होती है। उन्होंने कहा, "कप्तानी टीम के प्रदर्शन के हिसाब से ही अच्छी होती है। अगर खिलाड़ी अपनी क्षमताओं के अनुरूप नहीं खेलेंगे तो एक कप्तान के तौर पर मैं कुछ भी नहीं कर सकता।"

उन्होंने कहा, "मैं हर श्रृंखला के बाद अपनी समीक्षा नहीं करता। हमारी प्राथमिकता और लक्ष्य, मैच जीतना है। जितनी टीम परिपक्व होती जाती है, उतना कप्तान अच्छा लगने लगता है। अगर टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं करेगी तो कप्तानी नियंत्रण से बाहर लगने लगती है।"कोहली ने कहा, "पांच से आठ साल बाद, अगर मैं तब तक कप्तान रहा तो, मैं कप्तान के तौर पर अपनी समीक्षा कर पाऊंगा। मेरा व्यक्तिगत तौर पर यह मानना है कि यह अपनी समीक्षा करने का सही समय नहीं है।"कोहली ने कहा कि कप्तानी एक जिम्मेदारी का अहसास देती है जिसने उन्हें बल्लेबाज निखारने में मदद दी है। उन्होंने कहा, "कप्तानी किसी भी मोड़ पर आपको लापरवाह नहीं होने देती, खासकर बल्ले से। बतौर कप्तान आप आत्मसंतुष्ट नहीं हो सकते।"